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2047 तक यूपी का हर शहर होगा स्मार्ट, 5 विश्वस्तरीय शहरों का होगा निर्माण

‘विकसित यूपी @2047’ पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड तक शहरी विकास को मिलेगी नई उड़ान . योगी सरकार का संकल्प, 22 साल में तैयार होंगी 5 इंटरनेशनल स्मार्ट सिटीज़ .24 घंटे बिजली, पक्के मकान, आधुनिक सार्वजनिक परिवहन, मेट्रो और लाइट मेट्रो जैसी सुविधाएं हर नागरिक तक पहुंचाने का लक्ष्य . SRC के गठन से राज्य राजधानी क्षेत्र को मिला योजनाबद्ध विकास का नया मॉडल.

  • पीएम मोदी के विकसित भारत के संकल्प को मिशन मोड में धरातल पर उतारने में जुटे योगी आदित्यनाथ
  • बीते साढ़े 8 साल में 117 नए शहरी निकाय, स्मार्ट सिटी योजना से 17 जिलों में बढ़ीं आधुनिक सुविधाएं
  • सभी शहरों में आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर सीवेज प्रबंधन प्रणाली की जाएगी विकसित

लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” के विज़न को मिशन बनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। सरकार विभिन्न सेक्टर में रोडमैप तैयार कर रही है। इसमें शहरी विकास का नया मॉडल बनाने का खाका भी तैयार किया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा लक्ष्य है कि आने वाले 22 वर्षों में प्रदेश में पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्मार्ट शहर विकसित किए जाएं, जो न केवल देश बल्कि दुनिया के सामने यूपी को निवेश, कनेक्टिविटी और जीवन स्तर के मामले में नई पहचान देंगे।

2047 का विजन : यूपी का होगा विश्वस्तरीय शहरीकरण

‘विकसित यूपी @2047’ का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार हो रहा है, इसके तहत हर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। स्वच्छ पेयजल, 24 घंटे बिजली, पक्के मकान, आधुनिक सार्वजनिक परिवहन, मेट्रो और लाइट मेट्रो जैसी सुविधाएं हर नागरिक तक पहुंचाने का लक्ष्य है। सबसे बड़ा संकल्प है, पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्मार्ट सिटीज़ का निर्माण, जो जीवन की गुणवत्ता, कनेक्टिविटी और निवेश के अवसरों के मामले में किसी भी वैश्विक शहर से प्रतिस्पर्धा करेंगे।

आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर सीवेज प्रबंधन प्रणाली की जाएगी विकसित

‘विकसित यूपी @2047’ विज़न में सीवर और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को विशेष प्राथमिकता दी गई है। सरकार का लक्ष्य है कि सभी शहरों में आधुनिक वैज्ञानिक आधार पर सीवेज प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाए, जिससे गंदे पानी का प्रभावी निस्तारण हो सके। इसके साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को भी मज़बूत किया जा रहा है, जिसमें कलेक्शन, रीसाइक्लिंग और अंतिम निस्तारण की व्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। यह प्रयास न केवल शहरों को स्वच्छ और प्रदूषण-मुक्त बनाएगा, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

पीएम मोदी का विज़न और योगी सरकार का संकल्प

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शहरी विकास सिर्फ ढांचे का निर्माण नहीं बल्कि नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने का मिशन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को आगे बढ़ाते हुए यूपी 2047 तक न सिर्फ भारत का सबसे विकसित राज्य बनेगा बल्कि विश्व के मानचित्र पर शहरी विकास का आदर्श मॉडल भी प्रस्तुत करेगा।

2017 से 2025 तक की गति ने सबको चौंकाया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शहरी विकास को नई दिशा मिली है। पिछले आठ वर्षों में 117 नए शहरी स्थानीय निकाय बनाए गए और 123 का विस्तार किया गया। स्मार्ट सिटी योजना के तहत 17 ज़िलों के मुख्यालयों को स्मार्ट सुविधाओं से लैस किया गया। लखनऊ और आसपास के 5 ज़िलों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (SRC) का गठन किया गया, जिससे योजनाबद्ध विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। ‘आकांक्षी नगर योजना’ के तहत 100 आकांक्षात्मक शहरों को विकास की मुख्यधारा में लाने का प्रयास हुआ है। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत 2534 किलोमीटर सड़कों और 342 किलोमीटर नालियों का निर्माण 240 शहरी स्थानीय निकायों में किया गया। पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्रों पर भी विशेष फोकस किया गया है।

बता दें कि 2017 से पहले प्रदेश की शहरी व्यवस्था कमजोर ढांचे और अव्यवस्थित विस्तार से जूझ रही थी। बुनियादी सुविधाओं की कमी और सीमित बजट ने योजनाबद्ध शहरीकरण की राह में बाधाएँ खड़ी की थीं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में इस तस्वीर को बदलने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए गए।

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