भारत में सीरम से पहले ये कम्पनी ला सकती है कोरोना वैक्सीन
नई दिल्ली : भारत में उपलब्ध होने वाली कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन फाइजर की हो सकती है। फाइजर इंडिया ने अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज अथॅराइजेशन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के सामने अप्लाई किया है। भारत में ऐसा करने वाली यह पहली कंपनी है। इसकी पेरेंट कंपनी को यूनाइटेड किंगडम और बहरीन में ऐसा अप्रूवल मिल चुका है। अगर डीसीजीआई से फाइजर इंडिया को मंजूरी मिल जाती है तो भारत में उपलब्ध होने वाला पहला टीका उसका हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने भी डीसीजीआई से अपनी वैक्सीन के लिए ऐसी ही अनुमतियां मांगी हैं। कंपनी भारत में ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कविशिएल्ड के लिए मंजूरी चाहती है।
भारत में नहीं हुआ है इस वैक्सीन का टेस्ट :
फाइजर इंडिया ने 4 दिसंबर को आवेदन किया है। यह वैक्सीन जर्मन फार्मा कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर बनाई गई है। यह mRNA जैसी ऐडवांस्ड तकनीक पर आधारित है। वैक्सीन का कोडनेम BNT162b2 है। इस वैक्सीन का एफेकसी डेटा दिखाता है कि यह 95% तक असरदार है, मगर भारत में इसका ट्रायल नहीं हुआ है। भारत में इस वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए कंपनी को वही डेटा देना होगा जो उसने यूके रेगुलेटर के सामने रखा है।
भारत के लिए कितनी मुफीद है यह वैक्सीन? :
फाइजर की वैक्सीन के साथ सबसे बड़ी समस्या कोल्ड स्टोरेज की है। इसे -70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करना पड़ता है। भारत जैसे देश में इतने कम तापमान पर वैक्सीन स्टोरेज का इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि महामारी के दौर में कपंनी केवल सरकारी ठेकों के जरिए ही वैक्सीन सप्लाई करेगी। वैक्सीन के दाम भी अमेरिका में 40 डॉलर से ज्यादा हैं, ऐसे में भारत में इसकी कीमत और ज्यादा रह सकती है।
फाइजर के सीईओ ने कहा, ट्रांसमिशन रोकने के बारे में पता नहीं :
फाइजर की वैक्सीन को दो देशों में इस्तेमाल की मंजूरी के बीच, कंपनी के सीईओ डॉ अल्बर्ट बूर्ला का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि उनकी वैक्सीन जिन लोगों को लगेगी, वे आगे संक्रमण फैलाएंगे या नहीं। उन्होंने एनबीसी से बातचीत में कहा कि इसपर और जांच की जरूरत है, अभी उन्हें जितना पता है, उसके आधार पर वे कुछ भी कन्फर्म नहीं कह सकते।
भारत में इन वैक्सीन का चल रहा क्लिनिकल ट्रायल :
सीरम इंस्टिट्यूट के अलावा देश में कई अन्य वैक्सीन का भी क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ रिसर्च (ICMR) की Covaxin फेज 3 ट्रायल्स से गुजर रही है। इसके अलावा जायडस कैडिला की वैक्सीन ZyCov-D भी फेज 2/3 ट्रायल में है। रूस में बनी कोविड वैक्सीन Sputnik V का ट्रायल भी देश में चल रहा है।