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जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए व्यापारियों को करें प्रशिक्षित: मुख्यमंत्री

वर्ष 2021-22 में प्रदेश में हुआ ₹98107 करोड़ का जीएसटी संग्रह, 2022-23 में बढ़कर 1,07,406 करोड़ तक पहुंचा.मुख्यमंत्री ने रखा लक्ष्य, चालू वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख करोड़ जीएसटी संग्रह के लिए मिशन मोड में हो प्रयास.

  • करापवंचन के विरुद्ध करें प्रभावी कार्यवाही, कर चोरी रोकने को करें तकनीक का प्रयोग: मुख्यमंत्री
  • करापवंचन की दृष्टि से संवेदनशील वस्तुओं के लिए क्षेत्रवार रणनीति बनाएं: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने की राज्य कर विभाग की समीक्षा, राजस्व संग्रह अभिवृद्धि के लिए दिए दिशा-निर्देश
  • फील्ड में तैनात अधिकारियों के कार्य की हो समीक्षा, मेरिट के आधार पर हो तैनाती: मुख्यमंत्री

लखनऊ : जीएसटी/वैट संग्रह में सतत बढोत्तरी पर संतोष व्यक्त करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए 1.50 लाख करोड़ संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किये जाने चाहिये।श्री योगी ने ने एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य कर विभाग की समीक्षा की और राजस्व संग्रह अभिवृद्धि के लिए दिशा-निर्देश दिए। उन्होने कहा कि समेकित प्रयासों से प्रदेश में जीएसटी/वैट संग्रह में सतत बढोतरी हो रही है।

वर्ष 2021-22 में 98 हजार107 करोड़ का राजस्व संग्रह हुआ, जो 2022-23 में बढ़कर एक लाख सात हजार 406 करोड़ रूपये हो गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी संग्रह हो चुका है। यह रिकॉर्ड राजस्व संग्रह अब तक के प्रयासों को सही दिशा होने की पुष्टि करते हैं। वर्ष 2023-24 के लिए 1.50 लाख करोड़ रूपये संग्रह के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में नियोजित प्रयास किये जाएं।उत्तर प्रदेश में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या देश में सबसे अधिक है। जीएसटी पंजीयन के लिए किए जा रहे जागरूकता प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।

जीएसटी रिटर्न दाखिल करना हर व्यापारी का कर्तव्य है। यह सुखद है कि उत्तर प्रदेश रिटर्न दाखिल करने में देश में अग्रणी राज्यों में है। रिटर्न दाखिल होने की देय तिथि के बाद नॉनफाइलर की टर्नओवर नियमित समीक्षा से रिटर्न दाखिला 95% से अधिक हो गया है। व्यापारियों को रिटर्न दाखिल करने के बारे में विधिवत प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

जीएसटी की कर प्रणाली में समस्त कार्य ऑनलाइन किए जाने से अनेक प्रकार के डेटा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। जिनका आईटी टूल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से डेटा विश्लेषण करते हुए राजस्व संग्रह के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। वाणिज्य कर अधिकारी से लेकर जॉइंट कमिश्नर स्तर तक के अधिकारियों के कार्य एवं संग्रह की समीक्षा की जाए। राजस्व संग्रह की खंडवार समीक्षा कराई जाए। अधिकारियों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी ग्रेडिंग करें और उसी अनुरुप उनकी पदोन्नति/पदस्थापना की जाए।

करापवंचन की दृष्टि से संवेदनशील वस्तुओं के लिए क्षेत्रवार रणनीति बनाएं। राजस्व क्षरण को रोकने के लिए गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करें। इस प्रकार नियोजित प्रयासों से कर चोरी के प्रयासों पर रोक लगाने में सफलता मिल सकती है।

जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। व्यापारियों को दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। दुर्घटना में व्यापारी की मृत्यु होने पर परिवार को अधिकतम 10 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। योजना के पात्र हर व्यापारी/परिजन के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ योजना का लाभ दिलाया जाए।

राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है। कर अपवंचन/कर चोरी रोकने के लिए सर्वे/छापे करने वाली टीम में दक्ष और कर्मठ अधिकारियों/कार्मिकों को शामिल किया जाए। ऐसी कार्यवाही की सफलता के लिए गोपनीयता के प्रति सतर्क रहें।

कर प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए प्रदेश में अपनाई गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित रिटर्न स्क्रूटनी आज विभिन्न राज्यों के लिए मॉडल बन गई है। ऐसे नवाचार आगे भी किए जाएं।

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