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रूस-यूक्रेन विवाद पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई शुरू

हेग : नीदरलैंड के हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सोमवार को रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के मुद्दे पर सुनवाई शुरू हुई।यूक्रेन ने कहा है कि रूस एक ‘अस्तित्वहीन नरसंहार’ को रोकने के लिए किसी संप्रभु राष्ट्र पर आक्रमण नहीं कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस मुद्दे पर मंगलवार को भी सुनवाई होगी। (वार्ता)

यूक्रेन से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रूस युद्ध रोकने को हुआ तैयार

युद्धग्रस्त यूक्रेन के विभिन्न शहरों में हो रही गोलाबारी के बीच फंसे भारतीय छात्रों समेत सैंकडों लोगों की सुरक्षित निकासी के परिप्रेक्ष्य में मानवीय गलियारा बनाने के वास्ते रूस युद्धविराम के लिए तैयार हो गया है। मीडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।बीबीसी ने कहा “ यूक्रेन के राजधानी शहर के साथ साथ खारकीव, मारियूपॉल और सुमी में रूसी सेनाओं को सबसे जबरदस्त हमला हुआ है और इन्हीं शहरों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सुरक्षित गलियारे बनाये जायेंगे।रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार स्थानीय समयानुसार सुबह दस बजे से और भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े बारह बजे से युद्धविराम किया जायेगा हालांकि यूक्रेनी प्रशासन की ओर से इसकी पुष्टि होना बाकी है।

इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों के अनुरोध के बाद रूस ने सोमवार को यूक्रेन में फंसे विदेशियों के लिए मानवीय गलियारे खोलने के लिए भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे से संघर्ष विराम की घोषणा की है। बयान मे ंकहा गया कि युद्धविराम के दौरान रूस ड्रोन की मदद से नागरिकों को सुरक्षित निकलने मे ंभी मदद करेगा। रूस अब यूक्रेन से किसी निश्चित कार्रवाई का इंतजार कर रहा है।बयान में कहा गया “ हम मानवीय गलियारा बनाये जाने के लिए और विदेशी लोगों के साथ नागरिकों के सुरक्षित निकलने की व्यवस्था करने की यूक्रेन से अपील करते हैं।

अमेरिका और नाटो ने यूक्रेन को दिए टैंक भेदी मिसाइलें, जेलेंस्की-बाइडन सीधे संपर्क में

अमेरिका और नाटो देशों की ओर से यूक्रेन को दिए गए टैंक भेदी सैन्य साजो-सामान और जेवलिन मिसाइलें कीव और खारकीव की ओर बढ़ रही रूसी टैंकों के काफिले को रोक पाने में कारगर सिद्ध हो रही हैं। अमेरिकी जेवलिन मिसाइलों से यूक्रेन के सैनिकों के हौसले बुलंद हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के निर्देश पर यूक्रेन को 17000 टैंक भेदी सैन्य सामान, गोला-बारूद के साथ जेवलिन मिसाइलें दी गई हैं। ये सभी सैन्य सामान पौलैंड और रोमानिया की सीमा पर एक बड़े मिलिट्री कार्गो से यूक्रेन को सप्लाई की गई बताते हैं। पेंटागन अधिकारियों की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के निर्देश पर यूक्रेन को पिछले सात दिनों में 35 करोड़ डॉलर के सैन्य सामान का तीन चौथाई दिया जा चुका है।

बाइडन ने 26 फरवरी को इससे संबंधित निर्देश दिया था। बताया जाता है कि जेवलिन मिसाइल कीव को घेरे हुए रूसी टैंकों पर कारगर सिद्ध हो रही हैं।अमेरिकी मीडिया के अनुसार यह सभी सैन्य सामान पिछले सप्ताह उस समय दिया गया, जब रूसी सैनिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में व्यस्त थे।मीडिया में प्रसारित खबरों में कहा गया है कि युनाइटेड स्टेट साइबर कमाण्ड, जिसे साइबर टीम के नाम से पुकारते हैं रूस के डिजिटल हमलों पर भी नजर रखे हुए है। यह टीम रूसी खुफिया संचार माध्यमों पर भी नजरें गड़ाए हुए है और स्टेटलाइट से रूसी मिलिट्री के आवागमन और उनकी सैन्य गतिविधियों की पल-पल की खबरों का जायजा लिया जा रहा है।

बताया जाता है कि इन्हीं संचार माध्यमों से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के लगातार सम्पर्क में हैं। जेलेंस्की ने शनिवार रात को बाइडन से 35 मिनट बातचीत की थी। इस बातचीत में जेलेंस्की ने एकबार फिर नो फ्लाई जोन, लड़ाकू विमान की नई खेप पहुँचाने और रूस की ऊर्जा सप्लाई बंद किए जाने का आग्रह किया। बताया जाता है कि बाइडन ने पोलैंड के राष्ट्रपति से आग्रह कर रूस से आयातित मिंग विमानों की एक खेप यूक्रेन को दिए जाने का आग्रह किया था। यूक्रेन के पायलट इन विमानों को चलाने में माहिर बताए जाते हैं।

