हाईकोर्ट ने हत्या मामले में 12 साल से जेल में बंद दोषी को रिहा किया
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में 12 साल से जेल की सजा काट रहे व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया है।कोर्ट ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में अंतर्निहित सुधारात्मक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए अनुचित कठोरता से बचा जाना चाहिए। कोर्ट ने याची की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आजीवन कारावास की सजा को कम कर दिया और उसे रिहा करने का आदेश दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने मनोज शर्मा की अपील पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की संपूर्णता और अपराध की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए निचली अदालत द्वारा उम्रकैद के लिए दी गई सजा बहुत कठोर है। दोषी 12 साल की सजा को काट चुका है, जो कि पर्याप्त है।
मामले में याची पर दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या करने के आरोप में हापुड़ के देहात थाने में आईपीसी की धारा 498ए, 302, 304बी और दहेज उन्मूलन अधिनियम की धारा 3/4 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। निचली अदालत ने 302 और 304 बी के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दोषी की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और उसे 12 साल जेल की सजा को पर्याप्त मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया।(हि.स.)