राहुल और उनकी पार्टी के विचार आज भी गुलामी एवं औपनिवेशिकता की ग्रंथि से ग्रस्त:शेखावत
जयपुर : केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखात ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की पूर्व राजपरिवारों पर टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा है कि उनका भारत की समृद्ध विरासत के विषय में अज्ञान और उनकी औपनिवेशिक मानसिकता ने सभी सीमाओं को पार कर दिया है।श्री शेखावत ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि उनके विचारों से भारत के स्वाधीनता संघर्ष और अखंड भारत के निर्माण में राजघरानों के योगदान का बेशर्मी के साथ मजाक उड़ाया गया है जो अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि हजारों साल में सनातन पर जितने भी हमले हुए उन्हें राजस्थान के राजा-महाराजाओं ने पीढ़ियां कुर्बान करके बचाया। सनातन संस्कृति के मानबिंदुओं की रक्षा के लिए इन्होंने हमेशा बलिदान दिया। आज अगर इस देश में सनातन और हिंदुत्व जिंदा है तो उसका केवल और केवल कारण भारत के इन राजपरिवारों का बलिदान है।श्री शेखावत ने श्री राहुल गांधी के लिखे एक आलेख की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस के युवराज की भारतीय इतिहास की समझ कितनी भ्रष्ट और सलेक्टिव है, यह उनके आलेख से जाहिर होता है। यह हैरानी भरा है कि जो नेता भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपने को भारतीय जन-गण और मन के साथ ईमानदारी से खड़ा होने का दावा करता रहा है, वह अपने देश के स्वाधीनता संघर्ष और अखंड भारत के निर्माण के ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में किस तरह कूपमंडुकता का शिकार है।
उन्होंने कहा कि श्री राहुल और उनकी पार्टी के विचार आज भी गुलामी और औपनिवेशिकता की ग्रंथि से ग्रस्त हैं जो उस भ्रष्ट इतिहास बोध को दिखाती है, जिसके तहत वे आजादी के बाद मुगलों और मुस्लिम आक्रांताओं के इतिहास को ही देश का इतिहास बताते रहे हैं। उनका आलोख उस मानसिकता को दिखाता है जो भारतीय गौरव और स्वाधीन चेतना के महाराणा प्रताप एवं वीर शिवाजी जैसे अमर नायकों को इतिहास की किताबों के साथ, लोगों की स्मृति से भी दूर करने कोशिश में जुटी रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग कश्मीर में तिरंगा फहराने से भी डरते थे, वे आज कश्मीर की भारत के साथ एकजुटता के इतिहास को कलंकित कर रहे हैं। कश्मीर सहित एकजुट भारत का सपना भारत के पूर्व शाही परिवारों के अत्यधिक बलिदान के कारण ही संभव हो सका।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले और नफरत फैलाने वालों को भारतीय गौरव और इतिहास पर व्याख्यान देने का कोई अधिकार नहीं है। यदि श्री राहुल राष्ट्र को ‘उन्नत’ करने का दावा करते हैं तो भारत माता का अपमान करना बंद करें। भारत की वीरता और संघर्ष के उन महानायकों के बारे में जानें, जिनको लेकर भारतीय मन में आज भी गहरा सम्मान है।श्री शेखावत ने जोर देकर कहा कि श्री राहुल गांधी की टिप्पणी देश की विरासत को नजरअंदाज करने की शर्मनाक पहल तो है ही, यह हमारी विरासत का जानबूझकर किया गया अपमान भी है। वह जो लिख और बता रहे हैं, सच्चाई उसके ठीक उल्ट है। भारत के पूर्व राजपरिवारों ने पूरे इतिहास में शासन में नियंत्रण और शोषण का सहारा लेने के बजाय सहयोग की भावना को अपनाया है। भूमि प्रबंधन का मामला हो, सिंचाई तकनीक के विकास और संरक्षण मामला हो, राज परिवारों की कल्याणकारी नीतियों से ही आधुनिक भारत की विकास यात्रा शुरू हुई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मुस्लिम परस्त नीति ने जिन्ना की मंशा और जिद को पूरा होने दिया। देश के करोड़ों हिंदुओं के हितों की कुर्बानी दी गई। ‘फूट डालो और राज करो’ नीति ने भारत में सांप्रदायिकता के जो बीज बोए, उसे बाद में मोहम्मद अली जिन्ना और मुस्लिम लीग ने अपने दो-राष्ट्र सिद्धांत के साथ बढ़ावा दिया। इसलिए श्री राहुल गांधी बताएं कि देश के करोड़ों लोगों की भावना के खिलाफ कांग्रेस नेतृत्व ने भारत विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला क्यों और कैसे लिया। उन्होंने कहा कि देश के बाहर भारत में लोकतंत्र की कमजोरी का रोना रोने वाले राहुल यह भी बताएं कि भारत की परंपरा और इतिहास को लेकर इतनी घृणा क्यों है। क्या यह उस परिवारवादी सोच और राजनीति की मिसाल नहीं है, जो अपने परिवार के यश और वैभव के आगे कुछ देखना ही नहीं चाहती। श्री शेखावत ने कहा कि इनकी सनातन विरोधी जो मानसिकता है, यह उसी का परिचायक है और यह उसी को दर्शा रहे हैं। (वार्ता)