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तुष्टीकरण करने वाले अब आतंकवादियों के साथ खड़े हो गए हैं :मोदी

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहे हैं हम : मोदी

केवड़िया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले अपने स्वार्थ की खातिर अब मानवता के दुश्मनों तथा आतंकवादियों के साथ खड़े हो गए हैं और देश की एकता को खतरे में डाल रहे हैं जिनसे हर हाल में सावधान रहना होगा।श्री मोदी गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के निकट केवड़िया पहुंचे तथा उन्होंने सरदार पटेल की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने 160 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जिनमें एकता नगर से अहमदाबाद तक हेरिटेज ट्रेन का शुभारंभ शामिल है।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर सबको राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी ली जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य पुलिस की विभिन्‍न टुकड़ियां एवं बैंड शामिल हुए।श्री मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा ,“ आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। कोरोना के बाद से कई देशों की अर्थव्यवस्था की हालत चरमरा गई है, बहुत खराब है। बहुत सारे देश 30-40 सालों की सबसे ज्यादा महंगाई से आज जूझ रहे हैं। उन देशों में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। ऐसी परिस्थिति में भी भारत दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। हम एक के बाद एक चुनौतियों को पार करते हुए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हमने नए रिकॉर्ड बनाए हैं, हमने नए पैमाने भी बनाए हैं। पिछले नौ साल में देश जिन नीतियों और निर्णयों के साथ आगे बढ़ा है, उसका प्रभाव भी आज जीवन के हर क्षेत्र में देख रहे हैं।

”कांग्रेस नेता श्रीमती सोनिया गांधी के इज़रायल हमास संघर्ष के बारे में लेख के दो दिन बाद श्री मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा, “देश की एकता के रास्ते में, हमारी विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट है तुष्टीकरण की राजनीति। भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता और उसकी विकरालता कभी दिखाई नहीं देता। तुष्टीकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में संकोच नहीं हो रहा है। वे आतंकी गतिविधियों की जांच में कोताही करते हैं, वे देशविरोधी तत्वों पर सख्ती करने से बचते हैं। तुष्टीकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वे आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाती है। ऐसी सोच से किसी समाज का भला नहीं हो सकता। इससे कभी देश का भी भला नहीं हो सकता। एकता को खतरे में डालने वाली ऐसी सोच से हर-पल, हर समय, देश के हर कोने में, हर देशवासी को सावधान रहना है।

“प्रधानमंत्री ने कहा,” अभी देश में चुनाव का भी माहौल बना हुआ है। राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया चल ही रही है और अगले साल लोकसभा के भी चुनाव होने वाले हैं। देश में एक बहुत बड़ा राजनीतिक धड़ा ऐसा है जिसे सकारात्मक राजनीति का कोई तरीका नहीं दिख रहा। दुर्भाग्य से ये धड़ा ऐसे-ऐसे हथकंडों को अपना रहा है, जो समाज और देश के खिलाफ है। ये धड़ा अपने स्वार्थ के लिए देश की एकता अगर टूटती भी है, तो उनके लिए, उनका स्वार्थ सर्वोपरि है। इसलिए इन चुनौतियों के बीच आप मेरे देशवासी, जनता-जनार्दन, आपकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। ये लोग देश की एकजुटता पर चोट करके अपना राजनीतिक हित साधना चाहते हैं। देश इनसे सतर्क रहेगा, तभी विकास के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएगा।

“श्री मोदी ने कहा,“ हमें विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए देश की एकता बनाए रखने का प्रयास एक पल भी छोड़ना नहीं है, एक कदम भी पीछे रहना नहीं है। हमें निरंतर एकता के मंत्रों को जीना है। एकता को साकार करने के लिए हमें अपना निरंतर योगदान देना है। हम जिस भी क्षेत्र में हो, हमें उसमें अपना शत-प्रतिशत देना है। आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भविष्य देने का केवल ये उत्तम से उत्तम मार्ग है।

”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा,“ देश के पहले गृह मंत्री होने के नाते लौह पुरूष सरदार पटेल, देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर बहुत सख्त रहते थे। पिछले नौ वर्षों से देश की आंतरिक सुरक्षा को कई मोर्चों से चुनौती मिलती रही है। लेकिन हमारे सुरक्षाबलों की दिन-रात की मेहनत भी और उसकी वजह से देश के दुश्मन अपने मंसूबों में पहले की तरह कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। लोग अब भी उस दौर को नहीं भूले हैं, जब भीड़ भरी जगहों पर जाने से पहले मन शंका से भर जाता था। त्योहारों की भीड़, बाजार, सार्वजनिक स्थान और जो भी आर्थिक गतिविधियों के केंद्र होते थे, उन्हें निशाना बनाकर देश के विकास को रोकने की साजिश होती थी।

