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राकेश अस्थाना बने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, अस्थाना ने कई बड़े मामलों की जांच को अंजाम तक पहुंचाया

दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना के नाम की घोषणा की जा चुकी है। अस्थाना के शानदार रिकॉर्ड और तेजतर्रार छवी को देखते हुए ही सरकार ने यह फैसला लिया है। अस्थाना सबसे पहले उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाले की छानबीन शुरू की थी। उनकी ही अगुवाई में दाखिल चार्जशीट के बाद लालू यादव को चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। वहीं साल 2014 में जब आसाराम बापू और नारायण साईं का मामला सामने आया, तब राकेश अस्थाना को इसकी जांच सौंपी गई थी। नारायण साईं जब लंबे वक्त तक फरार रहा, तब अस्थाना की अगुवाई में ही उसे पकड़ा गया था। सिर्फ इतना ही नहीं राकेश अस्थाना ऐसे ही कई बड़े-बड़े मामलो की जांच कर चुके हैं। अस्थाना को न सिर्फ बड़े मामलों से निपटने का माहिर माना जाता है, बल्कि उनके काम करने का तरीका भी बेहद जुदा है।

गुजरात कैडर के अधिकारी हैं अस्थाना
राकेश अस्थाना इस समय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) पद पर तैनात हैं। वे गुजरात कैडर के अधिकारी हैं। जानकारी के अनुसार, पूर्व पुलिस कमिश्नर एस. एन. श्रीवास्तव बीते 30 जून को सेवानिवृत्त हुए थे। उनके सेवानिवृत्त होने पर नए पुलिस कमिश्नर के रूप में आईपीएस राकेश अस्थाना का नाम घोषित कर दिया है। अस्थाना का जन्म 1961 में झारखंड (तत्कालीन बिहार) के रांची में हुआ था। मूलरूप से आगरा के निवासी अस्थाना के पिता रांची के नेतरहाट स्कूल में फिजिक्स के टीचर थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट स्कूल और फिर रांची के सेंट जेवियर्स से हुई। स्कूली पढ़ाई के बाद वह आगरा में आ गए थे। उन्होंने ग्रेजुएशन आगरा के सेंट जोंस कॉलेज से किया। 1978 में बी.ए. में दाखिला लेकर फर्स्ट डिविजन के साथ डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की। 23 साल की उम्र में 1984 में पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी। यह भी उनकी तेजतर्रार बुद्धि का परिचय देता है। उनका चयन पुलिस सेवा में हुआ और वह गुजरात कैडर के अधिकारी बन गए।

सामने होंगी ये बड़ी चुनौती

देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली में चुनौतियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में राकेश अस्थाना का अनुभव दिल्ली को महफूज रखने के काम आएगा। दरअसल, कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारी दिल्ली में आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बना रहे हैं। फिलहाल दिल्ली पुलिस के सामने ये बड़ी चुनौती होगी।

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