Varanasi

काशी से होगा दुनिया के सबसे से लम्बे रिवर क्रूज़ यात्रा का शुभारंभ

  • काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक 3200 किलोमीटर की एडवेंचरस यात्रा 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगी
  • क्रूज पर सवार होंगे स्विट्जरलैंड के 32 नागरिक, 51 दिन के सफर में से 15 दिन बांग्लादेश में रहेंगे पर्यटक
  • सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क जैसे राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से होकर गुज़रेगी यात्रा

वाराणसी। ‘नए भारत’ की गति, शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक यह रिवर क्रूज-यात्रा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ में एकात्मता के नए अध्याय जोड़ेगी। पर्यटन के क्षेत्र में काशी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। काशी से दुनिया के सबसे से लम्बे रिवर क्रूज़ की यात्रा 13 जनवरी 2023 से वाराणसी से शुरू होने जा रही है। दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर चलने वाले एमवी गंगा विलास क्रूज यात्रा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी को सुबह लगभग 10:30 बजे वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस मौके पर वाराणसी के रविदास घाट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री यूपी के चार कम्युनिटी जेटी का भी उद्घाटन करेंगे।

भारत में जल परिवहन की सबसे लम्बी और रोमांचकारी रिवर क्रूज़ यात्रा वाराणसी से 13 जनवरी 2023 में शुरू होने वाली है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टाइम टेबल का विमोचन 11 नवंबर को किया था। ये दुनिया की सबसे लम्बी रिवर क्रूज़ यात्रा होगी। उन्होंने बताया कि एमवी गंगा विलास भारत में निर्मित पहला रिवर शिप है, जो काशी से बोगीबील (डिब्रूगढ़) तक सबसे लंबी जलयान (क्रूज) यात्रा कराएगी। 51 दिनों तक एडवेंचरस सफर पर निकलने वाला यह क्रूज 15 दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा। इसके बाद असम के बह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा। ये यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी। अपने सफर में ये यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से होकर गुजरेगा।

इसमें रास्ते में मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदिया पड़ेंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरबन रिवर सिस्टम, वहीं बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा। भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे। तथा वास्तुशिल्प के लिहाज से अहम 50 से अधिक जगहों पर ये यात्रा रुकेगी, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं।

यह जलायन राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी गुज़रेगा जिनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा नेशनल पार्क भी शामिल हैं। यात्रा पर्यटकों को एक शानदार अनुभव देगी और भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता में शामिल होने का अवसर देगी। लम्बी यात्रा उबाऊ न हो इस लिए क्रूज़ पर गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की सुविधाएं होंगी।

हेरिटेज रेवेर जर्नी अन्तर कंपनी के डायरेक्टर राज सिंह ने बताया कि यह यात्रा एक ही रिवर शिप द्वारा की जाने वाली दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी और इस परियोजना ने भारत व बांग्लादेश को दुनिया के रिवर क्रूज़ नक्शे पर ला दिया है। भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन का यह नया क्षितिज खुला है। इससे भारत की अन्य नदियों में भी रिवर क्रूजिंग के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। गंगा विलास क्रूज़ की लंबाई 62.5मीटर,चौड़ाई: 12.8 मीटर,ड्राफ्ट 1.35 मीटर। इसमें तीन सनडेक हैं। 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट्स हैं। 5 स्टार होटल जैसी सुविधाएं। यात्रियों के लिए रेस्तरां, संगीत, जिम, स्पा, आदि तमाम लग्जरी सुविधाएं। गंगा विलास में 40 क्रू सदस्य हैं।

आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है गंगा विलास

राज सिंह ने बताया कि गंगा विलास क्रूज़ भारत में निर्मित है। भारत की नदियों के मुताबिक कम गहरे पानी भी चल सकता है। क्रूज़ की स्पीड अप स्ट्रीम में 12 किलोमीटर प्रति घंटा और डाउन स्ट्रीम 20 किलोमीटर तक है। क्रूज़ में आरो लगा है, एसटीपी लगा है और इंटीरियर में वाराणसी के फैब्रिक का प्रयोग किया गया है। उत्तर प्रदेश प्रदेश के जीआई और ओडीओपी उत्पादों से सजावट किया गया है। उन्होंने बताया कि क्रूज़ जिस शहर में रुकेगा वहां की लोकल अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी।

अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाएं

प्रधानमंत्री शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। जल मार्ग विकास परियोजना के तहत विकसित, हल्दिया मल्टी मॉडल टर्मिनल की कार्गो हैंडलिंग क्षमता लगभग 3 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) है और बर्थ को लगभग 3000 डेडवेट टनेज (डीडब्ल्यूटी) तक के जहाजों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है।

प्रधानमंत्री इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के सैदपुर, चोचकपुर, जमानिया और बलिया जिले के कंसपुर में चार फ्लोटिंग कम्युनिटी जेटी का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा बिहार में पटना जिले के दीघा, नकटा दियारा, बाढ़, पानापुर और बिहार के समस्तीपुर जिले के हसनपुर में पांच सामुदायिक घाटों की आधारशिला रखी जाएगी। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और क्षेत्र में स्थानीय समुदायों की आजीविका में सुधार के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में गंगा नदी के किनारे 60 से अधिक सामुदायिक घाटों का निर्माण किया जा रहा है। छोटे किसानों, मत्स्य इकाइयों, असंगठित कृषि उत्पादक इकाइयों, बागवानों, फूलों की खेती करने वालों और गंगा नदी के भीतरी इलाकों में आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने वाले कारीगरों के लिए सरल लॉजिस्टिक समाधान प्रदान करके सामुदायिक जेटी लोगों की आजीविका में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के लिए समुद्री कौशल विकास केंद्र का भी उद्घाटन करेंगे। यह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में समृद्ध प्रतिभा को तराशने में मदद करेगा और तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक उद्योग में रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा।इनके अलावा, प्रधानमंत्री गुवाहाटी में पांडु टर्मिनल में एक जहाज मरम्मत सुविधा और एक एलिवेटेड रोड की आधारशिला भी रखेंगे। पांडु टर्मिनल पर शिप रिपेयर सुविधा से कीमती समय की बचत होगी क्योंकि एक जहाज को कोलकाता रिपेयर फैसिलिटी तक ले जाने और वापस लाने में एक महीने से अधिक का समय लगता है। इसके अलावा, इससे धन की भारी बचत भी होगी क्योंकि जहाज की परिवहन लागत भी बचेगी। पांडु टर्मिनल को राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से जोड़ने वाली सड़क 24 घंटे की कनेक्टिविटी रहेगी।

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