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स्‍वतंत्रता दिवस से 5 दिन पहले यूपी को मिली उज्‍ज्‍वला की सौगात

  • यूपी को मिली उज्‍ज्‍वला योजना के दूसरे चरण की सौगात
  • उज्ज्वला योजना ने देश की जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है : पीएम मोदी
  • सीएम की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने की उज्‍ज्‍वला फेज दो की वर्चुअल शुरुआत
  • बुंदेलखंड की धरती से पीएम ने मेजर ध्‍यान चंद को याद किया
  • सीएम योगी ने प्रदेश की जनता की ओर से दिया पीएम को धन्‍यवाद
  • उज्‍ज्‍वला योजना नारी गरिमा को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण योगदान : सीएम योगी

लखनऊ : प्रदेश में उज्‍ज्‍वला योजना के दूसरे चरण की मंगलवार को महोबा से शुरुआत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी को स्‍वतंत्रता दिवस से पांच दिन पहले उज्‍ज्‍वला की सौगात दी। महोबा में सीएम योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने योजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस मौके पर पीएम ने बुंदेलखंड की महिलाओं से बातचीत की।

महिलाओं को गैस सिलेंडर और कनेक्‍शन बांट कर महोबा से उज्‍ज्‍वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों, जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है। ये योजना 2016 में यूपी के बलिया से, आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरु हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरा संस्करण भी यूपी के ही महोबा की वीरभूमि से शुरु हो रहा है।

पीएम ने कहा आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान मेजर ध्यान चंद, दद्दा ध्यानचंद को याद कर रहा हूं। देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में हमारे युवा साथियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन की बीच खेल रत्न के साथ जुड़ा दद्दा का ये नाम लाखों करोड़ों युवाओं को प्रेरित करेगा।

कांग्रेस का नाम लिए बिना पीएम ने कहा कि बीते साढ़े 7 दशकों की प्रगति को हम देखते है तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था। घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं है जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतज़ार देशवासियों को करना पड़ा । बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए। बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण के इस संकल्प को उज्ज्वला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया है। योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया। इसका कितना लाभ हुआ है, ये हमने कोरोना काल में देखा है। अब श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। आपको अपने पते का सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन देना है और आपको गैस कनेक्शन मिल जाएगा। अब देश मूल सुविधाओं की पूर्ति से, बेहतर जीवन के सपने को पूरा करने की तरफ बढ़ रहा है। आने वाले 25 साल में इस सामर्थ्य को हमें कई गुणा बढ़ाना है।  योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी उज्‍ज्‍वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत कर रहे हैं ये सचमुच नारी गरिमा को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण योगदान है।

सीएम योगी ने कहा कि पूरे देश के अंदर आठ करोड़ लोगों को निशुल्क रसोई गैस के कनेक्शन और सिलेंडर उपलब्ध करवा कर इस योजना ने जहां प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का कार्य किया वहीं इसके माध्यम से पर्यावरण की रक्षा और सबसे महत्‍वपूर्ण नारी गरिमा, सम्मान स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा भी की। अकेले उत्तर प्रदेश के डेढ़ करोड़ परिवारों को पहले चरण में इस योजना का लाभ प्राप्त हुआ। कोरोना कालखंड में तो प्रधानमंत्री जी ने 6 महीने तक इन सभी लाभार्थियों को निशुल्क रसोई गैस के सिलेंडर भी उपलब्ध कराए। आज प्रधानमंत्री जी जब उज्जवला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ कर रहे हैं, यह सचमुच नारी गरिमा और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के साथ आपके द्वारा दिया गया एक उपहार है। 2014 के पहले रसोई गैस के कनेक्शन और उन्हें सिलेंडर उपलब्ध हो यह एक दिवास्वप्न जैसा बन गया था। जिनके पास कनेक्शन थे, उन्हें समय पर रसोई गैस के एलपीजी सिलेंडर नहीं उपलब्ध हो पाते थे। जिन लोगों के पास कनेक्शन नहीं थे वह लोग इस बात के लिए तरसते थे कि हमें भी रसोई गैस के सिलेंडर और कनेक्शन मिल जाते। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के कारण यह संभव हो सका है।

उत्तर प्रदेश में पीएम के मार्गदर्शन में नारी गरिमा और सुरक्षा के लिए 4 वर्ष के दौरान अनेक कदम उठाए गए हैं। 2 करोड़ 61 लाख परिवारों में इज्जत घर बनवाए गए हैं। सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 1,52,000 से अधिक कन्याओं की शादी सामूहिक विवाह योजना के तहत कराई गई। बालिका के जन्म से लेकर स्नातक की शिक्षा के लिए कन्या सुमंगला योजना शुरू की गई। अब तक 7 लाख 81 हजार बालिकाएँ इस योजना से लाभान्वित हो चुकी हैं। प्रदेश में निराश्रित महिला पेंशन धारकों को भी हर माह ₹ 500 की पेंशन दी जा रही है। 29 लाख महिलाओं को इस पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। बुंदेलखंड के लगभग सभी जनपदों को छूता हुआ बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे तेजी के साथ कार्य करते हुए अब तक लगभग 70 फ़ीसदी कार्य पूरा कर चुका है। नवंबर 2021 तक यह एक्सप्रेस वे भी बन करके तैयार हो जाएगा।

डिफेंस कॉरिडोर में दो महत्वपूर्ण स्थल, एक चित्रकूट है और एक झांसी है। झांसी में 3000 एकड़ लैंड बैंक बना कर वहां पर निवेश की प्रक्रिया को तेज करने का कार्य किया जा रहा है। चित्रकूट में भी प्रदेश सरकार ने लगभग डेढ़ सौ एकड़ का एक लैंड बैंक अब तक तैयार किया है। वर्षों से जल के लिए अभिशप्त बुंदेलखंड को जल जीवन मिशन में हर घर नल की योजना का काम 40 फीसदी से ज्‍यादा पूरा हो चुका है।

बुंदेलखंड में चित्रकूट में एयरपोर्ट और ललितपुर में भी एयरपोर्ट के निर्माण की कार्रवाई युद्ध स्तर पर चल रही है। 2014 तक मात्र एक करोड़ 47 लाख लोगों के पास एलपीजी के कनेक्शन थे, और आज प्रदेश में तीन करोड़ 25 लाख लोगों के पास रसोई गैस के अपने कनेक्शन है। यह उज्जवला योजना के माध्यम से ही संभव हो पाया है।

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