
- वाराणसी में बीते छह साल में बिछा फ्लाईओवरों का जाल
- काशी विश्वनाथ धाम और विरासत के सम्मान से बनारस में बढ़ा सैलानियों का आगमन
- सड़कें हुई गड्ढामुक्त, स्वच्छता रैंकिंग में भी काशी टॉप शहरों में हुआ शामिल
- मोदी-योगी की जोड़ी ने काशी के कायाकल्प के लिए छह साल में लगाया पूरा जोर
- काशी में विकास कार्यों का योगी आदित्यनाथ खुद करते हैं स्थलीय निरीक्षण
वाराणसी। बदलते भारत का आईना देखना हो तो एक बार काशी जरूर आइए और देखिए इतिहास से भी प्राचीन काशी की पुरातनता को कायम रखते हुए कैसे इस शहर का कायाकल्प हुआ है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2017 में जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 2022 में दुबारा पूर्ण बहुमत की सरकार की बागडोर संभाली तब केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के डबल इंजन की ताकत से विकास ने रफ्तार पकड़ ली। आज पूरे देश में काशी विकास का पर्याय बनता जा रहा है। यही नहीं काशी अब दुनिया में विकास के मॉडल के तौर पर देखा जाने लगा है। कभी गलियों में फैली गंदगी काशी की पहचान हुआ करती थी।
मोदी और योगी सरकार ने काशी का ऐसा कायाकल्प किया की वाराणसी की सूरत ही बदल गई। जन सुविधाओं से जुड़ी चीजों का तेजी से विकास हुआ। पर्यटन को बढ़ावा, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, आवास, शौचालय, गंगा, घाट, यातायात, सड़क, रिंग रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग, पेयजल, सीवर, खेल जैसे क्षेत्र में विकास के अभूतपूर्व काम हुए। इससे वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल के लोगों का जीवन सरल और सुगम हुआ है। साथ ही रोजगार और आजीविका के साधन उपलब्ध हो रहे है।
विश्वनाथ धाम से बढ़ा पर्यटन
आस्था और विश्वास का अनूठा शहर काशी अध्यात्मिक रूप से जितना धनी है अब भौतिक विकास भी करता जा रहा। देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप वे का शिलान्यास होने जा रहा है। योगी सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के गेटवे काशी को तेजी से विकसित कर रही है। जिससे बनारस की बदलती हुई नई तस्वीर दुनिया के सामने आ रही है। काशी की पहचान गलियों के मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए आधुनिक बनाया गया। स्वच्छता अभियान ने गंदगी का काफी हद तक सफाया कर दिया।
सड़कें चौड़ी हो गईं, रिंग रोड, फ्लाईओवर शहर के यातायात को राहत पंहुचा रहे हैं। निर्माणधीन सड़क और फ्लाईओवर बनारस की यातायात की लिए संजीवनी बनकर उभरे हैं। वहीं जल परिवहन को भी सरकार ने मजबूती दी है। स्थानीय पर्यटन के लिए 4 क्रूज़ इस वक्त गंगा में संचालित हैं। साथ ही सैलानियों के लिए देश की सबसे लम्बी क्रूज़ यात्रा गंगा विलास भी वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए संचालित हो रही है।
बंदरगाह से बड़ी क्रूज़ के साथ ही मालवाहक जहाज की भी आवाजाही हो रही है। खाद्य सामग्री खास तौर पर सब्जियों और पेरिशेबल आइटम का निर्यात किया जा रहा है। प्राथमिक और कम्पोज़िट स्कूल के नए भवन अत्याधुनिक सुविधा से लैस हैं, जो मंहगे कान्वेंट स्कूल को टक्कर दे रहे हैं। भव्य और दिव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का निर्माण वाराणसी में पर्यटकों की आमद का रिकॉर्ड बना रहा है।
नमो घाट पर्यटन का नया डेस्टिनेशन
