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7.5 लाख करोड़ की 10 हजार से ज्यादा परियोजनाएं उतरेंगी धरातल पर

निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार ने कसी कमर, कई परियोजनाएं अंतिम चरण में

  • 2022 से अब तक उत्तर प्रदेश में निवेश सारथी पोर्टल पर 39.5 लाख करोड़ से अधिक के 29 हजार निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए
  • 2017 से 2022 के बीच विभिन्न स्रोतों के माध्यम से योगी सरकार ने लगभग 4,12,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया
  • 2018 में हुई यूपी इन्वेस्टर्स समिट में मिले निवेश प्रस्तावों को भी ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के माध्यम से उतारा गया धरातल पर

लखनऊ । जो कहा, सो किया, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि ऐसी ही है। वो जो कहते हैं, वो करते हैं। 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश में व्यापक पैमाने पर निवेश का जो वादा किया, उसे लगातार निभा रहे हैं। पहले 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से मिले निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा गया है तो अब 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से मिले निवेश प्रस्तावों को धरातल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपए की 10,441 परियोजनाएं कार्यान्वयन के अंतिम चरणों में हैं। जल्दी ही ये परियोजनाएं धरातल पर दिखाई देंगी। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 2017 से 2022 के बीच विभिन्न स्रोतों के माध्यम से लगभग 4,12,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है तो वहीं 2022 से अब तक प्रदेश सरकार ने निवेश सारथी पोर्टल पर 39.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के 29 हजार निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं।

अंतिम चरण की प्रक्रिया से गुजर रहे कई निवेश प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश देश और दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक शानदार इन्वेस्ट्समेंट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। 2017 में सीएम योगी के सत्ता संभालने के बाद प्रदेश के परिदृश्य में जो बदलाव आया है, उसके चलते यहां निवेश के नए-नए अवसर पैदा हुए हैं। योगी सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से जब-जब निवेशकों को उत्तर प्रदेश में अपने उद्यम लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है, उसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। योगी सरकार ने सिर्फ निवेश आशय ही स्वीकार नहीं किए हैं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने की अपनी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया है।

योगी सरकार ने प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए इसी वर्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था, जिसमें देश के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने भी लाखों करोड़ रुपए के निवेश के लिए योगी सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। अब योगी सरकार इन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर लाने के लिए प्रयासरत है। इन निवेश प्रस्तावों में से कई जमीन पर कार्य शुरू कर चुके हैं तो कई ऐसी परियोजनाएं हैं जो अंतिम चरण की प्रक्रिया से गुजर रही हैं। जल्द ही ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के माध्यम से इन्हें जमीन पर उतारा जाएगा।

2018 यूपीआईएस की परियोजनाएं उतरीं धरातल पर

योगी सरकार ने 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट (यूपीआईएस) में 4.28 लाख करोड़ रुपए के 1045 निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए थे। इन प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सरकार की ओर से प्रदेश में तीन ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह का आयोजन किया गया। पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह 2018 में आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 61,000 करोड़ रुपए के निवेश की 81 परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया। वहीं 2019 में दूसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के जरिए 65,000 करोड़ रुपए के निवेश की 250 से आधिक परियोजनाओं को शुरू किया गया। 2022 में तीसरे ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के माध्यम से 80,000 करोड़ रुपए के निवेश की 1400 से अधिक परियोजनाओं को अमली जामा पहनाया गया।

इन ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह के दौरान निवेशकों से किए गए वादे के अनुरूप उन्हें तमाम सुविधाएं और परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके अतिरिक्त 2017-22 के बीच दायर औद्योगिक उद्यमी ज्ञापन (आईईएम) पार्ट -2 की स्थिति के अनुसार, 43,700 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 227 परियोजनाएं कार्यान्वित की गई हैं। इसके अलावा, औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अन्य भूमि आवंटन के माध्यम से लगभग 95,500 करोड़ रुपए के निवेश को प्रारंभ किया गया है और वित्त वर्ष 2017 से वित्त वर्ष 2022 के बीच यूपी में 5.20 लाख एमएसएमई इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिसमें 67,600 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।

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