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रक्षा निर्यात इस वर्ष के अंत तक 30 हजार करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा: राजनाथ

राजनाथ ने एयरो इंडिया एयरो में भारत, आई डक्स और कर्नाटक मंडपों का उद्घाटन किया.राजनाथ ने एयरो इंडिया से पहले फिजी और दक्षिण सूडानी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की.

बेंगलुरु : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत का रक्षा निर्यात इस वर्ष के अंत तक 30000 करोड रुपए के आंकड़े को पार कर जाएगा।श्री सिंह ने सोमवार से यहां येलहांका वायु सेना स्टेशन में शुरू होने वाली 15 वीं एयरो इंडिया रक्षा प्रदर्शनी से पहले रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत रक्षा क्षेत्र रोड एयरोस्पेस में तेजी से प्रगति कर रहा है और उसकी रक्षा निर्यातक की छवि धीरे-धीरे रक्षा निर्यातक देश के रूप में बन रही है। उन्होंने कहा कि देश में रक्षा उत्पादन के वर्ष 2025 के अंत तक 1.60 लाख करोड़ पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश का रक्षा निर्यात भी इस वर्ष के अंत तक 30000 करोड रुपए के आंकड़े को पार कर जाएगा।

रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया को एक महत्वपूर्ण मंच बताते हुए कहा कि यह एक मजबूत, सक्षम , सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के सरकार के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, “एयरो इंडिया एक ऐसा मंच है जो नए भारत की ताकत, लचीलेपन और आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करता है। यह न केवल भारत की रक्षा तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे देश के भविष्य को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा और वैश्विक साझेदारी बनाएगा। हमारा लक्ष्य अपने मित्र राष्ट्रों के साथ साझा हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना, गहन सहयोग और साझा प्रगति को बढ़ावा देना है। यह आयोजन न केवल प्रौद्योगिकी और नवाचार का प्रदर्शन है, बल्कि हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में भी काम करेगा, वैज्ञानिक स्वभाव और नवाचार की भावना को बढ़ावा देगा।”

श्री सिंह ने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में रक्षा औद्योगिक क्षेत्र द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में कोई भी सफलता न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुप्रयोगों के लिए विकसित प्रौद्योगिकियां नागरिक क्षेत्र में भी नवाचार को बढ़ावा देती हैं, जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास होता है। उन्होंने एयरो इंडिया को आर्थिक मजबूती का एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जो अर्थव्यवस्था के समग्र विकास में योगदान दे रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एयरो इंडिया को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में वैश्विक गढ़ बनने की दिशा में भारत की यात्रा में एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा।एयरो इंडिया में 900 कंपनी हिस्सा ले रही हैं। इस वर्ष 54 विदेशी मूल निर्माता कंपनी इसमें शामिल हो रही हैं।

देश में रक्षा क्षेत्र की 52 कम्पनियों की भी हिस्सेदारी होगी। एयरो इंडिया में 78 देशों के प्रतिनिधि आ रहे हैं जिनमें से 30देशों के रक्षा मंत्री या उनके समकक्ष हैं।इस मौके पर होने वाले फ्लाईपास्ट में रुस का सुखोई 57 और अमरीका का एफ 35 लडाकू विमान मुख्य आकर्षण होंगे।संवाददाता सम्मेलन में रक्षा राज्य मंत्री संजीव सेठ, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और रक्षा सचिव उत्पादन संजीव कुमार भी मौजूद थे।

राजनाथ ने एयरो इंडिया एयरो में भारत, आई डक्स और कर्नाटक मंडपों का उद्घाटन किया

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां एयरो इंडिया में भारत पैवेलियन, आई डक्स और कर्नाटक मंडपों का उद्घाटन किया।इंडिया पैवेलियन में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के माध्यम से घरेलू रक्षा उद्योगों की डिजाइन, विकास, नवाचार और विनिर्माण क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया है। यह ‘आत्मनिर्भरता की उड़ान’ का प्रतीक है, जो तीनों सेनाओं और अंतरिक्ष क्षेत्र के बीच तालमेल तथा वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा महाशक्ति बनने की दिशा में भारत की यात्रा की झलक दिखाता है ।उद्घाटन के बाद, रक्षा मंत्री ने मंडप में स्थापित विभिन्न स्टालों का दौरा किया और कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की, उनके उत्पादों का निरीक्षण किया।

