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गोरखपुर में होगी आयुर्वेद, योग और नाथपंथ पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में होगा तीन दिवसीय आयोजन, कई देशों के डेलीगेट्स करेंगे प्रतिभाग.आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक अंतरसंबंधों को समझने का मिलेगा अवसर, आरोग्यता के विविध आयामों पर होगा मंथन.

  • संगोष्ठी के दूसरे दिन होगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष व्याख्यान

गोरखपुर । आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक अंतरसंबंधों को समझने के लिए गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) की तरफ से आयोजित हो रही इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 12 जनवरी को और समापन 14 जनवरी को होगा। खास बात यह भी कि कई देशों के डेलीगेट्स की सहभागिता वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ का विशेष व्याख्यान होगा।

गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने बताया कि ‘आयुर्वेद-योग-नाथपंथ’ विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 12 जनवरी को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का पंचकर्म ऑडिटोरियम में पूर्वाह्न 11:30 बजे से होगा। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में इजराइल के आयुर्वेद औषधि विशेषज्ञ, गई लेविन और विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह, श्रीलंका के मशहूर आयुर्वेद चिकित्सक प्रो. पिरयानी पेरिस और श्रीलंका के ही डॉ. मायाराम उनियाल उपस्थित रहेंगे।

संगोष्ठी का समापन समारोह 14 जनवरी को अपराह्न 2 बजे से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह की अध्यक्षता में होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्रीलंका के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विरार्थना और विशिष्ट अतिथि इजराइल की आयुर्वेद विशेषज्ञ आंट लेविन, इंग्लैंड आयुर्वेद एसोसिएशन के डॉ. वीएन जोशी व गोस्वाल फाउंडेशन उडुपी के डॉ. तन्मय गोस्वामी होंगे।

डॉ. गिरिधर वेदांतम ने बताया कि दिन तीन की इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देश और दुनिया से आए डेलीगेट्स, आयुर्वेद कॉलेज के विद्यार्थियों को दूसरे दिन 13 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। सीएम योगी नाथपंथ की दुनिया की सर्वोच्च पीठ, गोरक्षपीठ के महंत होने के साथ योग के मर्मज्ञ भी हैं और आयुर्वेद के प्रति रुझान उन्हें नाथपंथ की विरासत में मिला है। संगोष्ठी में ‘आयुर्वेद, योग और नाथपंथ का मानवता के प्रति योगदान’ विषय पर विशेष व्याख्यान देंगे। संगोष्ठी में कुल पांच वैज्ञानिक सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में देश और दुनिया के विद्वान आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक संबंधों पर चर्चा करते हुए आरोग्यता के विविध आयामों पर विशद मंथन करेंगे।

अलग-अलग वैज्ञानिक सत्रों में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों के अलावा बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के निदेशक एवं प्रख्यात कैंसर सर्जन डॉ संजय माहेश्वरी, इंटरनेशनल राइस रिसर्च सेंटर (ईरी) के साउथ एशिया निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह, एम्स भोपाल के निदेशक और एम्स गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह, यूएसए में ‘आपना’ संस्था के अध्यक्ष डॉ. शेखर ए., विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष डॉ. जीएस तोमर, बीएचयू वाराणसी के प्रो. बीएम सिंह, एम्स गोरखपुर के डॉ. चेतन साहनी, आईआईटी दिल्ली के प्रो. केके दीपक, बीएचयू के डॉ. अमित कुमार नायक, आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज मैंगलोर के डॉ. प्रह्लाद डीएस, बीएचयू वाराणसी के प्रो. केके पांडेय, ऐमिल के निदेशक डॉ. संचित शर्मा, बीएचयू वाराणसी की प्रो. नम्रता जोशी, मंदसौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश के एमए नायडू और इसी विश्वविद्यालय के प्रो. सुनील कुमार पांडेय, गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय के निदेशक डॉ. हिमांशु दीक्षित, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रामकुमार जायसवाल, गुरु गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्रिंसिपल डॉ. अरविंद सिंह कुशवाहा आदि की विशेष सहभागिता रहेगी।

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