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सूर्य की किरणों ने किया श्रीरामलला का ‘महामस्तकाभिषेक’, हर्षित हुई अयोध्या

प्रभु श्री राम के सूर्य तिलक के साक्षी बने बाबा विश्वनाथ

अयोध्या । प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली राम रामनवमी पर दिव्य-भव्य मंदिर में ऊपरी तल से भूतल तक दर्पण दर्पण घूमती टहलती दृश्यमान देवता दिवाकर की प्रतिनिधि किरणें आज मध्य दिवस में जैसे ही रामलला के ललाट पर सुशोभित हुईं, टकटकी लगाए हजारों हजार आंखें खुशी से छलछला उठीं। रोम रोम पुलकित हो उठा। मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं की अपरंपार भीड़ इस अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय पल को सहेजने में लगी थी। यही हाल बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन और अपने घरों में टीवी के सामने बैठे लोगों का भी था। आज श्रीराम नवमी पर केवल जन्मभूमि मंदिर ही नहीं अपितु पूरी अयोध्या को बहुत ही सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया।

ऐसा हो भी क्यों नहीं, आखिर पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद श्रीराम लला के अपने मूल स्थान पर विराजमान होने के बाद यह पहला जन्मोत्सव है। पहले तय हुआ था कि मंदिर की पूर्णता के उपरांत सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक की व्यवस्था की जाय, किंतु साधु-संतों का तर्क था कि जब श्रीराम लला विधि-विधान पूर्वक प्रतिष्ठित हो गये हैं तो सब कुछ विधिवत होना चाहिए। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की हरी झंडी मिलने के बाद रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान का वैज्ञानिक दल सूर्य तिलक को मूर्त रूप देने में जुट गया।

यह बहुत आसान नहीं था क्योंकि पृथ्वी की गति के हिसाब से सूरज की दिशा और कोण को समन्वित करके किरणों को उपकरणों के माध्यम से ऊपरी तल से राम लला के ललाट तक पहुंचाना था। अंततोगत्वा वैज्ञानिक सफल हुए और पूर्व निर्धारित समय पर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में सूर्य किरणें राम लला के ललाट तक पहुंची। इस दृश्य को देखकर श्रद्धालु बच्चों की तरह किलक उठे। बाल, वृद्ध, नारी सब एक ही भाव में थे। वैसे आज प्रातः मंगला आरती से ही अयोध्या में उत्सव का वातावरण था। मंगलवार से ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय समेत मंदिर व्यवस्था से जुड़े पदाधिकारी सारे काम की निगरानी कर रहे थे।

सूर्य की किरणों से दमके प्रभु रामलला
रामनवमी के अवसर पर राम लला को मंगल स्नान कराकर विशेष रूप से तैयार किए गए नये उत्सव वस्त्र धारण कराए गए। श्रद्धालुओं की भीड़ के दृष्टिगत खास इंतजाम किए गए थे। निर्धारित समय पर जन्म मुहूर्त में सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक होते ही श्रद्धालु आह्लादित हो उठे। जयकारों के बीच आरती संपन्न हुई। बाहर आते लोगों को विशेष रूप से तैयार कराया गया धनिया की पंजीरी समेत अन्य प्रसाद बांटा गया। श्रीराम लला को भी छप्पन भोग लगाया गया। इन पकवानों को कारसेवकपुरम में ही शुद्धता के साथ तैयार कराया गया था। प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। बेहतरीन व्यवस्था के बीच सब कुछ कुशलतापूर्वक संपन्न हुआ, क्योंकि मंदिर परिसर ही नहीं आज तो पूरा अयोध्या धाम भीड़ से भरा था। जगह जगह लगी एलईडी स्क्रीन पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक समेत जन्मोत्सव का सीधा प्रसारण देखा।