यूक्रेन की सीमा पार करके पड़ोसी देशों में जा चुके एक करोड़ 50 लाख से अधिक शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि रूसी सेना के हमलों के बाद एक करोड़ 50 लाख से अधिक शरणार्थी यूक्रेन की सीमा पार करके पड़ोसी देशों में जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने एक ट्वीट संदेश में आज कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला शरणार्थी संकट है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने शरणार्थी आंकड़ो पर तत्काल विस्तृत अपडेट नहीं दिया।

रूस की सेना में सीरिया के लड़ाकेः द कीव इंडिपेंडेंट

मीडिया एजेंसी द कीव इंडिपेंडेंट ने दावा किया है कि रूस अब सीरियाई लड़ाकों को अपनी सेना में शामिल कर रहा है। काफी संख्या में यह लड़ाके रूस पहुंच भी गए हैं। रूस में प्रशिक्षण लेने के बाद यह सभी कीव में जंग लड़ने पहुंचेंगे। द कीव इंडिपेंडेंट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूस ने सीरिया की असद सरकार की गृह युद्ध में मदद की थी। उसी मदद के बदले सीरिया अपने लड़ाकों को रूस की मदद के लिए भेज रहा है। इस बीच नाटो ने यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सैन्य सहायता के हिस्से के रूप में फाइटर जेट भेजने की पहल की है। रूस के अधिकारियों के मुताबिक सीरिया के गृह युद्ध में इन लड़ाकों को लड़ने का अनुभव है। यह यूक्रेन पर कब्जा करने में मदद कर सकते हैं। रूस इन लड़ाकों को 200-300 डॉलर (15 से 23 हजार रुपये) देगा। यह लड़ाके छह महीने के लिए यूक्रेन जाकर रूसी सैनिकों की मदद करेंगे।

न्यूजीलैंड ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर लगाया प्रतिबंध

युद्धग्रस्त यूक्रेन में मची तबाही के 12वें दिन सोमवार को न्यूजीलैंड ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन समेत रूस के 100 लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध तक यह लोग न्यूजीलैंड की यात्रा नहीं कर पाएंगे।नीदरलैंड के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि न्यूजीलैंड में प्रतिबंधित लोगों की सूची में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा सहित अन्य शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा है, “प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न और विदेश मामलों की मंत्री नानैया महुता ने रूसी सरकार के अधिकारियों और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से जुड़े अन्य व्यक्तियों के खिलाफ लक्षित यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।”

उल्लेखनीय है कि इससे पहले दुनिया की पांच प्रमुख तकनीकी कंपनियों गूगल, एपल, फेसबुक, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट यूक्रेन पर आक्रमण करने पर रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा कर चुके हैं। गूगल ने रूस में अपनी सेवाओं में ऑनलाइन विज्ञापन बंद कर दिया है। एपल ने रूस में अपने सभी उत्पादों की बिक्री को निलंबित कर दिया है।क्रेडिट कार्ड और भुगतान के क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मास्टरकार्ड और वीजा ने भी रूस में काम बंद कर दिया है। अब रूसी बैंकों के वीजा और मास्टरकार्ड देश से बाहर काम नहीं करेंगे। ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स ने भी यूक्रेन के समर्थन में पश्चिमी देशों की कंपनियों के रुख का समर्थन करते हुए रूस में अपनी सेवा को निलंबित कर दिया है।

चीन के विदेश मंत्री ने रूस को बीजिंग का ‘सबसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक साझेदार’ बताया

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को रूस को बीजिंग का ‘सबसे महत्वपूर्ण कूटनीतिक साझेदार’ बताया है। वांग यी ने कहा कि मास्को के साथ चीन के रिश्ते ‘दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक’ हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के 12वें दिन आई चीन की इस टिप्पणी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वैश्विक परिदृश्य कितना खतरनाक क्यों न हो, लेकिन हम अपना कूटनीतिक रुख बरकरार रखेंगे और नए युग में व्यापक चीन-रूस भागीदारी के विकास को बढ़ावा देते रहेंगे। दोनों देशों के लोगों के बीच दोस्ती मजबूत है।’

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी शांति प्रयासों के लिए चिंतित है। अमेरिका, यूरोप और अन्य ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। मगर चीन ने इससे खुद को अलग कर लिया है। चीन का कहना है कि सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। इन प्रतिबंधों ने नई समस्या खड़ी की दी है। इससे पहले रूस ताइवान को ‘चीन का अविभाज्य हिस्सा’ मानने के रुख का समर्थन कर चुका है। चीन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विस्तार का विरोध करने में रूस के साथ है। बीजिंग मास्को पर व्यापार और वित्तीय प्रतिबंधों की निंदा करके इस संघर्ष के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा चुका है।

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