उपराष्ट्रपति ने गरीबी, भ्रष्टाचार व अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने का किया आह्वान
आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत होने के मौके पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार और लैंगिक भेदभाव जैसी अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए यह एक वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दांडी मार्च ने पूरे विश्व को दिखाया कि भारत दमन के सामने नहीं झुकेगा। आजादी तभी पूरी होती है, जब हम संविधान में वर्णित निर्धारित लक्ष्यों को हासिल कर लेते हैं। उपराष्ट्रपति ने सतही आधार पर लोगों को विभाजित करने वाली ताकतों से लड़ने का आह्वान किया, उन्होंने कहा कि ‘भारतीयता ही हमें एकजुट करती है’।
हमें विरासत में दी गई आजादी को याद करने का अवसर
भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के 75 सप्ताह के उत्सव के अवसर पर एक फेसबुक पोस्ट में, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी राष्ट्रीय यात्रा में एक निर्णायक क्षण था और महात्मा गांधी और अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा हमें विरासत में दी गई आजादी को याद करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, उनके सर्वोच्च बलिदानों और उनके उदात्त आदर्शों की असाधारण भावना को याद रखना और उन्हें मनाना हमारा परम कर्तव्य है।
चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए साथ काम करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक
साबरमती से दांडी तक शुरू हुई 25 दिवसीय पदयात्र का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि यह पदयात्रा अतीत से प्रेरणा लेने और भक्ति, साहस और आत्मविश्वास के साथ वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। महान दांडी मार्च को याद करते हुए नायडू ने कहा कि इसने राष्ट्र को नमक के सरल लेकिन शक्तिशाली प्रतीक के साथ आंदोलित कर दिया था। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता और सही मायनों में एक लोहा लेने की प्रतिबद्धता के साथ, अंग्रेजों और दुनिया को दिखा दिया कि भारत बल और दमन के आगे नहीं झुकेगा।