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महाकुम्भ 2025 : प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

महाकुम्भ के शुभारंभ से लेकर 09 फरवरी तक हर रोज संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहा श्रद्धालुओं का महासागर.मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थम रहा श्रद्धालुओं का रेला, महाकुम्भ में दिख रही सनातन की शक्ति .

  • मौनी अमावस्या पर लगी सबसे अधिक 7.64 करोड़ सनातनियों ने त्रिवेणी में लगाई आस्था की डुबकी
  • 28 जनवरी को 4.99 करोड़, मकर संक्रांति पर 3.50 करोड़ लोगों ने किया संगम में पावन स्नान

महाकुम्भ नगर । विश्व के सबसे बड़े धार्मिक सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ 2025’ ने दुनिया को अचंभित कर रखा है। दुनियाभर के बड़े धार्मिक आयोजनों में यह अपनी विशेष पहचान बना चुका है। प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के पावन संगम में बीते 30 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ रहा है। प्रतिदिन महाकुम्भ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करें तो औसतन 1.44 करोड़ लोग हर रोज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। महाकुम्भ के जरिए सनातनियों की आस्था और श्रद्धा की बेमिसाल लहर देखने को मिल रही है।पिछले करीब एक महीने से संगम की रेती पर नहीं बल्कि प्रयागराज की गली,चौराहे जन सैलाब से सराबोर हैं।

जिला और पुलिस प्रशासन की लाख कवायद के बावजूद जाम की समस्या से त्रस्त शहर में यातायात रेंग रहा है।प्रयागराज को जोड़ने वाले हर रास्ते पर हजारों की संख्या में वाहन में श्रद्धालुओं को देखा जा सकता है। उत्साह इस कदर है कि सैकड़ों,हजारों किमी का सफर तय करने के बाद देश दुनिया के सनातनी ट्रैफिक समस्या से निजात पाने के लिये 10 से 20 किमी की दूरी पैरों से नाप रहे हैं वहीं संगम तक की दूरी को छोटा करने के लिये सामान ढोने वाले ट्राली रिक्शा का भी सहारा लेने से लोग चूक नहीं रहे हैं। वैश्विक एकता के प्रतीक महाकुंभ में त्रिवेणी में गरीब,अमीर और हर जाति के लोग परिवार,समाज और राष्ट्र की खुशहाली की कामना के साथ डुबकी लगा रहे हैं।

मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थम रहा श्रद्धालुओं का रेला

विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर सर्वाधिक 7.64 करोड़ से ज्यादा, जबकि इससे एक दिन पहले 28 जनवरी को 4.99 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम स्नान किया। वहीं 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था। आस्थावानों का रेला मौनी अमावस्या के बाद भी नहीं थमा है और प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान महाकुम्भ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आ रही है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नानकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुम्भ को बनाया ऐतिहासिक

योगी सरकार की ओर से इस विराट और ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम स्नान की और अन्य सुविधाएं मिल सकीं हैं। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के शानदार प्रयासों ने महाकुम्भ को ऐतिहासिक बना दिया है। आस्था के इस महामेले ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है।

इन तिथियों पर जुटे सर्वाधिक श्रद्धालु

13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़
14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़
26 जनवरी को 1.74 करोड़
27 जनवरी को 1.55 करोड़
28 जनवरी को 4.99 करोड़
29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़
30 जनवरी को 2.06 करोड़
31 जनवरी को 1.82 करोड़
01 फरवरी को 2.15 करोड़
03 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़
09 फरवरी को 1.57 करोड़

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महाकुम्भ में महामहिम ने भी लगाई आस्था की डुबकी, एकता और सामाजिक समरसता का दिया संदेश

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