चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी देश, समाज के समग्र विकास का संकेत: मुर्मु
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि चुनावों में हमारे समावेशी लोकतंत्र की प्रभावशाली झलक दिखाई देती है और चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी देश तथा समाज के समग्र विकास का एक महत्वपूर्ण संकेत है।राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को यहां आयोजित 15वें मतदाता दिवस समारोह में कहा कि चुनाव आयोगने 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं, दिव्यांग मतदाताओं और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी मतदाताओं के लिये मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिये विशेष प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह चुनाव आयोग ने समावेशी और संवेदनशील चुनाव प्रबंधन का एक अच्छा उदाहरण पेश किया है।समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल थे। इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू ने गणमान्यों का स्वागत किया।
श्रीमती मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत न केवल सबसे पुराना, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा, सबसे विविध, युवा और समावेशी लोकतंत्र है। राष्ट्रपति ने पिछले तीन लोकसभा चुनावों में लगातार 66 प्रतिशत मतदान के आंकड़े को छूने के लिये चुनाव आयोग और मतदाताओं की बढ़ी हुई भागीदारी के लिये बधाई दी। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को लेकर प्रसन्नत व्यक्त की और इसे सामाजिक और राष्ट्रीय प्रगति का संकेत बताया। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग को उसकी सेवा के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुये 18 लोकसभा चुनाव और 400 से अधिक राज्य विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने में चुनाव आयोग की भूमिका की सराहना की।मतदान से जुड़े अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय मतदाता दिवस के महत्व के बारे में उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण उत्सव है।इस अवसर पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि तथा विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख/उप प्रमुख/प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री मेघवाल ने कहा कि पिछले 75 वर्षों के सफर में भारतीय चुनाव आयोग ने लोगों में विश्वास पैदा करके लोकतंत्र को मजबूत किया है। उन्होंने घर से मतदान, तीसरे लिंग के मतदाताओं को मतदान के लिये सशक्त बनाना, ब्रेल मतदाता पहचान पत्र और मतदान केंद्रों पर रैंप जैसी चुनाव आयोग की पहलों की सराहना की और कहा कि ये चुनाव प्रक्रियाओं को आसान और समावेशी बनाने की दिशा में उत्साहजनक प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं का ऐतिहासिक मील का पत्थर भारतीय लोकतंत्र की अभूतपूर्व उपलब्धि होगी।मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपने संबोधन में भारतीय मतदाताओं की सूझबूझ और बुद्धिमत्ता की प्रशंसा की और कहा कि वे देश के लोकतंत्र के अंतिम संरक्षक बने रहेंगे। राजनीतिक दलों और मीडिया की सक्रिय भागीदारी के साथ पारदर्शी चुनाव कराने में चुनाव अधिकारियों के अथक प्रयासों के लिये उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हुये, श्री कुमार ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत का लोकतंत्र लचीला बना रहेगा और इसे कमजोर करने के किसी भी प्रयास से सुरक्षित रखेगा।उन्होंने नागरिकों, विशेषकर युवाओं और शहरी मतदाताओं से चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से देश के भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनावों के दौरान, चुनाव आयोग दुनिया में जनशक्ति का सबसे बड़ा पूल बन जाता है। उन्होंने कहा कि आलोचना लोकतांत्रिक लोकाचार का अभिन्न अंग है, लेकिन दुनिया भर के लोग कानूनी अनुरूपता, सटीकता, पारदर्शिता और गति को स्वीकार करते हैं, जिससे भारत चुनावों की निगरानी और संचालन करता है, जो शायद दुनिया में बेजोड़ है। अपने स्वागत भाषण में डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि भारत में लोकतंत्र मतदाताओं, चुनाव अधिकारियों, सुरक्षा बलों, स्वयंसेवकों, मीडिया और अन्य हितधारकों के सामूहिक प्रयासों से फलता-फूलता है, जो चुनाव की पवित्रता को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।श्री कुमार ने राष्ट्रपति को “इंडिया वोट्स 2024: ए सागा ऑफ डेमोक्रेसी” शीर्षक वाली चुनाव आयोग की कॉफी टेबल बुक की पहली प्रति भेंट की। यह प्रकाशन पाठकों को लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की एक झलक प्रदान करता है, जिसमें ज्वलंत दृश्य और सम्मोहक कथायें प्रदर्शित की गयी हैं। इसके अलावा, चुनाव आयोग प्रकाशन, “बिलीफ इन द बैलट: ह्यूमन स्टोरीज शेपिंग इंडियाज 2024 इलेक्शन” की एक प्रति भी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राष्ट्रपति को भेंट की।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने 22 प्राप्तकर्ताओं को सर्वश्रेष्ठ चुनावी व्यवहार पुरस्कार प्रदान किये, जिसमें चुनाव प्रबंधन, सुरक्षा प्रबंधन, मतदाता शिक्षा और समावेशिता में उनके उत्कृष्ट योगदान का जश्न मनाया गया।ये पुरस्कार 2024 के लोकसभा और 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिये चुनाव प्रबंधन में कई श्रेणियों में असाधारण योगदान को मान्यता देते हैं। जम्मू और कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयुक्त को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का पुरस्कार दिया गया।(वार्ता)
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