संत समाज से है महाकुम्भ की भव्यता-दिव्यता, सरकार और प्रशासन आयोजन के सहयोगी: मुख्यमंत्री
महाकुम्भ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा, मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है: मुख्यमंत्री.अखाड़ों, संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने अपनी अपेक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, व्यवस्थाओं से संतुष्ट, सुविधाओं में बढ़ोतरी का अनुरोध.महाकुम्भ से पूर्व सभी अखाड़ों, विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद.
- संतगणों की भावनाओं का पूरा सम्मान, हर आशा-अपेक्षा और आवश्यकता को पूरा करने का है प्रयास: मुख्यमंत्री
प्रयागराज : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है, सरकार और प्रशासन तो बस आयोजन की सहयोगी है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक पटल पर यदि सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है तो यह संतों की कृपा से ही हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है। इसलिए इस बार भी पूज्य संतगण मेला प्रशासन के अधिकारियों को अपना मार्गदर्शन प्रदान करते रहें।
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संत समाज के साथ संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। प्रयागराज के एक दिनी दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने संत समाज का आह्वान करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी जी का प्रयागराज आगमन प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री संगम पूजन करेंगे, साथ ही स्वच्छ-सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए हजारों करोड़ की परियोजनाओं को लोकार्पित करेंगे। इस विशेष अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की गौरवपूर्ण उपस्थिति प्रार्थनीय है। संत समाज ने समवेत स्वर से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए अपनी सहमति जताई।
संतों के साथ महाकुम्भ की तैयारियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष गंगा जी का पानी देर से उतरने के कारण कुछ कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन संत समाज की हर जिज्ञासा, हर अपेक्षा को पूरा करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले हर संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है। महाकुम्भ-2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा। संतों की कृपा और प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज पूरी दुनिया अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का दर्शन कर रही है।
संगम तट पर मुख्यमंत्री के साथ आयोजित संवाद में सभी 13 अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्मध्वज के रक्षक हैं। उनके नेतृत्व में आज सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। संतों ने कहा कि योगी जी पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुम्भ के विषय में साधु-संतों, आचार्यों से इस तरह से सीधे संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं/सुझावों को सुनकर लिपिबद्ध कर रहे हैं। साधु-संतों, आचार्यों के लिए यह अवसर संतोषप्रद है। संत गणों ने महा कुम्भ-2025 की तैयारियों पर संतुष्टि जताई। साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र में चल रही तैयारियों को देखकर यह साफ हो जाता है कि महाकुम्भ-2025 प्रयागराज में पूर्व में हुए सभी कुम्भ/महाकुम्भ से भव्य एवं दिव्य होगा।
संत समाज ने भूमि आवंटन, शिविर के लोकेशन, धूल, जाम, स्वच्छता, घाटों के नामकरण, सहायता राशि आदि के संबंध में अपनी-अपनी जिज्ञासाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने यथोचित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आयोजित होने वाला महाकुम्भ-2025 पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाला होगा। समूचा संत समाज इसमें अपना योगदान करने को आतुर है।
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