विद्याकुम्भ प्राथमिक विद्यालय से संवर रहा श्रमिकों के बच्चों का भविष्य’
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा की निरंतरता के लिए खोले गए हैं 'विद्याकुम्भ' प्राथमिक विद्यालय.शिक्षकों की चुनौतियों और दी जा रही सुविधाओं के बारे में ली जानकारी.
- मंत्री परिषद की बैठक और गंगा स्नान व आरती के बाद बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने किया निरीक्षण
महाकुम्भनगर । उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बुधवार को महाकुम्भ-2025 के मेला क्षेत्र में संचालित ‘विद्याकुम्भ’ प्राथमिक विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों से संवाद कर व्यवस्थाओं का आकलन किया और शिक्षा की गुणवत्ता पर चर्चा की।इससे पहले, मंत्री संदीप सिंह ने तीर्थराज प्रयाग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की ऐतिहासिक बैठक में भाग लिया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री और सभी मंत्रीगण ने त्रिवेणी संगम पर स्नान किया और गंगा पूजन व आरती में सम्मिलित होकर आशीर्वाद लिया।
सरकार गरीब और वंचित बच्चों की शिक्षा के प्रति संकल्पबद्ध
विद्याकुम्भ प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षण के दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘विद्याकुम्भ प्राथमिक विद्यालय श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षा का एक नया अध्याय लिख रहे हैं। उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में यह प्रयास एक महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश सरकार गरीब और वंचित बच्चों की शिक्षा के प्रति संकल्पबद्ध है।’
बच्चों और शिक्षकों से किया संवाद
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने शिक्षकों से विद्यालय की व्यवस्थाओं और उनकी चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बच्चों से भी संवाद किया और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया। मंत्री ने कहा कि महाकुम्भ जैसे धार्मिक आयोजन में शिक्षा की यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव का आधार बनेगी।
श्रमिक बच्चों के लिए शिक्षा का उजियारा हैं ‘विद्याकुम्भ’ विद्यालय
महाकुम्भ-2025 के दौरान श्रमिक परिवारों के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘विद्याकुम्भ’ प्राथमिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत मेला क्षेत्र में पाँच स्थायी और आठ अस्थायी विद्यालय संचालित हैं। विभागीय तैयारियों के अनुसार, इन्हें मेला क्षेत्र के सभी सेक्टर्स में विस्तारित करने की योजना है। वर्तमान में स्थायी रूप से संचालित विद्यालयों में 5,00 से अधिक बच्चों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है, और इस संख्या को 1,000 तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
यह मिल रही सुविधाएं
इन विद्यालयों में डिजिटल क्लासरूम, खेल-खेल में पढ़ाई और शैक्षणिक किट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चों को ‘उमंग किट’ और बालिकाओं को ‘ज्ञान का पिटारा’ वितरित किया गया है, जिसमें किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री शामिल हैं।
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