जन्मोत्सव के साथ ही जगह-जगह सोहर व बधाई गीत बजने शुरू हो गए
रामनवमी पर भगवान की भक्ति में लीन श्रद्धालु अपने आराध्य देव के जन्मोत्सव की प्रतीक्षा में पलक पावड़े बिछाए रहे। कनक भवन व श्रीराम जन्मभूमि परिसर स्थित मंदिर सहित कई मठ मंदिरों में घंटा-घड़ियाल बजने लगा और जैसे ही भगवान का जन्म हुआ तो चारों तरफ केवल “भये प्रगट कृपाला, दीनदयाला कौशल्या हितकारी, हरषित महतारी, तनमुनहारी अद्भुत रूप बिचारी…” की ध्वनि से पूरी अयोध्या गुंजायमान हो उठी। जन्मोत्सव के साथ ही जगह-जगह सोहर व बधाई गीत बजने शुरू हो गए, श्रद्धालु भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमते नजर आए।

रामनवमी पर्व पर दूर-दराज से आए लाखों श्रद्धालुओं ने सबसे पहले पतित पावनी मां सरयू में स्नान किया और फिर अपने आराध्य देव भगवान राम के जन्मोत्सव की छटा देखने के लिए कनक भवन, श्रीराम जन्मभूमि परिसर सहित तमाम मठ-मंदिरों की चल पड़े। पर्व को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंजताम किए गए। श्रद्धालुओं के अलावा साधु संत भी भगवान राम की भक्ति में लीन दिखे। अयोध्या के प्रमुख मठ-मंदिरों अशर्फी भवन, श्री राम बल्लभा कुंज, दशरथ महल और लक्षमण किला में भी धूमधाम से जन्मोत्सव मनाया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। अनुमानित भीड़ को देखते हुए अयोध्या को 10 सेक्टर में बांटा गया था। मेला क्षेत्र में मण्डलायुक्त गौरव दयाल, पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी नितीश कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नायर, नगर आयुक्त संतोष शर्मा ड्युटी स्थलों पर एवं क्षेत्रों में भ्रमण कर श्रद्वालुओं का हाल चाल ले रहे थे। सभी के सहयोग के प्रति आदर व्यक्त किया तथा श्रद्वालुओं के प्रति भी सभी अधिकारीगण श्रद्वाअर्पित कर मार्ग भी बता रहे थे तथा निरन्तर मेला क्षेत्र में पैदल भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था एवं नागरिक सुविधाओं को उपलब्ध कराने में लगे रहे।

इस के अतिरिक्त मेला क्षेत्र के लिए तैनात सभी जोनल मजिस्ट्रेट , सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं स्टेटिक मजिस्ट्रेट अपने-अपने साथ लगाये गये पुलिस के अधिकारियों के साथ ड्युटी पर तैनात मिले। जगह-जगह स्वच्छ पानी की व्यवस्था, चिकित्सा शिविर, मोबाइल टायलेट एवं स्थायी शौचालय विगत नौ दिन से पूर्ण रूप से संचालित है, जहां साफ सफाई हेतु नगर निगम द्वारा शिफ्टवाइस 24 घंटे के लिए सफाई कर्मी तैनात है। जिला प्रशासन द्वारा श्रद्वालुओं एवं भक्तगणों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए इलेक्ट्रिक बसों सहित बड़ी संख्या में हर तरफ जाने के लिए बसें तैनात कर रखी है। रेलवे द्वारा भी यात्रियों को ले जाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।

रेलवे स्टेशनों पर जीआरपी एवं रेलवे पुलिस द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। अयोध्या पूर्ण रूप से स्वच्छ एवं सुन्दर दिखे इसके लिए नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर सफाई कर्मियों की तैनाती की गयी है। धीरे धीरे श्रद्वालु जन्मोत्सव कार्यक्रम के पश्चात अपने गन्तव्य के लिए प्रस्थान कर रहे है। बस स्टेशनों व अस्थायी बस स्टेशनों पर पेयजल, सफाई कर्मी व ध्वनि विस्तारक यंत्र आदि की व्यवस्था करने के साथ सभी चालक एवं परिचालकों को श्रद्वालुओं के साथ सद्भाव पूर्वक व्यवहार करने के निर्देश दिये गये।

