
- मॉक इंटरव्यू में यूपीएससी अभ्यर्थी प्रशासनिक अधिकारियों से सीख रहे परीक्षा नई रणनीति
- सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में मील का पत्थर साबित हो रही मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना
लखनऊ । यूपीएससी 2024 की तैयारी कर रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत मॉक इंटरव्यू का आयोजन किया जा रहा है। कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी अभ्यर्थियों को साक्षात्कार की बारीकियां सिखा रहे हैं, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ मुख्य परीक्षा के अंतिम चरण में सफलता प्राप्त कर सकें। अब तक तीन चरणों में 26 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू आयोजित किए जा चुके हैं।
अब तक आयोजित तीन चरणों में 26 अभ्यर्थियों का हुआ मॉक इंटरव्यू
समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित अभ्युदय सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मॉक इंटरव्यू का पहला चरण 17 जनवरी को लखनऊ के भागीदारी भवन में संपन्न हुआ। इसमें 9 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। आईएएस अखंड प्रताप सिंह, आईएएस सुनील कुमार वर्मा एवं आईएएस मन्नान अख्तर ने उन्हें इंटरव्यू की प्रक्रिया एवं उत्तर देने की रणनीति से अवगत कराया।
दूसरा चरण 28 जनवरी को नोएडा में संचालित अभ्युदय सेंटर में आयोजित किया गया। इस मॉक इंटरव्यू में भी 9 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। समाज कल्याण विभाग के निदेशक, डीएसडब्ल्यूओ सतीश कुमार (नोएडा) एवं डीएसडब्ल्यूओ वेद जी (गाजियाबाद) के विशेष प्रयासों से यह आयोजन सफल रहा। इस साक्षात्कार में आईएएस पूजा गुप्ता, आईएएस अभिनव गोपाल और आईएएस संजय खत्री ने अभ्यर्थियों को गहन मार्गदर्शन दिया।
तीसरा चरण पुनः लखनऊ के भागीदारी भवन में आयोजित हुआ, जिसमें 8 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान आईएएस दीपा रंजन, आईएएस मन्नान अख्तर, आईएएस अतुल शर्मा और आईएएस गुंजिता अग्रवाल ने उम्मीदवारों को साक्षात्कार की रणनीति और आत्मविश्वास बढ़ाने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि “मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत यूपीएससी 2024 की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए मॉक इंटरव्यू सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें वास्तविक साक्षात्कार का अनुभव मिले और उनकी तैयारी को और अधिक सशक्त बनाया जा सके। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है। अनुभवी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिए जा रहे इन मॉक इंटरव्यू से अभ्यर्थियों को न केवल साक्षात्कार की बारीकियों को समझने का अवसर मिल रहा है, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है। हमारी कोशिश है कि हर प्रतिभाशाली छात्र को उचित मार्गदर्शन मिले और वह अपने सपनों को साकार कर सके।
वंचित और गरीब वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा देने जुटी योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के अवसर पर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत की थी। यह योजना गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अपने शुरूआत से ही यह योजना प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह दूरदर्शी पहल राज्य के वंचित और गरीब वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा देने का काम कर रही है। इस योजना के माध्यम से छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे यूपीएससी, पीसीएस, जेईई, नीट जैसी कठिन परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकें।
यूपी सरकार ने इस योजना को राज्य के 75 जनपदों में सफलतापूर्वक संचालित कर रही है, जहां करीब 156 केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी निगरानी में किया जा रहा है। इसकी बकायदा मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ में अलग से अभ्युदय सचिवालय स्थापित किया गया है जहां से प्रतिदिन इन सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन की पूरी व्यवस्था की देखरेख की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा 11 केंद्र लखनऊ में संचालित हैं, जबकि कौशांबी में 6, गोरखपुर में 5, वाराणसी और बहराइच में 4 केंद्रों का संचालन किया जा रहा है।
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