National

…क्या जवान को छोडऩे के बदले जनअदालत की शर्त पूरा कर पाएगी सरकार

रायपुर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए मुठभेड़ के बाद जवान को नक्सलियों ने बंधक बना लिया था, जिसे गुरुवार को छोड़ भी दिया। इस दौरान नक्सलियों ने एक बड़ी जनअदालत बुलाई थी। इसमें करीब हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। सैंकड़ों की संख्या में वर्दीधारी और हथियार बंद नक्सली थे। नक्सलियों के इस समूह को एक महिला नक्सली लीड कर रही थी। जनआदलत में बंदी जवान को छुड़ाने जब नक्सलियों के शर्तानुसार मध्यस्थता कमेटी पहुंची तब उसमें बस्तर के 7 पत्रकार भी मौजूद थे। नक्सलियों ने जवान राजेश्वर सिंह को सबसे पहले पत्रकारों के हवाले किया।

पत्रकारों के अनुसार जवान को छोडऩे के एवज में जनअदालत के दौरान ग्रामीणों ने जवान को छोड़े जाने का पूरजोर विरोध किया, लेकिन नक्सलियों ने जवान को आखिरकार रिहा कर दिया। जनअदालत ने ऐसी शर्त पत्रकारों और मध्यस्थता कमेटी के सामने जो रखी, जिस शर्त को निभाने के लिए पत्रकार भी नक्सलियों और जनअदालत को वादा करने में हिचकिचाने लगे।

दरअसल पत्रकारों से ग्रामीणों ने जवान के रिहाई की शर्त रख दी। शर्त यह था कि जिस तरह जवान को नक्सलियों ने बंधक बनाया फिर वापस छोडऩे की भूमिका तैयार की उसमें पत्रकार और समाजसेवियों को सरकार ने जवान को वापस लाने भेजा। उसी प्रकार जब किसी ग्रामीण को पुलिस पकड़ेगी तब उन्हें भी इसी तरह वापस लाना होगा।

पत्रकार जनअदालत की शर्त सुनकर हिचकिचाने लगे। पत्रकारों का कहना है कि जिस शर्त की बुनियाद पर नक्सलियों ने जवान को रिहा किया है, उसके अनुसार ग्रामीण को जब पुलिस गिरफ्तार करती है तो उन पर नक्सलियों से तार जुड़े होने के बहुत से आरोप होते है, अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या पत्रकारों के नक्सलियों से किए वादा को निभाने में सरकार और पुलिस प्रशासन उनकी मदद करेगी या फिर शर्त को बुनियाद बनाकर जनअदालत की आड़ में नक्सली अपने साथियों को सरकार से छुड़ाने की मांग करेंगे।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button