 

काशी विश्वनाथ मंदिर में हुआ श्री रामनवमी पर राम लला के सूर्य तिलक का सजीव प्रसारण

वाराणसी : बाबा विश्वनाथ भी प्रभु श्री राम के सूर्य तिलक के साक्षी बने। श्री रामनवमी पर राम लला के सूर्य तिलक का सजीव प्रसारण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी किया गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने अयोध्या से हुए सूर्य तिलक का विश्वनाथ धाम में सजीव प्रसारण कर भक्तों को अविस्मरणीय, अकल्पनीय और अद्भुत पल का साक्षी बनने का अवसर प्रदान किया। इस अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में सुंदर कांड का भी आयोजन हुआ। रामनगरी से प्रभु राम के इस अद्भुत क्षण को देखने के लिए श्री विशेश्वर के धाम में सुबह से ही श्रद्धालु जुटे रहे। धाम प्रांगण में ही भजन संध्या आयोजित कर उत्साहपूर्वक समारोह का आयोजन किया गया ।

भक्तों का उमड़ा हुजूम
शिव की नगरी काशी श्री रामनवमी के उत्सव पर रामलला की नगरी अयोध्या से अध्यात्म के तरंगों से जुड़ी रही। श्री काशी विश्वनाथ धाम के आंगन में रामलला के सूर्य तिलक का श्री राम मंदिर से सजीव प्रसारण किया गया। 500 साल बाद इस ख़ास और अद्भुत पल का साक्षी बनने के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ा था। खुद बाबा भी इस पल के साक्षी बने।

सुंदर कांड का किया गया आयोजन
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में सज्जित श्री राम विग्रह के समक्ष सुंदर काण्ड पाठ का भव्य आयोजन हुआ। इसके बाद दोपहर 12 बजे से धाम में श्री राम के सूर्य तिलक का अयोध्या धाम से सजीव प्रसारण गेट नंबर 4 के बाहर, मंदिर चौक, मंदिर परिसर में बड़े एलईडी स्क्रीन पर किया गया।

धूमधाम से मना श्रीराम का जन्मोत्सव
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम में नवरात्रि में नौ दिन तक विभिन्न धार्मिक आयोजन होता रहा। भगवान श्री राम के जन्मोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से बाबा के धाम में मनाया गया। रामलला के जन्मोत्सव पर संगीत, भजन संध्या आयोजित कर उत्सवपूर्वक समारोह का आयोजन हुआ। समस्त कार्यक्रमों को न्यास की वेबसाइट, आधिकारिक फेसबुक पेज तथा यूट्यूब चैनल से लाइव स्ट्रीम किया गया।

पुरी सी बीच पर प्रभु राम लला की रेत से बनी प्रतिमूर्ति लोगों के आकर्षण का केंद्र

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त रेत शिल्प कलाकार सुदर्शन पटनायक ने राम नवमी के अवसर पर यहां पुरी समुद्र तट पर प्रभु श्री राम लला की रेत से प्रतिमूर्ति बनायी है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी है।सात फीट ऊंची और 20 फीट लंबी इस प्रतिमूर्ति को बनाने में सुदर्शन ने करीब 12 टन रेत का उपयोग किया है। उनके रेत शिल्पकला संस्थान के छात्रों ने मूर्तिकला को पूरा करने के लिए उनका हाथ बंटाया।सुदर्शन ने कहा कि पहले उन्होंने अलग-अलग मौकों पर श्रीराम की रेत से कई मूर्तियां बनाई हैं, लेकिन इस बार यह बिल्कुल अलग है।पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन ने 65 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रेतशिल्प कला प्रतियोगिताओं और समारोहों में भाग लिया है और देश के लिए कई पुरस्कार जीते हैं।(वार्ता)

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