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चीनी कंपनियों को भारत के कानून मानने होंगे : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली : भारत ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के ठिकानों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर चीनी दूतावास के बयान को खारिज करते हुए आज कहा कि देश में काम करने वाली किसी भी विदेशी कंपनी को भारत के कानून मानने होंगे।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां नियमित ब्रीफिंग में वीवो मोबाइल कंपनी के कामकाज एवं जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर कहा, “यहां काम करने वाली कंपनियों को देश का कानून मानना होगा।

हमारी कानूनी एजेंसियां देश के कानून के हिसाब से कदम उठा रहीं हैं। मुझे नहीं लगता कि इस मामले में कोई टिप्पणी हो सकती है।”वीवो कंपनी के दो निदेशकों के भारत से फरार हाेने के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि हमें सरकारी एजेंसियों से ऐसी कोई सूचना नहीं है। यह एक कानूनी मुद्दा है और जब हमारे पास कुछ होगा और हमें चीन से बात करने की जरूरत अनुभव होगी तो हमारे पास परस्पर सहयोग की एक व्यवस्था है।

यह पूछे जाने पर कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच आज बाली में बैठक में सैन्य कमांडरों की बैठक की तारीख तय हुईं हैं, इस पर प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्रियों ने सैन्य कमांडरों की बैठक को जल्द बुलाने पर सहमति व्यक्त की है लेकिन अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।(वार्ता)

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