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‘बीरभूम में लोगों की हत्या के बाद उन्हें घर में बंद कर जलाया गया’-शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम नरसंहार को लेकर नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा में चौंकाने वाला दावा किया है। भाजपा विधानसभा में इस मामले पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करती रही। विधानसभा अध्यक्ष के न मानने पर शुभेंदु के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया है। गुरुवार को विधानसभा में उन्होंने कहा है कि बुधवार को जब वह घटनास्थल का दौरा करने पहुंचे थे तब लोगों ने बताया है कि बगटुई गांव में जिन लोगों को जलाकर मारा गया है, उनकी पहले हत्या कर दी गई थी और उसके बाद घर के दरवाजे बंद कर आग लगाई गई थी। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि प्रत्यक्षर्शियों ने उन्हें बताया कि पहले महिलाओं की चाकू मारकर हत्या की गई थी। उसके बाद घर का दरवाजा बंद कर दिया गया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई।

सदन में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से इस दिल दहलाने वाली नरसंहार की घटना पर चर्चा कराने की बात की लेकिन वह तैयार नहीं हुए। इस पर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए बहिर्गमन किया। उसके बाद बाहर परिसर में बैठकर धरना दिया।धरने पर बैठ शुभेन्दु अधिकारी ने मीडियों को बताया कि उस गांव में भाजपा को सिर्फ 16 वोट मिले थे। हम उस अल्पसंख्यक बहुल गांव में राजनीति करने नहीं गए थे, मानवता के लिए गए। मैंने गांव के लोगों से जो सुना है, वह मध्ययुगीन बर्बरता को मात देने वाला है। शुभेंदु ने कहा कि बगटुई के निवासियों ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र समाप्त होने में अभी एक या दो दिन बाकी हैं। हम राज्य सरकार से अपील करेंगे कि बगटुई घटना पर चर्चा करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो हम विरोध करेंगे। हमें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है। हमने इस घटना में एनआईए के हस्तक्षेप की भी मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जिन अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है वे खुद ही कई मामलों में आरोपित हैं। उन्होंने कहा कि आईपीएस ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में कोई भी जांच सुचारू रूप से पूरी नहीं हो सकती।उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित छात्र नेता अनीस खान हत्याकांड की जांच के लिए भी गठित एसआईटी के मुखिया ज्ञानवंत सिंह ही थे। उस मामले में अभी तक मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार भी नहीं किया जा सका है और न ही हत्या के राज से पर्दा उठा है, जबकि घटना के करीब दो महीने बीतने वाले हैं। (हि.स.)

पश्चिम बंगाल में एक सप्ताह में 26 राजनीतिक हत्याएं हुईं: भाजपा

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए नरसंहार की घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में जितनी बर्बरता हुई है, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। पार्टी ने कहा कि बीते एक सप्ताह में 26 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं और उनको रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई।भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीरभूम में जहां यह नरसंहार हुआ है, वहां की महिलाएं बता रही थीं कि घटना के बाद पुलिस नदारद थी। उनका आरोप था कि प्रशासन को निर्देश मिला था कि पुलिस को वहां पहुंचने नहीं देना है, इसलिए वहां एंबुलेंस तक नहीं पहुंच सकी।

पात्रा ने कहा कि इस घटना में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जो सामने आई है, उससे पता चलता है कि मारी गई महिलाओं और बच्चों को जलाने से पहले उनके साथ निर्ममतापूर्वक मारपीट की गई है। उन्होंने कहा कि बंगाल में बदले की जो राजनीति चल रही है, उसमें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा अब तक भाजपा के तकरीबन 200 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया है ।भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि बंगाल के बीरभूम की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। जिस तरह 6 महिलाओं और 2 बच्चों को जिंदा जला दिया गया, ये पूरे देश के लिए चिंता की बात है।पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल के कुछ नेता निर्मम हत्याओं पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, जिनका कहना है कि शार्ट सर्किट और सिलेंडर फटने के कारण ये घटना हुई है।

राज्यपाल को हटाने की मांग लेकर तृणमूल नेताओं ने की गृहमंत्री अमित शाह से भेंट

नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के नेतृत्व में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद में मिला और उनसे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को हटाने की मांग की।गृह मंत्री शाह से मुलाकात के बाद बंदोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से लिखे गए पत्र की एक प्रति गृहमंत्री को सौंपी है। बीरभूम के रामपुरहाट घटना को लेकर राज्यपाल का रवैया संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे में हमने गृहमंत्री से मांग की है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को हटाया जाए।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बीरभूम घटना को लेकर काफी गंभीर हैं। अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 15 पुलिसकर्मियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। तृणमूल सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओ ब्रायन और महुआ मोइत्रा भी शामिल थीं।(हि.स.)

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