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हिजाब विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, फिलहाल हस्तक्षेप से इनकार

कर्नाटक के हिजाब विवाद को लेकर गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगायी गयी।मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आज ‘विशेष उल्लेख’ के तहत इस मुद्दे को अति आवश्यक बताते हुए शीघ्र सुनवाई की गुहार लगायी।मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा, ” यह मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। पहले वहां सुनवाई होने दें। इसके बाद हम इस पर विचार करेंगे।”

श्री सिब्बल ने तत्काल सुनवाई की आवश्यकता बताते हुए दलील देते हुए कहा, “परीक्षा होने वाले हैं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। लड़कियों पर पथराव हो रहे हैं। इस मुद्दे पर तत्काल विचार किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मैं इस अदालत से इस याचिका को सूचीबद्ध करने की गुहार लगा रहा हूं।”मुख्य न्यायाधीश द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय में सुनवाई का इंतजार करने के लिए कहने पर श्री सिब्बल ने कहा कि यदि उच्च न्यायालय आज आदेश पारित नहीं करता है तो शीर्ष अदालत इसे स्वयं स्थानांतरित कर सुनवाई कर सकती है।

इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हम विचार करेंगे।”यह विवाद कर्नाटक में पिछले दिनों तब शुरू हुआ था, जब एक शिक्षण संस्थान में छात्राओं को हिजाब उतार कर कक्षाओं में आने के लिए कहा गया था, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया था। छात्राओं की ओर से इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हिजाब पहनना उनका संवैधानिक अधिकार है तथा इससे उन्हें नहीं रोका जा सकता।

गौरतलब है इस विवाद को लेकर पिछले दिनों कर्नाटक के उडुपी में हिंसक घटनाएं हुई थीं। कई राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन इस मामले के समर्थन में जबकि कई अन्य विरोध में हैं।

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