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इंडिया गेट पर लगेगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा, PM मोदी ने किया एलान

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती का साल भर चलने वाला उत्सव मनाने के लिए इंडिया गेट पर नेताजी की एक भव्य प्रतिमा लगाई जाएगी

महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए और साल भर चलने वाले समारोह के हिस्से के रूप में सरकार ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया है। ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान को ध्‍यान में रखते हुए सही मायनों में एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी, और इसके साथ ही यह प्रतिमा नेताजी के प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक भी होगी। प्रतिमा का काम पूरा होने तक नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा ठीक उसी स्थान पर लगाई जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी, 2022 को सायं लगभग 6 बजे इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

इस होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, हाई गेन, 90% पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को नजर नहीं आ रही है। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्‍पन्‍न करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’ भी अलंकरण समारोह में प्रदान करेंगे। समारोह के दौरान कुल मिलाकर सात पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में विभिन्‍न लोगों और संगठनों द्वारा प्रदान किए गए अमूल्य योगदान एवं नि:स्वार्थ सेवा की सराहना और सम्मानित करने के लिए वार्षिक सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की शुरुआत की है। हर साल 23 जनवरी को इस पुरस्कार की घोषणा की जाती है। इस पुरस्कार के तहत किसी संस्था के मामले में उसे 51 लाख रुपये का नकद पुरस्कार एवं एक प्रमाण पत्र और किसी व्यक्ति के मामले में उसे 5 लाख रुपये एवं एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। .

प्रधानमंत्री स्वतंत्रता सेनानियों को उचित तरीके से सम्मानित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। इन प्रयासों के तहत विशेष रूप से ध्यान महान स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर रहा है। इस संबंध में कई कदम उठाए गए हैं जिनमें यह घोषणा भी शामिल है कि हर साल उनकी जयंती ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाई जाएगी। इसी उत्‍कृष्‍ट भावना को ध्यान में रखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत एक दिन पहले यानी 23 जनवरी से की जाएगी।

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