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युवक मंगल दल के युवाओं एवं युवतियों को पर्यटन मित्र के रूप में मिलेगा प्रशिक्षण

मंगल दल करेंगे रूरल टूरिज़्म का मंगल.पर्यटकों की यात्रा को यादगार बनाएंगे ये पर्यटन मित्र.स्थानीय हुनरमंदों के उत्पादों को मिलेगा बाजार,रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

गिरीश पांडेय

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर। शहर से सटे गुलरिहा बाजार के पास एक गांव है, औरंगाबाद। इस गांव की पहचान टेरोकोटा (मिट्टी से बने हाथी-घोड़े एवं अन्य सामान) है। वही टेरोकोटा जो गोरखपुर का ओडीओपी (एक जिला,एक उत्पाद) है।

प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे कुछ गांव हैं, जिनकी पहचान किसी ऐसी ही खूबी की वजह से है। इस पहचान की वजह संबंधित गांव के किसी खास उत्पाद, कला या हुनर हो सकता है। इनमें से औरँगाबाद जैसे गावों के हुनर के कद्रदान देश-विदेश में हैं। संबधित जिले में जब भी बाहर से कोई खास व्यक्ति आता है तो वह उस पहचान को अपने साथ ले जाता है। यह गिफ्ट के रूप में हो सकता है या किसी दुकान से खरीद के रूप में। कुछ चुनिंदा लोग तो उन उत्पादों की रेंज देखने और पसंद के अनुसार उनकी खरीद करने समय निकालकर उस गांव तक जाते हैं।

सरकार का मानना है कि विलेज टूरिज्म के दायरे में लाकर इन गावों को पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। एग्री टूरिज्म के जरिए इसके दायरे को और विस्तार दिया जा सकता है। इसके लिए संबंधित गांव में पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर कुछ बुनियादी सुविधाएं विकसित करनी होंगी।

इसके एक साथ कई लाभ होंगे। मसलन स्थानीय उत्पादों को देश-दुनिया का एक बड़ा बाजार मिलेगा। उनके उत्पाद की मांग बढ़ेगी। उनके वाजिब दाम मिलेंगे। साथ ही ब्रांड यूपी को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा कुछ स्थानीय लोगों को हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिलेगा। अलग-अलग जगहों से आए लोग एक दूसरे की संस्कृति से भी वाकिफ होंगे।

इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान 2018 में आयी टूरिज्म पॉलिसी में विलेज और एग्री टूरिज्म का खास तौर से जिक्र किया गया था।योगी-02 में पर्यटन के लिहाज से बेहद संभावनाओं वाले इस नए क्षेत्र को विस्तार देने का काम शुरू कर दिया गया है। इको एन्ड रूरल टूरिज्म बोर्ड का गठन, 75 गावों का पर्यटन के लिए चिन्हित किए जाने का प्रस्ताव इसीकी कड़ी है।

विलेज एवं रूरल टूरिज़्म के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के साथ कुछ ऐसे प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होगी जो जरूरत के अनुसार इन पर्यटकों की मदद कर सकें। एक तरह से इनकी भूमिका पर्यटन मित्र की होगी। इसके लिए सरकार युवक मंगल दल और महिला मंगल दल से जुड़े युवाओं एवं युवतियों को भी पर्यटन मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में करीब 78 हजार युवक मंगल दल पंजीकृत हैं। इसमें से करीब 42 हजार युवक मंगल दल और 36 हजार महिला मंगल दल हैं। ये दल फिट इंडिया, नमामि गंगे, पौधरोपण, रक्तदान शिविर और वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार विभाग इनको पर्यटन मित्र के रूप में प्रशिक्षित करेगा। इस तरह मंगल दल बनाएंगे विलेज और रूरल टूरिज्म को मंगल।

उत्तर प्रदेश और गावों की खुशहाली एक दूसरे के पूरक हैं। करीब 70 फीसद ग्रामीण आबादी और एक लाख गावों के मद्देनजर तो और भी। इनमें से कई गांव ऐसे हैं जिनकी किसी खास उत्पाद या हुनर के नाते अपनी पहचान है। ऐसे गावों में रूरल,विलेज एवं एग्री टूरिज्म की भारी संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार इस बाबत काम किया जा रहा है।

मुकेश मेश्राम: प्रमुख सचिव पर्यटन

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