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किसान जब तक फसल लेकर आएंगे तब तक खुले रहेंगे प्रदेश भर में क्रय केंद्र

5,896 क्रय केन्द्रों के जरिये 6.63 लाख किसानों से 35.76 लाख मी.टन गेहूं खरीद, प्रदेश में रिकार्ड 65.5 लाख मी.टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है

प्रदेश में 599.81 मी.टन लक्ष्य के सापेक्ष 601.84 लाख मी.टन खाद्यान्न उत्पादन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 232.63 लाख किसानों को 28 हजार 443 करोड़ से अधिक की धनराशि दी गई, कोरोना काल में 45 कृषि जिन्सों को मंडी शुल्क से मुक्‍त कर किसानों को दी बड़ी राहत .

लखनऊ| प्रदेश के किसान जब तक अपनी फसल लेकर मंडियों में आते रहेंगे तब तक प्रदेश भर में क्रय केंद्र खुले रहेंगे । प्रदेश के किसी भी किसान को मंडी से अपनी फसल बिना बेचे वापस नहीं लौटना होगा। मालूम हो कि खाद्यान्न के मामले में प्रदेश आत्मनिर्भर ही नहीं अपितु सरप्लस राज्य के रूप में अपना स्थान बनाए हुए है । वर्ष 2019-20 में 599.81 मी.टन लक्ष्य के सापेक्ष 601.84 लाख मी. टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत अब तक 232.63 लाख किसानों को रु० 28 हजार 443 करोड़ से अधिक की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खातों में हस्तान्तरित की जा चुकी है ।

प्रदेश में मण्डी परिसरों के बाहर के व्यापार को पूरी तरह से लाईसेन्स व मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया गया है जिससे किसान अपना सामान कहीं भी और किसी भी व्यापारी को बेच सकते हैं । कोरोना काल के दौरान फल एवं सब्जी किसानों के हित में 45 कृषि जिन्सों को गैर अधिसूचित कर मण्डी शुल्क समाप्त कर भारी राहत पहुंचाई गई है । प्रदेश में कृषि शिक्षा के सुदृढीकरण के लिए जनपद गोण्‍डा में एक नए कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। लखीमपुर खीरी व आजमगढ़ में नए कृषि महाविद्यालयों को शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही कृषि शोध को बढ़ावा देने के लिए 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्रों के संचालन की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 15 केन्द्र संचालित हो चुके हैं ।

किसानों को ऋण व कृषि निवेश उपलब्ध कराने में सहकारी क्षेत्र की अहम भूमिका है । प्रदेश में कृषि निवेश योजना के अन्तर्गत 8,496 सहकारी समितियों द्वारा सहकारी बिक्री केन्द्रों के माध्यम से उर्वरक एवं प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 की विषम परिस्थितियों के बावजूद राज्‍य में 5,896 क्रय केन्द्र स्थापित कर 6.63 लाख किसानों से 35.76 लाख मी टन गेहूँ क्रय किया गया और किसानों को रु० 6,885.16 करोड़ का भुगतान किया गया । खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में 50 लाख मी. टन लक्ष्य के सापेक्ष 56.57 लाख मी.टन धान की रिकार्ड खरीद की गयी । राज्‍य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि क्रय केन्द्र तब तक संचालित रहें जब तक कोई भी किसान अपना फसल केन्द्र पर लाना चाहता है । अब तक रिकार्ड 65.5 लाख मी. टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है।

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