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स्टार्टअप इंडिया की नई धड़कन बना उत्तर प्रदेश: युवाओं को जॉब क्रिएटर बनाने की योगी सरकार की पहल

उत्तर प्रदेश आज स्टार्टअप इंडिया की नई शक्ति बनकर उभर रहा है। योगी सरकार की उद्यम-अनुकूल नीतियों और पारदर्शी शासन ने प्रदेश में 18,568 से अधिक स्टार्टअप्स को मजबूत आधार दिया है, जिनमें आठ हजार से अधिक का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। आईटी, ड्रोन, फिनटेक, एग्री-टेक जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते स्टार्टअप्स ने युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाया है। UP अब देश का उभरता हुआ स्टार्टअप हब बन चुका है।

  • 18,568 स्टार्टअप्स में आठ हजार महिला नेतृत्व-UP बना नवाचार और उद्यमिता का मजबूत केंद्र

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आज स्टार्टअप इंडिया की नई धड़कन बनकर उभर रहा है। प्रदेश सरकार के संकल्पित प्रयासों और उद्योग अनुकूल नीतियों ने राज्य में एक नई स्टार्टअप संस्कृति को जन्म दिया है। पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप इकोसिस्टम में गुणात्मक और परिमाणात्मक वृद्धि देखने को मिली है। स्टार्टअप इकोसिस्टम के मामले में उत्तर प्रदेश, देश में अपना विशेष स्थान रखता है। यह बदलाव न केवल प्रदेश की आर्थिक प्रगति को रफ्तार दे रहा है बल्कि युवा ऊर्जा को सही दिशा भी प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का विज़न, प्रदेश के युवाओं को जॉब सीकर से, जॉब क्रिएटर बनाना है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्टार्टअप की मौजूदगी है, जो एग्री-टेक, एआई, ड्रोन और फिनटेक आदि क्षेत्र से हैं।

योगी आदित्यनाथ सरकार के समर्थन से उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में प्रदेश में 18568 स्टार्टअप सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। यह संख्या इस बात का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश अब उद्यमिता का मजबूत गढ़ बन चुका है। इन स्टार्टअप्स में से लगभग आठ हजार स्टार्टअप्स का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। सरकार की नीतियों में यह दृष्टिकोण साफ झलकती है। स्टार्टअप नीति ने युवाओं को न केवल उद्यम आरंभ करने का अवसर दिया है बल्कि उन्हें आवश्यक मेंटरशिप, वित्तीय सहयोग और तकनीकी सहयोग भी उपलब्ध कराया है। इनक्यूबेशन सेंटरों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि ने नए उद्यमियों को जमीन स्तर से लेकर उद्योग स्थापना को मजबूत आधार दिया है। प्रदेश के कई विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थान नवाचार के केंद्र बन चुके हैं। यहां से निकलने वाले नए विचार और प्रयोग पूरे देश के स्टार्टअप परिदृश्य में अपनी पहचान बना रहे हैं।

योगी आदित्यनाथ सरकार की आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स संबंधी नीतियों ने भी स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा दी है। प्रदेश में आईटी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर जैसे शहर अब आईटी और टेक आधारित स्टार्टअप के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। सरकार द्वारा आईटी पार्कों का विकास तेज गति से किया जा रहा है। यही कारण है कि विश्व की कई बड़ी कंपनियां भी उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए उपयुक्त स्थान मान रही हैं। स्टार्टअप सेक्टर के विशेषज्ञ रजत श्रीवास्तव का कहना है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की प्रभावी और ठोस स्टार्टअप नीति के कारण स्टार्टअप इको सिस्टम तेजी से सुदृढ़ हो रहा है। इनका कहना है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश स्टार्टअप का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा।

आज उत्तर प्रदेश में सरकार की पारदर्शी नीतियां मजबूत कानून-व्यवस्था और उद्योग अनुकूल वातावरण के कारण उद्यमिता एक नई ऊंचाई पर पहुंच रही हैं। महिला उद्यमियों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब नवाचार और उद्यमिता का विस्तार हो रहा है जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अपने स्टार्टअप इकोसिस्टम को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की नई पहचान एक विकसित नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित हो रही है। जहां युवा अपने सपनों को जमीन पर उतार रहे हैं और उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर कर रहे है।

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