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प्रवासी भारतीय ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा: मुर्मु

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाना एक राष्ट्रीय मिशन है और इसमें प्रवासी भारतीयाें सहित प्रत्येक भारतीय की सक्रिय तथा उत्साहजनक भागीदारी जरूरी है।श्रीमती मुर्मु ने शुक्रवार को ओड़िशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए।उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय देश को वर्ष 2047 तक विकसित बनाने के दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा है।

उन्होंने कहा , “ हमारा देश आज वर्ष 2047 तक विकसित भारत की ओर अग्रसर है। यह एक राष्ट्रीय मिशन है जिसमें विदेश में रहने वाले लोगों सहित प्रत्येक भारतीय की सक्रिय और उत्साही भागीदारी की आवश्यकता है। प्रवासी भारतीय इस दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग हैं। उनकी वैश्विक उपस्थिति उन्हें एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करती है और उनकी उपलब्धियां उन्हें विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने की स्थिति में रखती हैं। ”राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीय देश की सर्वश्रेष्ठ पहचान हैं। वे अपने साथ न केवल इस पवित्र भूमि में अर्जित ज्ञान और कौशल लेकर आए हैं, बल्कि वे मूल्य और लोकाचार भी लेकर आए हैं जो सहस्राब्दियों से हमारी सभ्यता की नींव रहे हैं। चाहे वह प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला या उद्यमिता के क्षेत्र में हो, प्रवासी भारतीयों ने ऐसी छाप छोड़ी है जिसे दुनिया स्वीकार करती है और सम्मान देती है।

राष्ट्रपति ने सभी प्रवासी भारतीय सम्मान विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता की कहानियाँ न केवल भारत के लिए गौरव की बात हैं, बल्कि वे दुनिया भर में लाखों लोगों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित भी करती हैं।श्रीमती मुर्मु ने त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू को भी बधाई दी और कहा कि महिलाओं और प्रवासी भारतीयों पर विशेष ध्यान देने के साथ अपने देश का नेतृत्व करने में उनके उत्कृष्ट योगदान ने विश्व मंच पर एक उच्च मानक स्थापित किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां विचारों का संगम होता है, सहयोग स्थापित होता है और भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।

भारत के वसुधैव कुटुम्बकम के शाश्वत दर्शन का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह दृष्टिकोण एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के बारे में है जो न केवल हमारी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि वैश्विक कल्याण में भी योगदान देता है। उन्होंने कहा , “ हम एक ऐसा राष्ट्र बनना चाहते हैं जो आर्थिक प्रगति को सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित करे, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित हो। इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने में प्रवासी भारतीय समुदाय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ”राष्ट्रपति ने कहा , “ जैसे-जैसे हम अपने प्रवासी भारतीय परिवार की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, हमें आशा और दृढ़ संकल्प के साथ भविष्य की ओर भी देखना चाहिए। हम सब मिलकर एक विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं, एक ऐसा राष्ट्र जो वैश्विक मंच पर ऊंचा स्थान रखता है और दुनिया के लिए प्रकाश की किरण बना रहता है।

महिला सशक्तिकरण विकास के लिए अनिवार्य कदम : जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने महिला सशक्तिकरण को भारत के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार बताते हुए कहा कि यह न केवल महिलाओं के अधिकारों का सम्मान है, बल्कि राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।डा. जयशंकर ने यह बयान प्रवासी भारतीय दिवस के तहत ‘डायस्पोरा दिवस: महिलाओं के नेतृत्व और प्रभाव का जश्न – नारी शक्ति’ सत्र का उद्घाटन करते हुए दिया।उन्होंने इस दौरान महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा की जा रही पहलें भी साझा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए कई योजनाओं का शुभारंभ किया है, ताकि वे समाज में अपने अधिकारों तथा स्थान को पूरी तरह से महसूस कर सकें।

डा. जयशंकर ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए कहा कि नारी शक्ति को समझना और बढ़ावा देना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। इसके लिए केवल सही दिशा, अवसर और समर्थन की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने से उनकी पूर्ण क्षमता सामने आएगी, जो राष्ट्र के विकास में सहायक होगी।उन्होंने इस मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण किसी समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। यह विकास केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए लाभकारी साबित होता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किए हैं। इससे महिलाओं की जीवनशैली में सुधार हुआ है और उन्हें रसोई में सुरक्षा और सुविधा मिल रही है।विदेश मंत्री ने कहा,“महिलाओं को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मुद्रा योजना शुरू की गई है, जिसके तहत उन्हें छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए कर्ज दिया जा रहा है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ने में मदद कर रही है।”उन्होंने कहा,“महिलाओं को परिवार और करियर के बीच संतुलन बनाने के लिए सरकार ने मातृत्व अवकाश को 16 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया है। इस फैसले से कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चे के पालन-पोषण के साथ-साथ काम पर लौटने का समय मिलता है।

”डा. जयशंकर ने कहा,“लिंग अनुपात में सुधार और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।”डा. जयशंकर ने इससे पूर्व शुक्रवार तक आयोजित तीन दिवसीय ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ के ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित उदघाटन समारोह में भी भाग लिया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राज्य में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना था।(वार्ता)

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