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नशे से बचकर ही खुद को और देश के भविष्य को बचा पाएंगे युवा: मुख्यमंत्री

गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह के मुख्य आयोजन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को ड्रग्स और मोबाइल फोन के नशे से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग मस्तिष्क, दृष्टि और क्षमता को कमजोर करता है। सीएम ने युवाओं से भविष्य की चुनौतियों और तकनीक के नए युग-AI, ड्रोन, रोबोटिक्स-के प्रति खुद को तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने हिम्मत, धैर्य, टीमवर्क और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को सफलता की कुंजी बताते हुए कहा कि शॉर्ट कट का रास्ता जीवन में सफलता नहीं देता। समारोह में उत्कृष्ट संस्था और मेधावियों को पुरस्कृत किया गया।

  • गोरखपुर में शिक्षण संस्थानों के समारोह में मुख्यमंत्री ने दी युवाओं को नशामुक्त जीवन और तकनीक के सही उपयोग की सीख

गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज युवाओं के सामने दो चुनौतियां सामने हैं। एक ड्रग्स का नशा और दूसरा मोबाइल या स्मार्टफोन का नशा। इन दोनों ही नशे से बचना होगा। इनसे युवा जितना बच पाएंगे, उतना ही खुद को और देश के भविष्य को भी बचा पाएंगे। नशे से बचकर ही युवा अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर पाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 93वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन पर आयोजित मुख्य महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं को मोबाइल फोन के नशे से दूर रहने की सलाह दी।

एक शिक्षक और अभिभावक के रूप में मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि आपको सतर्क रहना होगा क्योंकि नशा माफिया तेजी के साथ युवा पीढ़ी को अपनी चपेट में लेने का कुत्सित प्रयास करता है। अकादमिक संस्थाओं को भी इसके प्रति उतना ही अलर्ट रहना पड़ेगा। सीएम योगी ने कहा कि युवाओं को इसके खिलाफ एक नई लड़ाई लड़ने के लिए अपने आप को तैयार करना पड़ेगा क्योंकि देश का दुश्मन किसी न किसी रूप में आपके बीच में घुसना चाहता है। उसको हम अवसर नहीं दें।

मस्तिष्क को कुंद कर देगा स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्मार्टफोन पर युवाओं का अत्यधिक समय खर्च हो रहा है, इसको कम करना होगा। उन्होंने युवाओं को समझाया, हालांकि एकाएक यह कर पाना कठिन होगा, इसलिए धीरे-धीरे कम करिए। आवश्यक हो तभी आधा या एक घंटा तक ही आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करिए। समय तय करिए कि मुझे जब आवश्यक बात करनी है तभी बात करूंगा, अनावश्यक नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग आपकी आंख की साइट को प्रभावित करेगा। मस्तिष्क को कुंद कर देगा, बुद्धि, विवेक और शारीरिक क्षमता को भी यह पूरी तरह कमजोर कर देगा। इसलिए स्मार्टफोन से जितना बच सकते हैं, बचने का प्रयास करना चाहिए।

तकनीक से अपने आप ही जुड़ जाएंगे रोजगार के नए अवसर

समय और तकनीक के साथ चलते हुए भविष्य की चुनैतियों के लिए खुद को तैयार करने की सीख देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ड्रोन और रोबोटिक्स के एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। हममें से कोई व्यक्ति उससे अपने आप को अलग नहीं कर सकता। हमें करना भी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उस मानसिकता से भी उबरना पड़ेगा कि तकनीक आएगी तो रोजगार के अवसर कम करेगी। यह तथ्य सही नहीं है बल्कि तकनीक आएगी रोजगार के नए अवसर अपने आप ही जुड़ जाएंगे। हमें अपने आप को उसके अनुरूप शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना होगा।

हिम्मत न हारने वाला ही जीतता है

समारोह में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में जीतता वही है जो हिम्मत नहीं हारता है और धैर्य बनाए रखता है। उन्होंने कहा कि जीवन में हार तभी होती है जब हम हमारा दृष्टिकोण नकारात्मक होता है। दूसरों को कोसने की बजाय, अंधकार को धिक्कारने की बजाय, यदि हम ‘आओ मिलकर दीया जलाएं’ का काम करने लग जाएं, हर व्यक्ति मिलकर एक साथ आगे बढ़ने लग जाए तो कहीं भी अंधकार नहीं रहेगा।

शार्ट कट से नहीं मिलेगी सफलता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और टीम वर्क का महत्व समझाते हुए कहा कि यह केवल एक गेम में नहीं बल्कि पूरी जनरेशन में उपयोगी होता है। हमें अपने आप को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से, टीम वर्क से जोड़ना पड़ेगा। कहा कि यह भी याद रखना होगा, शॉर्ट कट का रास्ता कभी जीवन में सफलता नहीं प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति और संस्था को हमेशा इस बात के लिए तैयार होना होगा कि तकनीक जितना आसान जीवन को कर रही है, उतनी ही चुनौतियां और कठिनाई भी हमारे सामने प्रस्तुत कर रही है। युवाओं और अकादमिक संस्थाओं को उसके प्रति अपने आप को तैयार करना होगा।

संस्थाओं और मेधावियों को किया गया पुरस्कृत

संस्थापक सप्ताह के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं में से उत्कृष्ट संस्था, उत्कृष्ट शिक्षक, उत्कृष्ट कर्मचारी, उत्कृष्ट परिचारक और स्नातकोत्तर, स्नातक एवं हाईस्कूल-इंटर के उत्कृष्ट विद्यार्थियों तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। मंच से करीब डेढ़ सौ पुरस्कार वितरित किए गए। करीब सात सौ पुरस्कार, संस्थाओं के माध्यम से वितरित किए जाएंगे।

प्रो यूपी सिंह स्मृति ग्रंथ सहित दो पुस्तकों का हुआ विमोचन

संस्थापक समारोह के मुख्य महोत्सव में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह स्मृति ग्रंथ और एमपीपीजी कॉलेज जंगल धूसड़ की पुस्तक ‘जीवन मूल्य प्रमाण पत्र संग्रह पाठ्यक्रम’ का विमोचन हुआ। इस दौरान सीएम योगी ने प्रो. यूपी सिंह स्मृति ग्रंथ की प्रकाशन संस्था प्लाक्षा के प्रबंध निदेशक सौरभ सिंह को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया।

संस्थापक सप्ताह के मुख्य महोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह में स्वागत संबोधन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह, आभार ज्ञापन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष राजेश मोहन सरकार और संचालन डॉ. श्रीभगवान सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. रामचंद्र रेड्डी, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर की कुलपति प्रो. कविता शाह, मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय मीरजापुर की कुलपति प्रो. शोभा गौड़, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, राजेश त्रिपाठी, विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेशनाथ, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सभी पदाधिकारी व सदस्य, परिषद से जुड़ी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों व विद्यार्थियों की सहभागिता रही।

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