कोरोना संकट से निपटने में भारत की मदद करेंगे अमेरिका-ब्रिटेन
वाशिंगटन/लंदन/नई दिल्ली । भारत इस समय बेहद भयानक हालात से गुजर रहा है। यहां वायरस के विभिन्न नए प्रारूप उभर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका मौजूदा कोविड-19 संकट से निपटने की राह तलाशने के लिए राजनीतिक और विशेषज्ञ, दोनों स्तर पर भारत की मदद करेगा।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन पासाकी ने कहा कि भारत हमारे क्वाड साझेदारों में से एक है और महामारी की शुरुआत से ही हम भारत को आपात राहत सप्लाई, चिकित्सा उपकरण, भारतीय राज्य व स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों को महामारी से निपटने का प्रशिक्षण और वेंटिलेटर उपलब्ध कराते रहे हैं। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथोनी फाउसी ने कहा कि भारत इस समय बेहद भयानक हालात से गुजर रहा है। वे उस स्थिति में है, जहां वायरस के विभिन्न नए प्रारूप उभर रहे हैं।
आगे कहा कि हम अभी तक इन प्रारूपों और उपलब्ध टीकों की इनसे निपटने की क्षमता का आपसी संबंध पूरी तरह नहीं समझ सके हैं, लेकिन इतना तय है कि उन्हें अपने लोगों का टीकाकरण करना होगा, क्योंकि हालातों को बदलने का यही एकमात्र रास्ता है।
अमेरिकी राज्य विभाग ने कहा कि हम समझते हैं कि भारत में कोरोना की स्थिति एक वैश्विक चिंता बनी हुई है। आगे कहा जैसा कि हम अपने भारतीय मित्रों को इस महामारी से जूझते हुए देखते हैं हम ये भी मानेंगे कि यह केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रहा है।
हम भारत का सहयोग करना चाहते हैं : ब्रिटिश पीएम
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन भारत की मदद और सहयोग करने की राह तलाश रहा है। जॉनसन ने यह बात उस समय कही, जब ब्रिटेन की तरफ से भारत के साथ यात्रा को ‘रेड लिस्ट’ में शामिल किए जाने का आदेश प्रभावी हो गया। शनिवार से लागू हुए इस आदेश के बाद अब भारत से आने वाले किसी भी भारतीय या अन्य देश के नागरिक को ब्रिटेन में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
यहां तक कि ब्रिटिश और आयरिश नागरिकों को भी भारत से आने पर 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन से गुजरना होगा। मीडिया का मानना है कि ब्रिटिश पीएम कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की मदद के लिए बड़ी संख्या में वेंटिलेटर भेज सकते हैं।