इंडिया पैवेलियन में, विभिन्न माध्यमों से 275 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं, जिनका प्रतिनिधित्व देश के संपूर्ण रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा किया जा रहा है, जिसमें रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम, डिजाइन हाउस और सूक्ष्म लघु तथा मध्यम इकाइयों और स्टार्ट-अप सहित निजी कंपनियां शामिल हैं। एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट , कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम और ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर सहित मार्की प्लेटफॉर्म इनमें प्रमुख रूप से शामिल है।आई डक्स पैवेलियन में, अग्रणी नवाचार एयरोस्पेस, डिफ़स्पेस, एयरो स्ट्रक्चर्स, एंटी-ड्रोन सिस्टम, ऑटोनॉमस सिस्टम, रोबोटिक्स, संचार, साइबर सुरक्षा, निगरानी और ट्रैकिंग, मानव रहित ग्राउंड व्हीकल सहित उन्नत डोमेन की एक विस्तृत श्रृंखला में स्वदेशी उत्पाद प्रदर्शित हैं।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने तीन प्रकाशनों आई डक्स रिपोर्ट 2024, आई डक्स कॉफी टेबल बुक और आई डक्स फाइनेंस मैनुअल का अनावरण किया। आई डक्स रिपोर्ट और कॉफी टेबल बुक में रक्षा नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख मील के पत्थर पर प्रकाश डाला गया है।कर्नाटक पैवेलियन में राज्य के रक्षा और एयरोस्पेस उद्योगों की अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया जा रहा है। ये नवाचार रक्षा और एयरोस्पेस में कर्नाटक के मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करते हैं, जिसे 2,000 से अधिक एसएमई द्वारा समर्थन प्राप्त है। इस अवसर पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार भी मौजूद थे।

राजनाथ ने एयरो इंडिया से पहले फिजी और दक्षिण सूडानी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया प्रदर्शनी से पहले रविवार देर रात बेंगलुरु में फिजी गणराज्य के रक्षा मंत्री पियो टिकोदुआदुआ और दक्षिण सूडान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल चोल थॉन जे बालोक के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।श्री सिंह ने फिजी के रक्षा मंत्री का भारत की पहली यात्रा पर स्वागत किया। दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और मौजूदा सहयोग को और प्रगाढ़ तथा विविधतापूर्ण बनाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने वर्ष 2017 में हस्ताक्षरित रक्षा समझौता ज्ञापन के अनुरूप रक्षा सहयोग पर भारत-फिजी संयुक्त कार्य समूह को संस्थागत बनाने पर भी सहमति व्यक्त की।

उन्होंने समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा, विशेष आर्थिक क्षेत्र संरक्षण, नौसेना क्षमता निर्माण और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों तथा रक्षा नागरिकों के लिए प्रशिक्षण सहयोग सुनिश्चित करने के लिए समुद्री डोमेन जागरूकता बढ़ाने का फैसला किया। यह यात्रा प्रशांत द्वीप देशों के एक प्रमुख सदस्य फिजी के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी की दिशा में एक कदम है।श्री सिंह ने दक्षिण सूडान के रक्षा मंत्री के साथ अपनी बैठक में एयरो इंडिया 2025 में भाग लेने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन की दिशा में प्रयास शुरू करने और उसे गति देने पर सहमति व्यक्त की। लेफ्टिनेंट जनरल बालोक ने दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारत के प्रयासों को माना। दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए साझेदारी करने पर सहमति व्यक्त की और उद्योग भागीदारी के माध्यम से संबंधों का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।(वार्ता)

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