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काशी विश्वनाथ का स्वर्णिम गर्भगृह देख श्रद्धालु होंगे निहाल,मंगला आरती के बाद ही शुरू हो जायेगा दर्शन-पूजन

रेड कार्पेट पर चलकर शिवभक्त जायेंगे दरबार

वाराणसी । धर्मनगरी काशी में शिव और शक्ति के मिलन के प्रतीक महापर्व महाशिवरात्रि को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। सोमवार को नगर के छोटे-बड़े शिव मंदिरों में साफ-सफाई के साथ सजावट का कार्य भी चलता रहा। युवा और बच्चे पूरे उत्साह के साथ शिव बारात निकालने की तैयारी में लगे कमेटी के सदस्यों के सहयोग में जुटे रहे।श्री काशी विश्वनाथ दरबार में भी महाशिवरात्रि की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। पावन द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन मंगलवार भोर में मंगला आरती के बाद से ही शुरू हो जायेगा।

बाबा के दरबार में दर्शन-पूजन बुधवार रात शयन आरती तक जारी रहेगा। इस दौरान भगवान शिव और गौरा के विवाह की रस्में भी संपन्न की जाएगी। पर्व पर बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालु रेड कार्पेट पर चलकर जायेंगे। महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ की चारों पहर की आरती होगी। महाशिवरात्रि पर पहली बार श्रद्धालु गंगा में स्नान कर जलासेन घाट से गेटवे ऑफ कॉरिडोर के रास्ते सीधे बाबा विश्वनाथ के दरबार में प्रवेश कर सकेंगे।

-महाशिवरात्रि पर बाबा का गर्भगृह में स्वर्णिम पीली चमक

महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार काशीपुराधिपति का स्वर्ण शिखर ही नहीं, गर्भगृह भी सोने की चमक से निखर गया है। गर्भगृह अब स्वर्ण मंडित हो गया है। दक्षिण भारत के एक दानदाता ने गर्भगृह की दीवार पर सोने के पत्तर चढ़वाए हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के इतिहास में इससे स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। 187 वर्ष के बाद मंदिर में सोना मढ़ा गया। मंदिर के गर्भगृह के अंदर की दीवारों पर 30 घंटे के अंदर सोने की परत लगाई गई। सोना लगने के बाद गर्भगृह के अंदर की पीली रोशनी हर किसी को आहलादित कर रही है।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहा

बीते रविवार की शाम वाराणसी आये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। दरबार में दर्शन पूजन के बाद प्रधानमंत्री भी मंदिर के गर्भगृह के अंदर दपदप करती स्वर्णिम आभा देख आह्लादित दिखे। उन्होंने कहा कि दरबार में अद्भुत और अकल्पनीय कार्य हुआ है। स्वर्ण मंडन से विश्व के नाथ का दरबार एक अलग ही छवि प्रदर्शित कर रहा है । प्रधानमंत्री ने परिसर के अंदर चारों ओर लगे स्वर्ण के कार्य को देखा।

उन्होंने कहा कि दीवारों पर उकेरी गई विभिन्न देवताओं की आकृतियां स्वर्ण मंडन के बाद और भी स्पष्ट प्रदर्शित हो रही हैं। स्वर्ण मंडन के बाद गर्भ गृह की आभा कई गुना बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम के दिव्य और नव्य विस्तारित स्वरूप और उस पर से बाबा दरबार के गर्भगृह में स्वर्णमंडन देख हर शिवभक्त आह्लादित है।

जानकार बताते हैं कि वर्ष 1835 में पंजाब के तत्कालीन महाराजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्णमंडित कराया था। तब साढ़े 22 मन सोना लगा था। उसके बाद कई बार सोना लगाने व उसकी सफाई का कार्य प्रस्तावित हुआ, लेकिन हो नहीं पाया। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहल पर काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही मंदिर के शेष हिस्से व गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की कार्ययोजना तैयार होने लगी थी।

इसी दौरान करीब डेढ़ माह पूर्व बाबा के दक्षिण भारत के एक भक्त ने मंदिर के अंदर सोने लगवाने की इच्छा जताई। मंदिर प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद सोना लगाने के लिए माप और सांचा की तैयारी चल रही थी। करीब माहभर तैयारी के बाद बीते शुक्रवार से सोना लगाने का काम शुरू हुआ था।(हि.स.)

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