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कैंसर की दवाओं पर जीएसटी अब पांच प्रतिशत: सीतारमण

शोध एवं अनुसंधान राशि जीएसटी से मुक्त: सीतारमण

नयी दिल्ली : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत करने के साथ ही कई अन्य उत्पादोें और सेवाओं पर भी जीएसटी दरों को पुनरीक्षित करने का निर्णय लिया है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुयी परिषद की 54वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि कैंसर की दवाओं पर जीएसटी दरों को भी कम किया जा रहा है। कैंसर के इलाज की लागत को और कम करने के लिए इसे 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जा रहा है। जीएसटी परिषद ने कैंसर की दवाओं ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब पर जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की सिफारिश की है।

उन्होंने कहा कि नमकीन के एक्सट्रूडेड विस्तारित नमकीन खाद्य पदार्थों पर भी निर्णय लिया गया। इन पर जीएसटी दर को पूर्वव्यापी रूप से नहीं, बल्कि संभावित रूप से 18 प्रतिशत से कमकरके 12 प्रतिशत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक्सट्रूडेड या विस्तारित उत्पादों, नमकीन या नमकीन (बिना तले या बिना पके स्नैक पेलेट को छोड़कर, चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए, एक्सट्रूज़न की प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित), की जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत की जाएगी, जो नमकीन, भुजिया, मिक्सचर, चबेना (पूर्व-पैक और लेबल किए गए) और उपभोग के लिए तैयार रूप में इसी तरह की खाद्य तैयारियों के बराबर है। एक्सट्रूज़न की प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित बिना तले या बिना पके स्नैक पेलेट, चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए, पर 5 प्रतिशत की जीएसटी दर जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि अपंजीकृत व्यक्तियों से अपंजीकृत व्यक्तियों को धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम), बशर्ते कि आपूर्तिकर्ता सीमा पार करने पर पंजीकरण करवा ले। इसके अलावा, एक प्राप्तकर्ता जो आरसीएम के तहत भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, उसे कर का भुगतान करना होगा, भले ही आपूर्तिकर्ता सीमा के अंतर्गत हो। बी टू बी आपूर्ति में पंजीकृत व्यक्ति द्वारा धातु स्क्रैप की आपूर्ति पर 2 प्रतिशत का टीडीएस लागू होगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि रेलवे के लिए रूफ माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) एयर कंडीशनिंग मशीनों पर 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू होगी।

श्रीमती सीतारमण कहा कि कार एवं मोटरसाइकिलों की सीटों पर जीएसटी की दर को एक समान बनाने के उद्देश्य से अब कार सीटों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत की जाएगी। 28 प्रतिशत की यह समान दर भविष्य में मोटर कारों की कार सीटों पर लागू होगी, ताकि मोटरसाइकिलों की सीटों के साथ समानता लाई जा सके, जिन पर पहले से ही 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू है।उन्हाेंने कहा कि सीट शेयर के आधार पर हेलीकॉप्टर द्वारा यात्रियों के परिवहन पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा जबकि चार्टर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू रहेगा। डीजीसीए द्वारा अनुमोदित उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) द्वारा संचालित अनुमोदित उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रम जीएसटी के शुल्क से मुक्त हैं।

उन्होंने कहा कि आवासीय/वाणिज्यिक/औद्योगिक परिसर की निर्माण सेवाओं के लिए पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने से पहले विचार के साथ भुगतान किए गए स्थान प्रभार या अधिमान्य स्थान प्रभार (पीएलसी) समग्र आपूर्ति का हिस्सा बनते हैं, जहां निर्माण सेवाओं की आपूर्ति मुख्य सेवा है और पीएलसी स्वाभाविक रूप से इसके साथ बंडल है और मुख्य आपूर्ति यानी निर्माण सेवा के समान कर के लिए पात्र हैं। सीबीएसई जैसे शैक्षिक बोर्डों द्वारा प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाएँ कर योग्य हैं। हालाँकि, राज्य/केंद्रीय शैक्षिक बोर्डों, शैक्षिक परिषदों और अन्य समान रूप से स्थित निकायों द्वारा सरकारी स्कूलों को प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाओं को छूट दी जायेगी। विश्वविद्यालयों द्वारा अपने संबंध महाविद्यालयों को प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाएँ शैक्षणिक संस्थानों को प्रदान की गई छूट के दायरे में नहीं आती हैं तथा विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान की जाने वाली संबद्धता सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।

उन्होंने कहा कि विदेशी एयरलाइंस कंपनी के प्रतिष्ठान द्वारा भारत के बाहर किसी संबंधित व्यक्ति या उसके किसी प्रतिष्ठान से सेवाओं के आयात को जीएसटी से छूट दिया गया था उसे अब पूरी तरह से प्रभावी किया जा रहा है। राजस्व रिसाव को रोकने के लिए अपंजीकृत व्यक्ति द्वारा वाणिज्यिक संपत्ति को पंजीकृत व्यक्ति को किराए पर देना रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आर.सी.एम.) के अंतर्गत आयेगा।

शोध एवं अनुसंधान राशि जीएसटी से मुक्त: सीतारमण 

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने विश्विवद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों को शोध एवं अनुसंधान के लिए मिलने वाली राशि या अनुदान को जीएसटी से मुक्त करने का निर्णय लिया है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुयी बैठक में इसका प्रस्ताव स्वयं वित्त मंत्री ने किया और सभी राज्यों ने इसका समर्थन किया। बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर सवाल उठाये थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब बजट में शोध एवं अनुसंधान कोष बनाने की बात की जा रही है तब ऐसी स्थिति में इस तरह की अनुदान आदि राशि पर जीएसटी लगना सही नहीं है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सोमवार को हुयी परिषद की 54वीं बैठक इस मुद्दे के आने पर उन्होंने स्वयं इसको लेकर प्रस्ताव किया जिसका सबसे पहले पश्चिम बंगला की वित्त मंत्री ने समर्थन किया और उसके बाद एक एक कर सभी राज्यों ने समर्थन किया।उन्होंने कहा “ विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्र जो केंद्र सरकार के एक कानून द्वारा स्थापित किए गए हैं। दूसरा, राज्य सरकारों के कानून द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय और शोध केंद्र या वे जिन्होंने आयकर छूट प्राप्त की है, वे सार्वजनिक और निजी दोनों से शोध निधि प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। उन्हें जीएसटी का भुगतान करने से छूट दी गई है।”

मार्च 2026 तक क्षतिपूर्ति जीएसटी रह सकता लागू, 40 हजार करोड़ होगा अधिशेष

माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने से राज्यों को हुये राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए लागू किये गये क्षतिपूर्ति उपकर मार्च 2026 तक लागू रह सकता है और इस मद में 40 हजार करोड़ रुपये अधिक एकत्रित होने का अनुमान है।वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण की अध्यक्षता में सोमवार को हुयी 54वीं बैठक में इस पर चर्चा की गयी और जीएसटी पर क्षतिपूर्ति उपकर वसूले जाने की अवधि पर विचार करने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) बनाने का निर्णय लिया गया है। (वार्ता)

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