
नयी दिल्ली : सरकार ने कोविड के नये रूप ओमिक्रॉन के संक्रमण को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी देते हुए कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों, कोरोना योद्धाओं और वरिष्ठ नागरिकों को कोविड टीके की अतिरिक्त खुराक वही होगी, जो टीका उन्होंने पहले लिया है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव लव अग्रवाल, नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डा. वी के पाल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इससे बचने के लिये कोविड मानकों की सख्ती से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता के टीके के रूप में लेने के घातक परिणाम हो सकते हैं।
सरकार ने कोविड के नये रूप ओमिक्रॉन के संक्रमण को हल्के में नहीं लेने की चेतावनी देते हुए कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों, कोरोना योद्धाओं और वरिष्ठ नागरिकों को कोविड टीके की अतिरिक्त खुराक वही होगी, जो टीका उन्होंने पहले लिया है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव लव अग्रवाल, नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डा. वी के पाल और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। इससे बचने के लिये कोविड मानकों की सख्ती से पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता के टीके के रूप में लेने के घातक परिणाम हो सकते हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड टीकाकरण चल रहा है और संक्रमण के घातक असर से बचने के लिए कोविड टीका अवश्य लेना चाहिए और कोविड मानकों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि देश में 90.8 प्रतिशत पात्र आबादी को कोविड टीके की पहली और 69.9 प्रतिशत को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। इसके अलावा 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग में एक करोड़ से अधिक टीके लगाये जा चुके हैं। देश में 22 राज्यों में 90 पात्र आबादी को कोविड टीके की पहली खुराक और 19 राज्यों में 70 प्रतिशत पात्र आबादी को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।श्री अग्रवाल ने कहा कि देश के कई हिस्सों में कोविड संक्रमण तेजी से फैल रहा है। छह राज्यों महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल केरल, दिल्ली, कर्नाटक और तमिलनाडु में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
देश के 156 जिलों में कोविड संक्रमण दर 2.5 प्रतिशत और 28 जिलों मे 10 प्रतिशत से अधिक है।डा. भार्गव ने कहा कि ओमिक्रॉन की जांच क्यों लिए परीक्षण किट को मंजूरी दे दी गयी है। इससे मात्र चार घंटे में परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।डा. पाल ने कहा कि ओमिक्रॉन का संक्रमण तेजी से फैलता है, इस लिए बचाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमितों की होम आईसोलेशन की अवधि घटाकर सात दिन कर दी गयी है। संक्रमित व्यक्ति और परिवार को तीन परत वाला मास्क पहनना चाहिए और बिना चिकित्सक के किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
कोराेना का खतरा टला नहीं, सभी कड़ाई से करें नियमों का पालन: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के नये रूप ओमिक्रॉन के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर बुधवार को स्पष्ट कहा कि संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है, इसलिए सभी लोग कोविड प्रोटाेकॉल का कड़ाई से पालन करें। राज्य सरकार हर प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है।मुख्यमंत्री ने लोकभवन में अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की और वर्चुअली भी प्रदेश भर के अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि अभी इस संक्रमण का खतरा टला नहीं है, इसलिए सभी लोग कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करें, मास्क लगाएं, सेनेटाइजर का उपयोग करें और सोशल डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से पालन करें। संक्रमण को लेकर अनावश्यक घबराने की जरूरत नहीं है। जरूरत इस बात की है कि इस संक्रमण से बचने के लिए सभी एहतियात बरते जाएं।
मुख्यमंत्री ने दिए हर दिन तीन से चार लाख सैंपल की जांच के निर्देश
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि हर दिन तीन से चार लाख लोगों की कोविड जांच की जाए। उन्होंने ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीट के फार्मूले को अपनाने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री कोविड की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि निजी प्रयोगशालाओं को कोविड टेस्टिंग के लिए अधिकृत करने से पूर्व उनके पिछले रिकॉर्ड देखे जाएं। क्वालिटी टेस्टिंग अनिवार्य है। हर जिले के नोडल अधिकारी अपने संबंधित जिलों से संवाद करें। हर स्थिति पर सीधी नजर रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डों में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां कियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिह्नित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।
माघ मेले में आरटीपीसीआर जांच जरूरी
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रयागराज माघ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 48 घंटे पूर्व की कोविड आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू की जाए। कल्पवासियों सहित सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए।