Varanasi

इंटरनेशनल ट्रेड शो के जरिए अन्य प्रदेशों के लिए रोल मॉडल बनेगा उत्तर प्रदेश

यूपी के 54 जीआई उत्पादों में 41 हस्तशिल्प,13 कृषि, उद्यान व फूड बेस्ड उत्पाद हैं, जल्द ही प्रदेश में जीआई टैग वाले उत्पादों की संख्या बढ़कर 75 होने की उम्मीद 

  • यूपी को 1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इंटरनेशनल ट्रेड शो साबित होगा ‘मील का पत्थर’, वाराणसी की भी होगी इसमें व्यापक उपस्थिति

वाराणसी । “यूपी गोज़ इंटरनेशनल”, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के उद्यमियों को वैश्विक मंच और सपनों को नई उड़ान प्रदान करने के लिए यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का मेगा आयोजन करने जा रही है। ग्रेटर नोएडा में 21 से 25 सितम्बर के मध्य आयोजित होने वाले इस ट्रेड शो में वाराणसी की भी सशक्त उपस्थिति देखने को मिलेगी। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में विरासत, कलात्मकता और उच्च गुणवत्ता के प्रतिमान काशी के 23 जीआई टैग वाले उत्पादों को अब दुनिया देखेगी।

इस वैश्विक मंच के जरिए काशी पूरी दुनिया को अपना मुरीद बना सकेगा। उल्लेखनीय है कि काशी देश का पहला ऐसा शहर है जहां सबसे अधिक जीआई टैग वाले उत्पाद हैं। दुनिया में पुरातन संस्कृति के पुरोधा होने के साथ ही व्यापारिक दृष्टि से काशी की छवि उच्च गुणवत्तापूर्ण हस्तनिर्मित उत्तम कलात्मक उत्पादों के सृजन की रही है। इसी बात को ट्रेड शो में भी दर्शाया जाएगा जहां काशी की कलात्मकता के प्रदर्शन के लिए अलग से एक हॉल की व्यवस्था होगी। यहां प्रोडक्ट्स की शोकेसिंग तो होगी ही, कुछ हस्तशिल्पी लाइव डेमोस्ट्रेशन भी देंगे।

पूरी दुनिया देखेगी काशी का हुनर

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में काशी की समृद्ध हैंडीक्राफ्ट की विरासत और हस्तशिल्पियों का हुनर पूरी दुनिया देखेगी। पांच दिवसीय यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में सबसे ज्यादा काशी के जीआई टैग वाले उत्पाद देखने को मिलेंगे। इस विषय पर जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 54 जीआई टैग वाले उत्पाद हैं। इनमें से पूर्वांचल के 27 और अकेले वाराणसी जिले से 23 जीआई टैग संबंधी उत्पाद हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बड़े संख्या में प्रमुख ओडीओपी उत्पादों को भी जीआई टैग मिल चुका है और यह भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार में भी शुमार है।

यूपी के 54 जीआई उत्पादों में 41 हस्तशिल्प और 13 कृषि, उद्यान व फूड बेस्ड उत्पाद हैं। यूपी की उद्यमशीलता रंग ला रही है प्रदेश में जल्द ही जीआई उत्पादों की संख्या बढ़कर लगभग 75 होने की संभावना है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा एकमात्र राज्य है जहां सभी प्रमुख श्रेणी के जीआई उत्पाद हैं और हस्तशिल्प में सर्वाधिक जीआई टैग भी उत्तर प्रदेश से हैं। साफ है कि इस ट्रेड शो से उत्तर प्रदेश के धरोहरों की चमक पूरी दुनिया में बिखरेगी जो आगे चलकर अन्य प्रदेशों में भी उद्यमशीलता के अवसर उत्पन्न करने के रोल मॉ़डल के तौर पर देखा जाएगा।

प्रदेश के उत्पादों को मिल रहा नया बाजार

जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी नीतियों और कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि प्रदेश के जीआई और ओडीओपी उत्पादों को इन नवीन प्रयोगों के जरिए नया बाजार मिल रहा है। उन्होंने इस बात पर विश्वास जताया कि देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर ख्याति बटोर रहे उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए इंटरनेशनल ट्रेड शो मील का पत्थर साबित होगा।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट ,जीआई उत्पाद समेत सभी स्तर के सूक्षम ,लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को इस आयोजन के जरिए इंटरनेशनल प्लेटफार्म देने जा रही है। इससे उद्यमी अपने उत्पादों को अंतर्राट्रीय बाजार तक ले जा सकेंगे और उन्हें पूरी दुनिया से खरीदार मिल सकेंगे। ऐसे में, ग्रेटर नोएडा में होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में वाराणसी के उत्पाद भी अपनी चमक बिखेरने को पूरी तरह से तैयार हैं।

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