Varanasi

देश और विदेश से गुलाबी मीनाकारी के ऑर्डर में हुई वृद्धि,1 करोड़ से अधिक का मिला आर्डर

योगी सरकार ने गुलाबी मीनाकारी को दिलाया जीआई टैग, ओडीओपी में शामिल कर दिलाया इंटरनेशनल मार्केट.बड़ी की संख्या में इस कला से मुँह मोड़ चुके युवा शिल्पी दुबारा जुड़ रहे हैं.योगी सरकार प्रशिक्षण, ऋण, अनुदान, मार्केटिंग करके खुद बाजार भी उपलब्ध करा रही- शिल्पी .

  • योगी सरकार ने गुलाबी मीनाकारी का रंग किया चटक, तब इस कला से जुड़े शिल्पियों के जीवन भी भर रहा रंग
  • गुलाबी मीनाकारी के 300 शिल्पियों में 30 प्रतिशत महिलाएं है,सालाना व्यवसाय लगभग 15 करोड़ का

वाराणसी । योगी सरकार द्वारा बनारस की गुलाबी मीनाकारी को जीआई पहचान दिलाकर और ओडीओपी में शामिल करके इसे इंटरनेशनल मार्केट दिला दिया है।  सोने के दामों में उछाल ने अक्षय तृतीया पर कुंदन गुलाबी मीनाकारी (गहने) के उत्पादों की मांग बढ़ा दी है। देश और विदेशों दोनों ही जगहों से अक्षय तृतीया पर गुलाबी मीनाकारी के आर्डर में वृद्धि हुई है। हस्त शिल्पियों को अक्षय तृतीया पर लगभग एक करोड़ से अधिक का आर्डर मिला ।

पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीआई और ओडीओपी उत्पादों के ब्रांड एम्बेस्डर बनकर उत्तर प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट को विश्व के बाजार में पंहुचा दिया है। बदलते ट्रेंड में अब कुंदन गुलाबी मीनाकारी की ज्वेलरी लोगों को खूब भा रही है। जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री रजनीकांत ने बताया कि बनारस गुलाबी मीनाकारी को बनाने में सोने और चांदी का इस्तमाल होता है, इसलिए लोग शुभ मानकर इस प्राचीन हस्तकला को अक्षय तृतीया में खूब पसंद कर रहे है।

लगभग 12 से 15 करोड़ से अधीक का है सालाना व्यवसाय

कभी राजा महाराजाओं की शान होने वाली गुलाबी मीनाकारी अब आम आदमी तक की पहुंच में हो गई है। इसके उत्पाद कई रेंज में मिल जाते हैं, इसकी कीमत हजारों से लेकर लाखों तक में है। ऑनलाइन बाजार ने भी इस कला के कद्रदानों की संख्या बढ़ा दी है। पद्मश्री रजनीकांत ने जानकारी दी कि बनारस गुलाबी मीनाकारी का सालाना व्यवसाय लगभग 12 से 15 करोड़ से अधिक का है। इस प्राचीन हस्तकला से लगभग 250 से 300 लोग जुड़े हैं। जिसमें 30 प्रतिशत महिलाएं है। केंद्र और योगी सरकार के प्रयास से इस कला को पुनर्जीवन मिला है। जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है।

सांस्कृतिक विरासत व कलात्मक उत्कृष्टता वाली ये शिल्प पिछली सरकारों में दम तोड़ रही थी, इस कारण इससे जुड़े शिल्पी इस प्राचीन कला से मुँह मोड़ने लगे थे। योगी सरकार ने गुलाबी मीनाकारी का रंग चटक किया तब इस कला से जुड़े शिल्पियों के जीवन में रंग भरने लगा है। मुख्यतः गुलाबी मीनाकारी का काम वाराणसी के गायघाट, कालभैरव, पक्का महल आदि क्षेत्रो के गलियों में अधिक होता है। राष्ट्रीय और राज्य अवार्डी रमेश विश्वकर्मा, तरुण, जया सिंह, पूनम, मीना देवी बलराम दास, श्याम दास, अमर नाथ वर्मा, अरुण वर्मा ने बताया कि योगी सरकार ने इस लुप्त हो रही विद्या को पुनर्जीवित कर दिया है।

मार्केटिंग करके इसके लिए खुद बाजार भी उपलब्ध करा रही है योगी सरकार

प्रशिक्षण, ऋण और अनुदान के अलावा सरकार मार्केटिंग करके इसके लिए खुद बाजार भी उपलब्ध करा रही है। जिससे बड़ी संख्या में इस कला से मुँह मोड़ चुके युवा शिल्पी दुबारा इससे जुड़ रहे हैं। अब इसके ऑर्डर देश और विदेश से आने लगे हैं। नेशनल अवार्डी कुञ्ज बिहारी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर कुंदन गुलाबी मीनाकारी के कई उत्पादों के ऑर्डर देश के अलावा विदेशों से भी आये हैं। इसमें महिलाओं की ज्वेलरी में हार, झुमके, अंगूठी, रिंग, पायल आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा लोग शादियों में गिफ्ट और रिटर्न गिफ्ट के लिए भी इस उत्पाद को पसंद कर रहे हैं। कॉर्पोरेट गिफ्टिंग में भी गुलाबी मीनाकारी की मांग बढ़ गई है।

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