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केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर काम करेगी तभी उद्योग तेज गति से बढ सकता है: गोयल

भीलवाड़ा : केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयुष गोयल ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों मिलकर काम करती है तभी उद्योग तेज गति से आगे बढ़ सकता है।श्री गोयल आज भीलवाड़ा में लघु भारती के कार्यक्रम में संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने भीलवाड़ा के उद्योग जगत के लिए कोई भी प्रपोजल किसी भी योजना का केंद्र को नहीं भेजा है। उन्होंने कहा कि वह समझते है राज्य सरकार को भी ध्यान होगा कि भीलवाड़ा अपने आप में इतना ताकतवर है और अपने आप ही अपने पांव पर खड़े हैं।

उन्होनें कहा कि भीलवाड़ा में 400 से ज्यादा कपड़ा फैक्ट्रियां है। ये फैक्ट्रियां क्यू नही स्कील डवलपमेंट कर आगे के लिए तैयार करें, जिसका आगे चलकर फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार ने कई ऐसी स्कीमें चाहे वो एसआईटी की स्कीम हो या आईटीबीएस आदि स्कीमें है,लेकिन राज्य सरकार ने कोई प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा, जिससे कि केंद्र कोई मदद कर सके।श्री गोयल ने कहा कि मुंबई में जब मैने फैक्ट्री शिफ्ट की, तब वहां कोमन ट्रीटमेंट प्लांट उद्योगपतियों ने ही लगाया था, सरकार ने नहीं लगवाया था। उन्होंने कहा कि वह मेवाड़ चैंबर के प्रतिनिधियों से अनुरोध करेंगे कि वे भी मुंबई के थाणे जाकर इस कौमन ट्रीटमेंट प्लांट को जरुर देखें। उन्होंने सरकार से कुछ नहीं लिया। शायद, जमीन सरकार से ली हो सकती है। बाकी सहकारिता की तरह कंपनी बनाई और यह ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया।

श्री गोयल ने भीलवाड़ा के उद्योगपतियों को सीख देते हुये कहा कि नवीं मुंबई में भी प्रदूषण की समस्या नहीं है। वहां उद्योगपतियों ने खुद ही संस्था खड़ी कर दी ओर प्रदूषण होने नहीं दिया। यह एक आत्मनिर्भरता की कहानी है। उन्होंने कहा कि हम बैठे रहें। इंतजार करते रहे कि कोई आकर हमें कुछ देगा, तभी हम काम करेंगे तो लाइफ में हम कभी आगे नहीं बढ़ पायेंगे।उन्होंने कहा कि हम, बैठे रहे कि सरकार कंधा देने आगे बढ़ाने आयेगी तो यह चिंता की बात है। गोयल ने कहा कि उद्योगों को चिंतन करना होगा कि पिछले दस वर्षाे में टैक्सटाइल का निर्यात 30 से 40 मिलियन डॉलर पर ही क्यूं अटका है। इसे 100 मिलियन डालर तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को बड़ी छलांग लगाने के लिए कुछ बड़ा करने की जरुरत है। हमारे से जो अपेक्षायें हैं, उन पर हम अपना काम करेंगे।

उन्होंने यह कहते हुये भरोसा भी दिया कि सरकारी योजनाओं को स्कूटर की किक स्टार्ट के रूप में लें। उस पर निर्भर न रहें। मैं, यह नहीं कह रहा कि आपकी मांगों पर ध्यान नहीं दूंगा। उन पर विचार करुंगा।उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा को कैसे टैक्सटाइल का हब बना सकते हैं। इसके लिए भी कुछ सोचना होगा। बड़ी छलांग लगाने के लिए कुछ बड़ा करना होगा। इससे पूर्व भीलवाड़ा के उद्यमियों ने सस्ती बिजली, सब्सिडी, हवाई अड्डा, टैक्सटाइल पार्क जैसी मांगे मंत्री गोयल के समक्ष रखी। इस पर गोयल ने कहा कि वे, भीलवाड़ा के उद्योगपतियों की लंबी चोड़ी मांगे सुनकर चकित रह गये हैं। उन्होंने कहा कि साधारतया मेरी सोच और जो उद्योगपतियों ने डिमांड रखी है, उसमें थोड़ा फर्क है।उन्होंने साफ कहा कि जो उद्योग वर्षों तक सरकारी मदद पर निर्भर रहेंगे वो सफल नहीं हो सकेंगे।

गोयल ने कांग्रेस सरकारों पर कटाक्ष करते हुये कहा कि एक चुनाव में भीलवाड़ा से हाइवे बनाने की घोषणा होती थी। दूसरे चुनाव में फाउंडेशन लगता था, जबकि तीसरे चुनाव में जमीन अधिग्रहण का इस्तिहार छपता था। चौथे चुनाव में कुछ सामान मौके पर आता था। इस तरह चार-पांच चुनाव तक तो एक ही प्रोजेक्ट से जनता को लालच दिखाकर काम चलता था। गोयल ने कहा कि क्या ये स्थिति देश के लिए अच्छी है। उनका कहना था कि आज घोषणा के बाद काम शुरु होते हैं।पीयुष गोयल ने जीएसटी की चर्चा करते हुये कहा कि बिजली, मंडी, टैक्स, पेट्रोल डीजल जीएसटी में शामिल नहीं है। केंद्र सरकार इन्हें जीएसटी में शामिल करना चाहती है, पर राज्य सरकारें तैयार नहीं हो पा रही है।(वार्ता)

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