
दीपावली की रात कर्ज मुक्ति और धन लाभ के उपाय: लक्ष्मी कृपा से बदलें आर्थिक हालात
दीपावली की रात को धन प्राप्ति और कर्ज मुक्ति के लिए शुभ माना गया है। इस रात लक्ष्मी-गणेश पूजन, श्रीयंत्र साधना, कौड़ी और दीप उपाय जैसे वैदिक एवं तांत्रिक प्रयोग आर्थिक संकट को दूर करने में सहायक हैं। जानें कि कौन-से मंत्र, समय और विधि से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। दीपावली की रात किए गए ये उपाय जीवन में समृद्धि और स्थायी धन प्राप्ति का मार्ग खोलते हैं।
- दीपावली की रात किए जाने वाले ये तांत्रिक और वैदिक उपाय माने जाते हैं अत्यंत प्रभावी – जानें कौन-से समय और विधि से मिलती है देवी लक्ष्मी की कृपा
दीपावली की रात – साधना, सिद्धि और ऊर्जा का संगम
दीपावली केवल दीप जलाने या लक्ष्मी पूजन का पर्व नहीं है, बल्कि यह वह रात्रि है जब *आकाशीय और आध्यात्मिक ऊर्जा* अपने चरम पर होती है। शास्त्रों के अनुसार यह *अमावस्या की रात्रि* होती है, जब ब्रह्मांड की शक्ति सबसे अधिक ग्रहणशील होती है। इसीलिए कहा गया है -“दीपावल्यां अमावास्यायां लक्ष्मीपूजां विशेषतः।” अर्थात दीपावली की अमावस्या पर लक्ष्मी पूजा विशेष फलदायी होती है। इस रात किए गए साधना, तंत्र-पूजन या मंत्र जाप से न केवल धन लाभ होता है, बल्कि पुराने ऋण, आर्थिक संकट और कर्जबोझ से भी मुक्ति मिलती है।
लक्ष्मी-गणेश पूजन – आर्थिक संतुलन की नींव
दीपावली की रात महालक्ष्मी और भगवान गणेश की संयुक्त पूजा से जीवन में धन, बुद्धि और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
विधि:
- शाम 7:30 बजे से 9:00 बजे के बीच पूजन शुभ है।
- चांदी, तांबे या पीतल के पात्र में जल रखें।
- लाल वस्त्र पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
- पूजन के बाद लक्ष्मीजी को खीर, मिश्री, कमल पुष्प और चांदी के सिक्के अर्पित करें।
फल: व्यापार में वृद्धि, धन-संग्रह की क्षमता और अचानक आय के योग।
कर्ज मुक्ति के लिए “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र
स्कंद पुराण* में उल्लेख है कि दीपावली की रात *श्रीकृष्ण के वासुदेव मंत्र* का जप ऋण-मुक्ति में सहायक होता है।
विधि:
- रात्रि 11 बजे के बाद शांत वातावरण में पूर्व दिशा की ओर बैठें।
- घी का दीपक जलाएं।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- काले तिल और जल से बने दीपक को अपने घर के दक्षिण दिशा में रखें।
फल: पुराने ऋण समाप्त होने लगते हैं, उधारी वापस मिलने के योग बनते हैं।
श्रीयंत्र पूजन – स्थायी धन और समृद्धि का प्रतीक
श्रीयंत्र को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। दीपावली की रात श्रीयंत्र का पूजन अत्यंत शुभ होता है।
विधि:
- स्वच्छ जल या गंगाजल से श्रीयंत्र को स्नान कराएं।
- हल्दी और केसर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
- “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
- अगले दिन से प्रतिदिन सुबह दीपक जलाना प्रारंभ करें।
फल: स्थायी धन, आर्थिक स्थिरता और निवेश में सफलता।
कौड़ी और दक्षिणावर्ती शंख उपाय
वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि शंख और कौड़ी देवी लक्ष्मी के प्रतीक हैं। दीपावली की रात इनका पूजन करने से धन की आवक बनी रहती है।
विधि:
- 7 पीली कौड़ियाँ और 1 दक्षिणावर्ती शंख लक्ष्मी पूजन में रखें।
- पूजा के बाद इन्हें लाल रेशमी कपड़े में बांधकर तिजोरी या कैश बॉक्स में रखें।
फल: धन स्थायी होता है और अचानक होने वाला खर्च घटता है।
कर्ज मुक्ति दीप उपाय
यह एक प्रसिद्ध तांत्रिक उपाय है जो केवल दीपावली की रात किया जाता है।
विधि:
- रात्रि 12 बजे के बाद घर के मुख्य द्वार के बाहर 11 सरसों के तेल के दीप जलाएं।
- प्रत्येक दीप में एक-एक लौंग रखें।
- “ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः” मंत्र का 21 बार जाप करें।
- दीप बुझने न दें; प्रातः काल राख को तिजोरी में रखें।
फल: ऋणमुक्ति, आर्थिक राहत और मानसिक शांति।
पीपल पत्ता उपाय – नकारात्मकता से मुक्ति
विधि:
- दीपावली की रात 11 बजे के बाद पीपल के पेड़ से 7 पत्ते तोड़ें।
- प्रत्येक पत्ते पर चंदन से “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमः” लिखें।
- अगले दिन प्रातः इन्हें नदी या बहते जल में प्रवाहित करें।
फल: आर्थिक संकट दूर होते हैं और परिवार में सौभाग्य बढ़ता है।
धन प्राप्ति के योग में सही समय (मुहूर्त)
- लक्ष्मी पूजन मुहूर्त: सायं 7:30 से 9:10 बजे तक।
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: प्रातः 3:45 बजे से।
- समापन: अगले दिन प्रातः 2:58 बजे तक।
- इस काल में चंद्र अंशहीन होता है, जिससे साधना की शक्ति तीव्रतम रहती है।
ध्यान देने योग्य बातें
- पूजा में लोहे का प्रयोग न करें।
- दीपक में घी का उपयोग अधिक फलदायी होता है।
- पूजा के बाद घर में लक्ष्मी मंत्रों की ध्वनि या घंटी जरूर बजाएं।
- झाड़ू को घर के उत्तर दिशा में रखें, यह “लक्ष्मी प्रवेश” का प्रतीक है।
दीपावली की रात केवल दीप और मिठाइयों का त्योहार नहीं, बल्कि धन, सौभाग्य और ऋणमुक्ति की शक्ति का प्रतीक है। यदि शुद्ध मन, उचित विधि और श्रद्धा से ये उपाय किए जाएं, तो देवी लक्ष्मी की कृपा से जीवन में आर्थिक समृद्धि और स्थिरता निश्चित रूप से आती है।
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डिस्क्लेमर:इस लेख में वर्णित सभी उपाय, मंत्र और पूजन विधियाँ पारंपरिक मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों और लोकश्रुतियों पर आधारित हैं। इनका उद्देश्य केवल सांस्कृतिक और धार्मिक जानकारी साझा करना है। हम किसी भी प्रकार के तांत्रिक प्रयोग, अंधविश्वास या चमत्कारिक परिणामों की पुष्टि नहीं करते। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी उपाय को अपनाने से पूर्व अपनी आस्था, परिस्थिति और योग्य मार्गदर्शन का ध्यान अवश्य रखें।



