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सीएम योगी के विजन से उत्तर प्रदेश बना डिजिटल इनोवेशन और निवेश का नया केंद्र

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश स्टार्टअप, आईटी और डेटा सेंटर के क्षेत्र में देश का प्रमुख डिजिटल हब बनकर उभरा है। स्टार्टअप प्रोत्साहन राशि 2021 से 2025 तक रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ी है, जिससे नवाचार को बड़ी मजबूती मिली है। इंफोसिस, एडोब और आईबीएम जैसी शीर्ष कंपनियों ने बड़े निवेश कर रोजगार सृजन को गति दी है। डेटा सेंटर नीति-2021 से यूपी राष्ट्रीय डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से स्थापित हो रहा है।

  • सीएम योगी आदित्यनाथ की नीति से यूपी बना स्टार्टअप और आईटी निवेशकों की पहली पसंद

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व और नीति-नियोजन का असर स्टार्टअप, आईटी और डेटा सेंटर के क्षेत्र में तेज गति से हो रहे विकास के तौर पर देखने को मिल रहा है। बीते वर्षों में उत्तर प्रदेश ने डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की है, जिससे उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। इंफोसिस, एडोब, आईबीएम, और टेली पर्फार्मेंस जैसी वैश्विक आईटी कंपनियों के निवेश से न केवल प्रदेश में आर्थिक प्रगति हो रही है, बल्कि लाखों की संख्या में रोजगारों का भी सृजन हो रहा है।

स्टार्टअप प्रोत्साहन में यूपी ने तोड़ा रिकॉर्ड, 2,600 लाख तक पहुँची आर्थिक मदद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजन के मुताबिक उत्तर प्रदेश को स्टार्टअप, आईटी सेक्टर और डाटा प्रॉसेसिंग के हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस क्रम में स्टार्टअप के विकास के लिए प्रदेश सरकार की ओर से दिये जाने वाले वित्तीय प्रोत्साहन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी इस बदलाव की सबसे बड़ी मिसाल है। वर्ष 2021-22 में जहां स्टार्टअप प्रोत्साहन के लिए मात्र 274 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी, वहीं 2022-23 में यह बढ़कर 866 लाख रुपये और 2023-24 में 1,326 लाख रुपये तक पहुँच गई। जबकि वर्ष 2025 में स्टार्टअप प्रोत्साहन राशि के रूप में 2,600 लाख रुपये दिये जा चुके हैं। स्टार्टअप प्रोत्साहन में लगातार वृद्धि स्पष्ट करती है कि, सीएम योगी आदित्यनाथ का विजन प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को लगातार मजबूती देना है।

इंफोसिस, एडोब, आईबीएम, और टेली पर्फार्मेंस ने यूपी में किया 868 करोड़ रुपये का निवेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आईटी और आईटीईएस नीति के तहत भी उत्तर प्रदेश ने निवेश और रोजगार के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाई है। वर्ष 2025 की शुरुआत में ही 2 एलओसी से जरिये ₹28.34 करोड़ का निवेश और 1,600 नए रोजगार सृजित हुए जबकि सितंबर 2025 के बाद प्राप्त 3 बड़े प्रस्तावों के माध्यम से ₹868 करोड़ के निवेश और लगभग 7,800 रोजगार का सृजन हुआ है। इनमें इंफोसिस, एडोब, आईबीएम, और टेली पर्फार्मेंस जैसी वैश्विक आईटी कंपनियां निवेश कर,उत्तर प्रदेश को आईटी और टेक्नालॉजी निवेश के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित कर रही हैं।

डेटा सेंटर नीति- 2021 के तहत यूपी बना रहा देश का डिजिटल हब

सीएम के विजन में बनी डेटा सेंटर नीति- 2021 के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने डिजिटल अवसंरचना के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस नीति का परिणाम है कि एनआईडीपी के 9,134 करोड़, एनटीटी ग्लोबल डाटा सेंटर के 1,687 करोड़, अडानी इंटरप्राइजेज़ के दो अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में 2,416 करोड़ और 2,713 करोड़ और एसटी टेली मीडिया ग्लोबल डेटा सेंटर के 2,130 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। जिनको तेजगति से क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में स्टार्टअप प्रोत्साहन, आईटी विस्तार और डेटा सेंटर जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भारी निवेश यह साबित करता है कि उत्तर प्रदेश अब ‘बीमारू राज्य’ की पुरानी छवि से बाहर निकलकर ‘ब्रांड यूपी’ के रूप में देश के अग्रणी औद्योगिक और डिजिटल राज्यों में शामिल हो चुका है।

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