मालदीव के ‘ग्रेटर माले परियोजना’ से जुड़े समझौते पर हुए हस्ताक्षर, भारत की मदद से होगी तैयार
भारत की वित्तीय सहायता से तैयार होने वाली ‘ग्रेटर माले संपर्क परियोजना’ के लिए आज मालदीव के राष्ट्रीय योजना, आवास और बुनियादी ढांचा मंत्रालय और भारतीय कंपनी एफकॉन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
क्या है ‘ग्रेटर माले परियोजना’?
यह मालदीव की सबसे बड़ी ढांचागत परियोजना है। भारत इसे वित्त पोषित कर रहा है। इसके लिए 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय मदद और 40 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता दी जाएगी। योजना के तहत माले में 6.74 किमी लंबा पुल और सेतु लिंक तैयार किया जाएगा और यह परियोजना राजधानी माले को नजदीकी द्वीपों विलिंगली, गुल्हिफाल्हू और थिलाफुशी से जुड़ेगी।
मालदीव की विकास यात्रा का निर्णायक क्षण साबित होगी यह परियोजना
मालदीव के विदेश मंत्री राष्ट्रपति अब्दुल्ला शाहिद ने इसे मालदीव की विकास यात्रा का निर्णायक क्षण बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत की वित्तीय सहायता से निर्मित सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना भारत और मालदीव के मजबूत संबंध दर्शाती है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को धन्यवाद देते हैं।
https://twitter.com/abdulla_shahid/status/1430789343837229059?s=20
वहीं इस ट्वीट के जवाब में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत को मालदीव का एक प्रमुख विकास भागीदार होने पर गर्व है। भारत मालदीव की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है।
https://twitter.com/DrSJaishankar/status/1430845567043702789?s=20