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बढ़ रही है छोटे मझोले शापिंग सेंटरों की वीरानी: नाइट फ्रैंक रिपोर्ट

नयी दिल्ली : नाइट फ्रैंक इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में आन लाइन खरीदारी के बढ़ते रुझान और बड़े शापिंग माल के प्रति ग्राहकों के आकर्षण के कारण बहुत से खुदरा शापिंग सेंटर में वीरानगी छायी हुई है। यह रुझान ऐसे समय दिखा है जबकि देश में खुदरा कारोबार की जगह की आपूर्ति में वृद्धि हो रही है।मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार देश में 29 प्रमुख शहरों में शॉपिंग सेंटरों में वीरान हुई जगह का सकल क्षेत्र फल 2022 से साल दर साल 59 प्रतिशत बढ़ गया है। रिपोर्ट के अनुसार इनमें वीरान हुये या बहुत कम चल रहे खुदरा शापिंग स्थलों का कुल क्षेत्रफल 1.33 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच गया है।

शापिंग स्थलों के कई डेवलपर उस जगह को आवासीय या वाणिज्यक परिसर का रूप देरहे हैं, या बेच कर उससे निकलने में लगे हैं। यह समस्या एनसीआर-दिल्ली में ज्यादा बड़ी है।नाइट फ्रैंक इंडिया रिपोर्ट की रिपोर्ट “घोस्ट शॉपिंग सेंटर्स” के अनुसार बंद हो चुके शापिंग सेंटर के रूप में 67 अरब रुपये की सम्पत्ति फंसी है। रिपोर्ट के अनुसार देश के शीर्ष आठ शहरों में 2023 में 16 खुदरा केंद्र स्थायी रूप से बंद हो गये और उनमें कुल शापिंग केंद्रों की संख्या घटकर 263 रह गयी।रिपोर्ट के अनुसार मुख्य बाजरों में शापिंग सेंटरों की संख्या बढ़ी है।

वर्ष 2023 के अंत में इन केंद्रों में शापिंग माल की संख्या 64 हो गयी थी जो एक वर्ष पहले 57 थी।रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली में वीरान शापिंग स्टोर का क्षेत्र बढ़ कर 53 लाख वर्ग फुट (सालाना 58 प्रतिशत की वृद्धि) के साथ सबसे अधिक है।इसके बाद मुंबई में 21 लाख वर्ग फुट (86% की वृद्धि) और बेंगलुरु में 20 लाख वर्ग फुट (46 प्रतिशत की वृद्धि) शापिंग के स्थान वीरान हो गये हैं। हैदराबाद एकमात्र ऐसा शहर है, जहां वीरान शापिंग स्थल का क्षेत्र साल-दर-साल 19 प्रतिशत गिर कर 2023 में 9 लाख वर्ग फुटआ गया है।

रिपोर्ट के अनुसार आठ नये खुदरा केंद्रों के जुड़ने के बावजूद, 2023 में शॉपिंग सेंटरों की कुल संख्या घटकर 263 रह गयी, क्योंकि वर्ष 16 शॉपिंग सेंटर बंद हो गये।बंद पड़ी खुदरा कारोबार की जगहों को ध्वस्त कर आवासीय या वाणिज्यिक परिसम्पत्तियोंमें बदला जा रहा है या डेवलपर उन्हें नीलाम कर रहे हैं या उन्हें बंद किया जा रहा है।नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “ग्रेड ए मॉल का प्रदर्शन अच्छा बना हुआ है। वहां जगहें भरी हुई हैं, ग्राहकों का आना-जाना और खरीदारी अच्छी है।

इसके विपरीत, ग्रेड सी संपत्ति जिन्हें घोस्ट शॉपिंग सेंटर (वीरान खुदरा शापिंग केंद्र) के रूप में वर्गीकृत किया गया है वे कारोबार के मामले में पिछड़ चुके हैं और उन सम्पत्तियों के मालिक संपत्तियों के पुनरुद्धार के उपाय करने में लगे हैं या वे उन्हें बेचने का पयास कर रहे हैं।”(वार्ता)

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