”श्री मोदी ने कहा, “लोगों ने बम विस्फोट के बाद की तबाही, बर्बादी देखी है। उसके बाद जांच के नाम पर उस समय की सरकारों की सुस्ती भी देखी है। आपको, देश को उस दौर में वापस लौटने नहीं देना है, हमारे सामर्थ्य से उसे रोकते ही रहना है। जो लोग देश की एकता पर हमले कर रहे हैं, हम सभी देशवासियों को उन्हें जानना है, पहचानना है, समझना है और उनसे सतर्क भी रहना है।”उन्होंने कहा,“ आने वाले 25 साल, भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। इन 25 वर्षों में हमें अपने इस भारत को समृद्ध और विकसित बनाना है। आजादी के पहले 25 साल का एक ऐसा कालखंड आया था जिसमें हर देशवासी ने स्वतंत्र भारत के लिए खुद को खपा दिया था। अब समृद्ध भारत के लिए, वैसे ही अगले 25 वर्ष का अमृतकाल हमारे सामने अवसर बनके आया है।

”उन्होंने कहा,“ आज पूरी दुनिया भारत को देख रही है। आज भारत उपलब्धियों के नए शिखर पर है। जी 20 में भारत के सामर्थ्य को देखकर दुनिया हैरान हो गई है। हमें गर्व है कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की साख को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। हमें गर्व है कि अनेक वैश्विक संकटों के बीच हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि अगले कुछ वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहे हैं। हमें गर्व है कि आज भारत चांद पर वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। हमें गर्व है कि आज भारत के प्रोफेशनल्स, दुनिया की अरबों-खरबों डॉलर की कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। हमें गर्व है कि आज दुनिया के बड़े-बड़े खेल आयोजनों में तिरंगे की शान लगातार बढ़ रही है। देश के युवा, बेटे-बेटियाँ रिकॉर्ड संख्या में मेडल जीत रहे हैं।

”उन्होंने कहा,“ भारत में गरीबी कम हो रही है। पांच वर्षों में साढ़े 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। हमें ये विश्वास मिला है कि हम देश से गरीबी को खत्म कर सकते हैं। हमें इसी दिशा में निरंतर आगे बढ़ते ही रहना है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी के लिए ये समय बहुत महत्वपूर्ण है। किसी को भी ऐसा कोई काम नहीं करना है जिससे देश की स्थिरता पर आंच आए। हमारे कदम भटकने से हम लक्ष्य से भी भटक जाएंगे। जिस परिश्रम से 140 करोड़ भारतीय देश को विकास के पथ पर लेकर आए हैं, वो कभी भी व्यर्थ नहीं होना चाहिए। हमें भविष्य को ध्यान में रखना है, और अपने संकल्पों पर डटे रहना है।

”प्रधानमंत्री ने कहा,“ इस अमृत काल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को हटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाए गए गैर-जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। भारतीय दंड संहिता की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है। इंडिया गेट पर अब नेताजी सुभाष की प्रतिमा हमें प्रेरणा दे रही है। किसने सोचा था कि कभी जम्मू- कश्मीर, अनुच्छेद-370 से मुक्त भी हो सकता है। लेकिन आज कश्मीर और देश के बीच अनुच्छेद -370 की दीवार गिर चुकी है। आज जम्मू-कश्मीर के भाई-बहन, आतंकवाद के साये से बाहर आकर खुली हवा में सांस ले रहे हैं, देश के विकास में कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं।

’’उन्होंने कहा, “सरदार साहब जहां भी होंगे सबसे ज्यादा प्रसन्नता अनुभव करते होंगे और हम सबको आशीर्वाद देते होंगे।”श्री मोदी ने कहा,“ संकल्प से सिद्धि का एक बहुत बड़ा उदाहरण हमारा ये एकता नगर भी है। दस-15 वर्ष पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि केवड़िया इतना बदल जाएगा। आज एकता नगर की पहचान वैश्विक हरित नगर के तौर पर हो रही है। यही वो शहर है जहां से दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचने वाले मिशन लाइफ की शुरुआत हुई थी।”

दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने जा रहे हैं हम : मोदी

एकतानगर :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां कहा कि अगले कुछ सालों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आथिर्क शक्ति बनने जा रहे हैं।श्री मोदी ने अपने गुजरात के दो दिन के दौरे के दूसरे दिन आज यहां राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को देख रही है। आज भारत उपलब्धियों के नए शिखर पर है। जी-20 में भारत की सामर्थ्य को देखकर दुनिया हैरान हो गई है।

उन्होंने कहा “हमें गर्व है कि हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। हमें गर्व है कि अनेक वैश्विक संकटों के बीच भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि अगले कुछ वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आथिर्क शक्ति बनने जा रहे हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा “हमें गर्व है कि आज भारत चांद पर वहां पहुंचा है जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। हमें गर्व है कि आज भारत तेजस लड़ाकू विमान से लेकर आईएनएस विक्रांत तक खुद बना रहा है। हमें गर्व है कि आज भारत में हमारे प्रोफेशनल दुनिया की अरबों डॉलर की कंपनियों को चला रहे हैं नेतृत्व कर रहे हैं।

हमें गर्व है कि आज दुनिया के बड़े-बड़े खेल आयोजनों में तिरंगे की शान लगातार बढ़ रही है। हमें गर्व है कि देश के युवा बेटे बेटियां रिकॉर्ड संख्या में पदक जीत रहे हैं। इस अमृत काल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्याग कर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है।”(वार्ता)

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