भगवान बुद्ध की उपदेशस्थली में प्रो पुअर पर्यटन प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू हुआ है, जिससे आस पास के क्षेत्र के लोगों को बड़ी तादात में रोजगार मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रो में जल मिशन योजना, संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण शुरू हुआ है, स्टेडियम बन जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार करने और मैच कराने में सहूलियत होगी। इसके अलावा वाराणसी में इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेट स्टेडियम की पूरी तैयारी है। शिलान्यास अप्रैल में होने की सम्भावना है।

यहाँ आईपीएल समेत अंतररष्ट्रीय मैच खेले जा सकेंगे और अकादमी के संचालन से नेशनल लेवल के खिलाड़ी भी तैयार होंगे। नमो घाट पर्यटकों का नया डेस्टिनेशन बन गया है। पीएनजी से घरों में सस्ते चूल्हे जल रहे हैं। वहीं सीएनजी पर्यावरण और जनता की जेब दोनों बचा रही है। हैंडीक्राफ्ट से जुड़े शिल्पी परम्परागत काम से मुँह मोड़ रहे थे। सरकार इसे ओडीओपी व जीआई टैगिंग में शामिल करके संजीवनी दी है, अब ये उत्पाद अंतरराष्ट्रीय सैर कर रहे हें। इससे हज़ारों परिवार को रोजगार मिल रहा है। यही नहीं लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है।
गरीबों को अपना घर, नये एसटीपी ने कम किया गंगा में प्रदूषण
अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन रसोई शुरुआत हुई इस मेगा किचन में एक लाख छात्रों के लिए भोजन पकाया जा सकता है। गरीबों को छत देने के लिए पीएम आवास योजना के घटक अफोर्डेबल हाउसिंग इन-पार्टनरशिप के अंतर्गत ग्राम हरहुआ, दासेपुर, वाराणसी में 608 ई.डब्ल्यू.एस.भवनों का निर्माण हो चुका है। अन्य जगह भी निर्माण अंतिम दौर में है। वर्षो से बेकार पड़ी जगह का इस्तमाल करते हुए दशाश्वमेध घाट क्षेत्र पुनर्विकास परियोजना का निर्माण कार्य जिसमे आधुनिक फ़ूड प्लाज़ा बना है।
पिण्डरा के ग्राम महगांव (कटेहरा) में आईटीआई निर्माण। अनुपयोगी पड़ी जगह को योगी सरकार ने उपयोगी बनाते हुए लहरतारा से चौकाघाट फ्लाईओवर का नीचे वेंडिंग जोन बनवाया है। खेत खलिहान और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में अग्निशमन केंद्र का निर्माण हुआ। कम्प्रेस्ड बायो गैस का प्लांट हो गया, जिससे फर्टिलाइज़र भी बनेगा और किसानों की आय वृद्धि होगी। कूड़े से कोयले बनाने का प्लांट का भी सफल परिक्षण हो चुका है। नए एसटीपी प्लांटों के शुरू होने से गंगा में काफी हद तक गन्दगी रुक गई है। इससे गंगा स्वच्छ और निर्मल हो रही है।
सुपर स्पेशियल्टी अस्पतालों ने बनाया मेडिकल हब
रेत पर बसी टेंट सिटी पर्यटकों को लुभाने के साथ ही लोगों को रोजगार उपलब्ध करा रही है। लहरतारा और बीएचयू में कैंसर अस्पताल की शुरुआत हुई, ईएसआई अस्पताल, क्षेत्रीय आँख का अस्पताल, समेत कई अस्पताल को उच्चीकृत किया गया है। कोरोना काल में सफल टीकाकारण। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेण्टर। संत शिरोमणि गुरु रविदास जन्मस्थली का पर्यटन विकास किया जा रहा है। पंचक्रोशी समेत कई धार्मिक यात्राओं का विकास। गोवंश के संरक्षण पर कार्य। वाराणसी में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू की गई। संगठित अपराध का गढ़ पूर्वांचल में माफियाओं की कमर तोड़ी गई, जिससे कानून का राज कायम हुआ। परिणाम स्वरुप ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में उद्यमियों का रुझान वाराणसी और पूर्वांचल को लेकर बढ़ा है।
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