अयोध्या के दीपोत्सव के बाद अब देव दीपावली के जरिए पूरे विश्व को प्रभावित करेगी सनातन धर्म की आभा
काशी के ऐतिहासिक घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेज़र शो के माध्यम से दुनिया देखगी शिव महिमा व मां गंगा के अवतरण की कथा.ग्रीन क्रैकर्स के जरिए भव्य ईको-फ्रेंडली आतिशबाजी से सराबोर होगा वाराणसी का आकाश, 12 लाख दीयों से दैदीप्य होंगे काशी के घाट व कुंड.
- देव दीपावली पर सनातन संस्कृति, परंपरा व विरासत के साथ ही आधुनिकता का भी होगा समावेश
- प्रांतीय मेले में शुमार करके देव दीपावली की भव्यता को योगी सरकार के प्रयासों ने दिलाया नया आयाम
वाराणसी । योगी सरकार सनातन धर्म की आभा को पूरे विश्व में प्रसारित रही है। अयोध्या के दीपोत्सव के बाद काशी की देव दीपावली को भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। देव दीपावली पर संस्कृति, विरासत और परंपरा के संरक्षण के साथ ही अब आधुनिकता का समावेश भी दिखेगा। योगी सरकार काशी के ऐतिहासिक घाट की दीवार पर सनातन धर्म के अभिन्न अध्यायों का 3डी प्रोजेक्शन के जरिए चित्रण करेगी। प्रक्रिया के अंतर्गत, चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेज़र शो के माध्यम से आधे घंटे का शिव महिमा व मां गंगा के अवतरण पर आधारित शो का आयोजन होगा ।
तीन बार होगा शो का प्रसारण
योगी सरकार प्रांतीय मेले में शुमार करके देव दीपावली की भव्यता और बढ़ा दी है। प्राचीन संस्कृति की परंपरागत आयोजन और आधुनिकता के तालमेल ने देव दीपावली का आकर्षण पूरे विश्व में और बढ़ा दिया है। पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग लेजर शो आयोजित होगा। ये शो माँ गंगा के अवतरण और भगवान शिव की महिमा पर आधारित होगा। प्रक्रिया के अंतर्गत, आधे घंटे का शो होना निर्धारित है ,जो तीन बार प्रसारित होना प्रस्तावित है।
12 लाख दीप होंगे प्रज्वलित, ग्रीन क्रैकर्स की आतिशबाजी से रोशन होगा आसमान
काशी में 15 नवंबर को देव दीपावली मनाई जाएगी। देव दीपावली की शाम उत्तरवाहिनी गंगा के तट के पक्के घाट से लेकर पूर्वी तट तक दीपों की रोशनी में सराबोर होंगे। इसके अलावा कुंडों, तालाबों और सरोवरों के किनारे भी दीपों की रोशनी से जगमग होंगे। काशी में जन सहभागिता सुनिश्चित करते हुए करीब 12 लाख दिये जलाये जायेंगे। श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने उस पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी शो का भी आयोजन होगा जो कि ईको-फ्रेंडली होने के साथ ही काशी के आकाश रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर करने का माध्यम बनेगी।