हर हर महादेव और जय श्री राम के उदघोष के साथ महाकुम्भ में गूंजी गुरु नानक की अमृत वाणी
श्री पंचायती नया उदासीन ने छावनी क्षेत्र में किया भव्य प्रवेश .शैव और वैष्णव अखाड़ों की साधना के बाद उदासीन सम्प्रदाय की भक्ति धारा भी महाकुम्भ में प्रवाहित.
महाकुम्भ नगर । संगम की पावन रेती पर धर्म , अध्यात्म और भक्ति की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। महाकुम्भ के आकर्षण अखाड़ों की मौजूदगी से पूरा कुम्भ क्षेत्र दीप्तिमान हो रहा है। सन्यासी अखाड़ों और वैष्णव अखाड़ों के बाद अब अखाड़ा सेक्टर में उदासीन संप्रदाय के अखाड़ों की मौजूदगी भी दर्ज हो गई है। इसी क्रम में उदासीन संप्रदाय के श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन ने भी पूरी भव्यता के साथ अपनी छावनी प्रवेश यात्रा निकाली।
महा कुम्भ में गूंजेगी गुरु नानक की गुरुबाणी
महाकुम्भ नगर में भक्ति और अध्यात्म की दुनिया बस गई है जिसमें सनातन धर्म के सभी सम्प्रदाय अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। शिव उपासक शैव अखाड़ो के हर- हर महादेव और वैष्णव अखाड़ो जय श्री राम के उद्घोष के बाद अब कुम्भ क्षेत्र में उदासीन अखाड़ो के जय श्री चन्द्र का उद्घोष भी गूजने लगा है। महा कुम्भ क्षेत्र में श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा में इसकी भव्यता देखने को मिली। संगत साहब की संत परम्परा को मानने वाले इस श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन कुम्भ प्रवेश यात्रा को देखने के शहर से लेकर कुम्भ क्षेत्र तक श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ पड़ी।
आगे आगे अखाड़े के पूज्य इष्ट श्री चन्द्रदेव भगवान् की पालकी और पीछे पीछे अखाड़े के महंतो और साधुओ का जुलूस किसी दिव्य अनुभव से कम नहीं था। छावनी प्रवेश यात्रा में भ्रमणशील रमता पंच के साथ साथ गुरु नानक की गुरबाणी गूंज रही थी। अखाड़े के सचिव महंत जगतार मुनि का कहना है कि छावनी प्रवेश यात्रा में सात हजार से अधिक साधु संतो महंत श्री महंत और महा मंडलेश्वरों ने हिस्सा लिया।
अखाड़े में होंगे सामाजिक सेवा और संस्कृति जागरण के आयोजन
श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन की छावनी प्रवेश यात्रा की मुट्ठीगंज की मुंशी राम बगिया से हुई। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए यह महा कुम्भ क्षेत्र पहुंची। विभिन्न स्थानों पर स्थानीय नागरिकों ने संतों पर पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया । अखाड़े के सचिव महंत जगतार मुनि का कहना हैं कि महाकुम्भ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद अखाड़े की तरफ से विविध धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन होंगे। जाति पात और ऊंच नीच को स्वीकार न करने वाले इस अखाड़े में प्रतिदिन हजारों लोगों के लिए लंगर चलेगा, चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे और संतों के प्रवचन होंगे।
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