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स्वतंत्रता सेनानियों के अज्ञात पहलुओं पर शोध और प्रकाशन करें विश्वविद्यालय : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी विश्वविद्यालयों से स्वतंत्रता सेनानियों के अज्ञात पहलुओं पर शोध और प्रकाशन करने की अपील करते हुए कहा कि हमें प्रह्लादजी पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को नये भारत के निर्माण के उद्यम में याद रखना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को वीडियो संदेश के माध्यम से गुजरात के बेचराजी में स्वतंत्रता सेनानी प्रह्लादजी पटेल की 115वीं जयंती कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने बेचराजी की गौरवमयी भूमि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रह्लाद पटेल को नमन किया। प्रधानमंत्री ने समाज सेवा में प्रह्लादजी पटेल की उदारता और उनके बलिदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वह महात्मा गांधी के आह्वान पर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और साबरमती और यरवदा में जेल भी गए।

प्रधानमंत्री ने प्रह्लादजी पटेल की उस घटना का वर्णन किया जो ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जेल में रहने के दौरान पटेल के पिता का निधन हो गया, लेकिन उन्होंने माफी की शर्तों को स्वीकार नहीं किया, जो औपनिवेशिक शासकों द्वारा उन्हें अंतिम संस्कार करने की अनुमति देने के लिए रखी गई थी। उन्होंने कई स्वतंत्रता सेनानियों का भी समर्थन किया जो भूमिगत लड़ रहे थे।

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता के बाद रियासतों के विलय में सरदार पटेल की मदद करने में प्रह्लादजी पटेल की भूमिका को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने अफसोस जताया कि ऐसे कई महान स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास की किताबों में कोई जिक्र नहीं है। प्रधानमंत्री ने प्रह्लाद पटेल की पत्नी काशी बा को भी श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि महान हस्तियों के जीवन और कार्यशैली का दस्तावेजीकरण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है।(हि.स.)

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