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यूक्रेन का हर दूसरा बच्चा विस्थापित और हर चौथे ने देश छोड़ा

युद्ध का 31वां दिन: रूस ने तैनात कीं परमाणु पनडुब्बियां, यूक्रेन को मिलीं 1500 मिसाइलें

कीव । यूक्रेन पर रूस के हमले का एक महीना पूरा हो गया है। इस युद्ध का सर्वाधिक खामियाजा यूक्रेन के बच्चों को भुगतना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के आंकड़ों के मुताबिक युद्ध की चपेट में आकर यूक्रेन का हर दूसरा बच्चा विस्थापित हो गया है। हर चौथे बच्चे को देश छोड़कर जाना पड़ा है।

यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन में एक महीने से जारी युद्ध के कारण 43 लाख बच्चे विस्थापन का शिकार हुए हैं। देश में बच्चों की कुल आबादी 75 लाख है, जिसमें से आधे से अधिक बच्चे विस्थापन को मजबूर किये गए हैं। इस तरह यूक्रेन का हर दूसरा बच्चा विस्थापित हो गया है। इनमें से 18 लाख बच्चों ने शरणार्थियों के तौर पर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण ली है। इस तरह हर चौथा बच्चा देश छोड़ कर जाने को विवश हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 25 लाख बच्चे घरेलू विस्थापित हैं, यानी हर तीसरा बच्चा देश के भीतर ही विस्थापन का दंश झेलने को विवश है।

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा कि इस युद्ध की वजह से दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अब तक बच्चों के लिए सर्वाधिक विस्थापन का संकट सामने आया है। संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद से अब तक यूक्रेन में 78 बच्चों की मौत हुई है और 105 बच्चे घायल हुए हैं। माना जा रहा है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 31वें दिन भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। युद्ध दिन प्रति दिन आक्रामक रूप लेता जा रहा है। रूस ने उत्तरी अटलांटिक में परमाणु पनडुब्बियां तैनात कर दी हैं। वहीं यूक्रेन को जर्मनी से 1500 मिसाइलें और मिल गयी हैं।यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से लगातार दोनों पक्ष आक्रामक भूमिका में हैं। रूस की ओर से बार बार परमाणु हथियारों के प्रयोग की धमकी तो दी ही जा रही थी, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अपने परमाणु बलों को विशेष अलर्ट पर रखने के आदेश दे दिए थे। अब रूस ने कई परमाणु पनडुब्बियों को उत्तरी अटलांटिक में तैनात कर दिया है। ये पनडुब्बियां 16 बैलिस्टिक मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं। पुतिन के इस कदम के बाद परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है।

इस बीच रूस ने दावा किया है कि उसके सैन्य अभियान का पहला चरण लगभग पूरा हो गया है और इसके बाद उसके सैनिक पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र को पूरी तरह से मुक्त करने पर केंद्रित करेंगे। माना जा रहा है कि रूस ने अब राजधानी कीव पर हमलों की रफ्तार कम करने और डोनबास पर नियंत्रण स्थापित करने की रणनीति बनाई है। रूस के आक्रामक तेवरों के बावजूद यूक्रेनी सेना भी रूसी सेना का डटकर मुकाबला कर रही है। उसे अंतरराष्ट्रीय मदद भी मिल रही है। जर्मनी ने यूक्रेन को लड़ाई आगे बढ़ाने के लिए 1500 और मिसाइलें भेजी हैं। 25 मार्च को जर्मनी से 1500 विमान भेदी मिसाल स्ट्रेला की खेप यूक्रेन पहुंची। साथ ही जर्मनी ने 100 मशीनगनें भी यूक्रेन को भेजी हैं।

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