लखनऊ। उत्तरप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आखिरी दिन शहरी विकास को लेकर ‘री- इमैजिनिंग सिटीज एज ग्रोथ सेंटर्स फ़ॉर न्यू उत्तरप्रदेश’ यानी ‘शहरी विकास से आर्थिक विकास’ विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई। परिचर्चा में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी व उत्तरप्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने सहभागिता की।
सत्र परिचर्चा में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा,योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के विकास और योजनाओं को लागू करने में काफी तेजी आई है। लखनऊ से मेरा पुराना नाता रहा है,यहां हर दूसरे तीसरे महीने आता रहता हूँ। जून 2015 में जब केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की तब यहां की तत्कालीन सरकार से इस योजना को लागू करने में इतनी मशक्कत करनी पड़ी, ये किसी से छिपा नहीं है। जून 2015 से 17 महीने तक इस देश के सबसे बड़े राज्य में मात्र 17 हजार प्रधानमंत्री आवास बन पाए।
इसके बाद 2017 में उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी के आने के बाद अगले 17 महीनों में 17 लाख आवास बने, ये आंकड़े उत्तरप्रदेश की सफलता की कहानी बताने के लिए काफी हैं।आज उत्तरप्रदेश केंद्र की योजनाओ को लागू करने में नम्बर एक पर है।प्रधानमंत्री के विजन 2047 के लिए हम जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं,एक रिपोर्ट के अनुसार भारत उससे पहले 2040 तक ही विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा।हमारे शहर हमारी अर्थव्यवस्था के ट्रांसफॉर्मर हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मेट्रो सर्विस को श्रद्धेय अटल जी ने शुरू किया था,आज हम मेट्रो सर्विस में विश्व के टॉप 5 में से एक हैं। साथ ही जो हमारे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं उस आधार पर हम अगले कुछ महीनों में विश्व के टॉप 3 में होंगे।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जिस तरह से कार्यशैली है, मुझे ये कहने में ज़रा भी शक नहीं कि उत्तरप्रदेश बहुत तेजी से इकोनॉमी का ग्रोथ इंजन बन रहा है। इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन का क्रांतिकारी असर बहुत जल्द दुनिया देखेगी।कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि मैंने हरदीप सिंह पुरी से बहुत कुछ सीखा है,अर्बन डेवलपमेंट को लेकर आपके काम अभूतपूर्व हैं।
मंत्री एके शर्मा ने कहा कि परिचर्चा का विषय ‘री इमैजनेशन’ शब्द बहुत बड़ा है,जब मैं मंत्री बना तब मैंने महसूस किया कि शहर विकास में सफाई बड़ी समस्या है,मैंने शहर की सफाई का अभियान चलाया,सुबह 5 बजे इसकी शुरुआत हो जाती थी। री इमैजनेशन को आप यहां से समझ सकते हैं। कई लोगों ने मुझसे बताया कि उनके घर का पता कूड़े के ढेर से होता था,बजहां कूड़े का ढेर हो वो एक निशान पहचान का होता था।
नगर विकास मंत्री ने इसी तरह परिचर्चा में दूसरा उदाहरण दिया,उन्होंने कहा कि स्वच्छता की वजह से कई ऐसे लोग मिले जिन्होंने बताया कि इससे उन हाउसिंग स्कीम के लोगो को बहुत फायदा हुआ,उनकी हाउसिंग स्कीम कूड़े के डंपिंग ज़ोन में बदल गई थी। इस स्वच्छता अभियान से उनके हाउसिंग स्कीम में बदलाव आया,आज उनकी स्कीम प्रीमियम रेट पर पहुंच गई।
इस परिचर्चा में उत्तरप्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने भी अपने विचार रखे। इनके साथ डेलॉयट समूह की ओर से देबाशीष बिस्वास, अर्बन डेवलपमेंट वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की ओर से रेजीत मैथ्यूज,सीबीआरई इंडिया की ओर से प्रीतम मेहरा,रेसिडेंशियल भारतीय सिटी के अश्विन्दर सिंह,राजको मेटल इंडस्ट्रीज के गुरमीत सिंह अरोरा व विनय कुमार सिंह एमडी एनसीआरटीसी ने भी अपने अनुभव साझा किया।
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