…..मोनू, किट्टू , सुर्यान्श के बाद अब किसकी बारी ?
तीन दिनों के अंतराल पर तीन बड़े बदमाशों के ढेर होने से जरायम जगत में चर्चाओं का बाजार गर्म
- डाँ.लोकनाथ पाण्डेय
वाराणसी। तीन दिनों के अंतराल पर पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बने तीन बड़े बदमाशों को पुलिस ने ढेर किया तो अचानक बदमाश भूमिगत होने लगे हैं। बता दें कि 22 नवंबर को ऐढे रिंग रोड पर पुलिस से हुई मुठभेड़ में 50 हजार के इनामी बदमाश मोनू चौहान मारा गया। 24 नवंबर को नक्खीघाट में हुई पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से इनामी बदमाश अनिल यादव घायल हुआ । 26 नवंबर की रात इधर वाराणसी के सरैया में पुलिस ने एक लाख के इनामी रोशन गुप्ता उर्फ किट्टू को ढेर किया तो उधर आजमगढ़ पुलिस ने रात 11:30 बजे उसी दिन सरायमीर थाना क्षेत्र के शेरवा गांव के पास एक लाख के इनामी बदमाश सूर्यांश दुबे को मार गिराया। इन दोनों घटनाओं में दो दरोगा व चार सिपाही भी घायल हुए जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस तरह 3 दिन के अंतराल पर वाराणसी आजमगढ़ में तीन बदमाश मारे गए तो एक बदमाश पुलिस की गोली से घायल होकर जिंदगी व मौत से जूझ रहा है इन घटनाओं से छोटे-मोटे बदमाशों की सिट्टी पिट्टी गुम है तो बड़े बदमाश भूमिगत होकर जेल जाने की फिराक में लगे।
काशी में पुलिस का दबाव बढ़ता देख अनिल यादव नामक एक बदमाश ने जमानत तुड़वाकर जेल जाने में ही अपनी भलाई समझी। बता दें कि एक लाख का इनामी रोशन गुप्ता और किट्टू सराफा व्यवसायियों के लिए लंबे समय से आतंक का पर्याय बना हुआ था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ 3 दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज थे उसमे से एक दर्जन मामले हत्या व हत्या के प्रयास के रहे। चौकाघाट क्षेत्र में इसी वर्ष 28 अगस्त को हुए दोहरे हत्याकांड के बाद से पुलिस उसके पीछे पड़ गई थी। किट्टू ने 15 नवंबर को बड़ी पियरी चौक क्षेत्र निवासी सर्राफा व्यवसाई के घर में घुसकर सरेआम पिस्टल सटाकर 50लाख रूपये की रंगदारी मांगी थी। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
चार अपराधी पुलिस के रडार पर – बनारस को अपराध मुक्त करने के लिए चार इनामी अपराधियों के पीछे पुलिस आजकल हाथ धो कर पड़ी। क्राइम ब्रांच, एसटीएफ के अलावा पुलिस की तीन टीमें लगातार लगी हुई हैं। बता दें कि एक लाख के इनामी रोशन गुप्ता के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पुलिस की सर्विलांस टीम संग तेज तर्रार दरोगाओं की टीम गठित कर एसएसपी ने उनको टास्क भी दे दिया है।पुलिस अब इनामी अपराधियों की लोकेशन खंगाल रही है। बता दें कि इनमें चौबेपुर के धौराहरा निवासी इंद्रजीत सिंह उर्फ बीकेडी, लक्सा निवासी दीपक वर्मा ,चोलापुर का गिरधारी विश्वकर्मा एवं किट्टू का साथी मनीष सिंह उर्फ सोनू शामिल है। इन शातिर बदमाशो की तलाश के लिए पुलिस की तीन टीमें लगातार दबिश भी दे रही है। गिरधारी की पुलिस को सदर तहसील में सरनाथ के जमीन कारोबारी नितेश सिंह बबलू की हत्या में तलाश है, तो बीकेडी अपने ही गांव में हुई हत्या के बाद से लगातार फरार चल रहा है। बीकेडी पर अब 5लाख का इनाम हो गया है।
बता दे कि किट्टू सबसे पहले वर्ष 2011 में दशाश्वमेघ थाना क्षेत्र में एक हत्या के मामले में संलिप्त हुआ तो इसके बाद उसका आपराधिक ग्राफ भी लगातार बढ़ता गया। वर्ष 2015 में कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल के समीप एसटीएफ ने रोहित सिंह उर्फ सनी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस दौरान उसके साथी मोनू चौहान ,रौशन और मनीष फरार हो गए थे। सनी के मारे जाने के बाद गिरोह की कमान तीनों ने संभाल ली थी। बताया गया कि इसके बाद किट्टू और भी घातक हो गया था। मोनू चौहान को 5 दिन पूर्व पुलिस ने रिंग रोड के पास मुठभेड़ में मार गिराया था।
अब पुलिस को लिए एक लाख के इनामी लंका नरोत्तम पुर निवासी मनीष सिंह उर्फ सोनू चुनौती बन गया है। सोनू पर भी दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। इस गैंग से जुड़े कई नए अपराधी भी पुलिस के रडार पर चल रहे तो कई इनामी पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल है। जिला जेल से लेकर चरायम जगत के आकाओं में इस बात की चर्चा है कि अब किसकी बारी आने वाली है??? क्योंकि पुलिस अब फ्रंट फुट पर बल्लेबाजी करती दिख रही है तो बदमाश बैकफुट पर चले गए हैं। आगे आने वाले समय में ऐसे मुठभेड़ एक दो और हो गए तो अपराध पर अंकुश लगने की पूरी गुंजाइश भी रहेगी। बरहाल धार्मिक नगरी काशी को अपराध मुक्त करने के लिए एसएसपी संग एसपी सिटी की टीम लगातार मानिटरिंग कर रही है।