शिवपुर रेलवे साइडिंग का बुरा हाल ट्रांसपोर्टर परेशान
वाराणसीl शिवपुर रेलवे साइडिंगपर प्रतिमाह 30 से 32 रैक लगती हैl इससे रेलवे को लगभग 2.4 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होती है l वही रेलवे साइडिंग पर सुविधाएं न होने से ट्रांसपोर्टरों में नाराजगी व्याप्त हैl
ट्रासपोर्टरों का माने तो इस रेलवे साइडिंग पर विभिन्न कंपनियों के सीमेंट, नमक, खाद और आर एफ सी के गेहूं की लगभग 30 से 32 रैक प्रतिमाह लगती हैl इससे लगभग सरकार को 2.4 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होती हैl लेकिन ट्रांसपोर्टरों के लिए इस स्टेशन पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई हैl ऊपर से 24 घंटे माल उतारने के नए नियम लाकर ट्रांसपोर्टरों को परेशान किया जा रहा हैl माल समय से ना उतारने पर डेढ़ सौ रुपए प्रति घंटे प्रति बैगन के हिसाब से पेनाल्टी के रूप में लिया जाता हैl इस न्याय नियम से ट्रांसपोर्टरों को भारी नुकसान हो रहा हैl ट्रांसपोर्टर अशोक कुमार सिंह का कहना है कि एक सप्ताह पहले रेलवे प्रशासन को ज्ञापन देकर हम लोगों ने अपनी समस्याओं से अवगत करायाl इसके बावजूद भी रेलवे प्रशासन के कानों पर जूं नहीं रेंगा l यदि जल्द ट्रांसपोर्टरों को सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराई गई तो सभी ट्रांसपोर्टर रेल का चक्का जाम करने के लिए बाध्य होंगेl ट्रांसपोर्टर राकेश गुप्ता और बसंत खन्ना का कहना है कि एक रैक का माल हटता नहीं है कि दूसरी रेट लगा दी जाती हैl इससे माल उतारने में काफी दिक्कत होती है यही नहीं माल की बोरी फट गई है तो दूसरा माल उसमें मिल जाने पर बटोरने में दिक्कत होती हैl
ट्रांसपोर्टर संजीव जायसवाल, दीपक वालिया का कहना है कि जल्द ही ट्रांसपोर्टरों को क्लास वन की सुविधा मुहैया कराई जाएl ट्रांसपोर्टर बजरंग अग्रवाल, आरपी अग्रवाल, देवेंद्र कुमार रस्तोगी, रामबृक्ष, अशोक तिवारी और अजय सिंह का कहना है कि सरकार को जब ट्रांसपोर्ट इतना अधिक शुल्क दे रहे हैं तो उनको सुविधाएं भी मिलनी चाहिए लेकिन रेलवे प्रशासन का इस तरफ थोड़ा भी ध्यान नहीं दिया जाता हैl रेलवे प्रशासन द्वारा ट्रांसपोर्टरों को सुविधा नहीं मुहैया कराई गई तो ट्रांसपोर्ट अपना माल मंगाना बंद कर देंगेl
ट्रांसपोर्टरों की मांगे
माल उतारने के लिए प्लेटफार्म बनाया जाए
प्लेटफार्म पर रात में लाइटिंग की अच्छी व्यवस्था की जाए
नाली बनाकर गंदे पानी की निकासी की जाए
प्लेटफार्म पर व्यापारी कक्ष बनाया जाए
श्रमिकों को रहने और पानी की अच्छी व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएं
माल डंप करने के लिए शेड बनाया जाए
यदि नीचे किसी ट्रांसपोर्टर का माल डंप है तो उसके उठान के बाद ही दूसरी रैक लगाई जाए
रात दिन काम कराने के लिए ड्राइवरों और मजदूरों को शौचालय फर्स्ट ऐड की सुविधाएं मुहैया कराई जाए
जब तक सुविधाएं उपलब्ध
नहीं होती हैं तब तक पेनाल्टी टी नहीं लगाई जाए