अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढेगी : राजनाथ
नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि सेनाओं को युवा एवं चुस्त तथा दुरूस्त बनाने के लिए शुरू की गयी अग्निपथ योजना को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है और इससे देश की ताकत बढेगी।उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के पहले दो बैच में 40 हजार अग्निवीरों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।श्री सिंह ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी पर सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए सशस्त्र बलों में युवाओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा , “अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी। इसे पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। देश के युवा बड़े उत्साह के साथ देश की सेनाओं में शामिल हो रहे हैं।
”उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। पिछले दस वर्षों में छह लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण स्वदेशी कंपनियों से खरीदे गए हैं। इसी अवधि में देश का रक्षा उत्पादन दोगुना हो गया है तथा घरेलू रक्षा उत्पादन एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।श्री सिंह ने कहा कि एक समय था जब भारत को हथियार आयातक देश के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह एक निर्यातक के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। देश का रक्षा निर्यात 2023-24 में 21 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
इस साल के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को छह लाख 22 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो सभी मंत्रालयों में सबसे ज्यादा है।उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडेक्स) के लिए बजटीय आवंटन भी पिछले साल के 115 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़ाकर 518 करोड़ रुपये कर दिया गया है। देश सशस्त्र बलों के लिए हथियारों, टैंकों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और मिसाइल प्रणालियों के विनिर्माण के मामले में लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
राजनाथ ने जम्मू कश्मीर की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर में निरंतर हो रही आतंकवाद की घटनाओं के मद्देनजर बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में जम्मू कश्मीर की स्थिति की समीक्षा की।स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यहां साउथ ब्लाक में हुई इस बैठक को केन्द्र शासित प्रदेश में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल , रक्षा सचिव गिरधर अरमाने , सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
जम्मू कश्मीर में पिछले एक महीने से भी अधिक समय से आतंकवादी घटनाओं में खासी बढोतरी हुई है। आज भी एक मुठभेड़ में सेना का एक अधिकारी शहीद हो गया। इससे पहले भी तकरीबन हर सप्ताह सशस्त्र बलों तथा सुरक्षा बलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ होती रही है। इन घटनाओं में सेना और सशस्त्र बलों के जवान भी शहीद हुए है। एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष तक जुलाई तक दस से भी आतंकवादी घटनाओं में सैन्यकर्मियों सहित 20 से भी अधिक लोग मारे गये हैं।सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अच्छी खासी संख्या में आतंकवादी भी मारे गये हैं लेकिन आतंकवादी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।(वार्ता)